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कोरोना काल में बढ़ी हुई फीस लौटाने के लिये डीआईओएस ने दिया 29 अप्रैल तक का समय, सभी सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड के विद्यालयों को नोटिस




मधुसूदन सिंह 

 बलिया।। जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया रमेश कुमार सिंह ने जनपद के सभी मान्यता प्राप्त स्व वित्त पोषित विद्यालय (सीबीएसई, आइसीएसई बोर्ड )के प्रबंधको / प्रधानाचार्य को पत्र भेज कर 29 अप्रैल 2023 तक कोरोना काल के सत्र 2020-21 में की गयीं शुल्क वृद्धि की आगणित धनराशि छात्र छात्राओं के शुल्क में समायोजित करने और जो छात्र पढ़ाई छोड़ चुके है उनके खातों में भेजकर आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। ऐसा नही होने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की चेतावनी भी दी गयीं है।



जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया ने अपने पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग लखनऊ के पत्रांक- रा०या०आ०/111/95/ स्कूल फीस / 2022-23 दिनांक 21.04.2023 द्वारा समस्त जिलाधिकारी को सम्बोधित तथा प्रमुख सचिव, मा०शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा उ0प्र0 लखनऊ को पृष्ठांकित पत्र प्रेषित किया गया है, जिसे आवश्यक कार्यवाही हेतु अधोहस्ताक्षरी को जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देशित किया गया है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि उ०प्र० राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन बालक अधिकार सरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 17 (1) के प्राविधानों के अन्तर्गत किया गया है। बालक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 13 व 14 के अन्तर्गत आयोग को बालक के अधिकारों का उलंघन एवं उनके सरंक्षा के अतिक्रमण की जाँच / निस्तारण कराये जाने का पूर्ण अधिकार है। उपर्युक्त विषयक मा0 उच्च न्यायालय के पारित आदेश दिनांक 06.01.2023 एवं डा० रूपेश कुमार विशेष सचिव, उ0प्र0 शासन लखनऊ के पत्र दिनांक 16.02.2023, जिसमें कोविड संक्रमण के दौरान उ०प्र० के समस्त बोर्डी के समस्त विद्यालयों द्वारा शैक्षिक सत्र 2020-21 में किये गये शुल्क बृद्धि की 15 प्रतिशत आगणित धनराशि को वर्तमान शैक्षिक सत्र में समायोजित किया जाय तथा विद्यालय के अध्ययनोपरान्त अथवा विद्यालय को छोड़कर जाने वाले विद्यार्थियों को उक्तानुसार धनराशि वापस कर दी जाय। मा० न्यायालय के पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए एक सप्ताह के अन्दर कृत कार्यवाही की आख्या मांगी गयी है।







 अतएव आप सभी विशेष सचिव, उ०प्र० शासन के पत्र संख्या-रिट-15/15-7-2023 माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-7 दिनांक 16 फरवरी 2023 (छाया प्रति संलग्न) में उल्लिखित निर्देश निम्नवत है:-

Learn council for the parties are agreed that present bunch of writ petition may be disposed of in terms of directions issued by the Supreme Court in Indian School?s case (supra). The operative portion thereof is extracted below-

139- Ordinarily, we would have thought it appropriate to relegate the parties before the regulatory authority to refix the school fees for the academic year 2020-21 after taking into account all aspects of the matter including the advantage gained by the school management due to unspent overheads/expenses in respect of facilities not availed by the students. However, that course can be obviated by the arrangement that we propose to direct in terms of this judgment.

 141. We are conscious of the fact that we are issuing general uniform direction of deduction of 15% of the annual school fees in lieu of unutilised facilities/activities and not on the basis of actual data schoolwise. As aforesaid, we have chosen to do so with a view to obviate avoidable litigation and to give finality to the issue of determination and collection of school fees for the academic year 2020-21, as a one-time measure which is the subject-matter of these appeals. We have consciously limited the quantum of deduction from annual school fees to 15% although the school management had mentioned about its willingness to provide 25% scholarship to deserving students, as we have compelled the school management to collect annual school fees for the academic year 2020-21 as was fixed for the academic year 2019-20 on which some of the school management(s) could have legitimately asked for increase of at least 10% in terms of Section 6 (5) of the 2016 Act. 6.


It is made clear that in case any fee has been paid in excess of what has been determined by the Supreme Court in the aforesaid judgment, in the case of the students still studying, the same may be adjusted in the fee to be paid in future. In case of students who have passed out or left the school, the amount may be calculated and returned to those students. Let the entire exercise be done within two months of date. 2- मा० न्यायालय द्वारा पारित उपरोक्त आदेश दिनांक 06.01.2023 के अनुपालन में प्रदेश में संचालित समस्त विद्यालयों द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-21 में लिये गये शुल्क के समायोजन / शुल्क वापसी के सम्बन्ध में शिक्षा निदेशक(मा0) एवं सभापति, माध्यमिक शिक्षा परिषद, उ0प्र0 लखनऊ के पत्रांक- शिविर / 31370/2022-23 दिनांक- 23.01.2023 द्वारा प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है। 3- आप अवगत ही है कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के दृष्टिगत शासन के पत्रांक- 756/ 15-7-2020-1(20) /2020, दिनांक- 27.04.2020 द्वारा निम्नवत् आदेश दिये गये थे:-

कोराना वायरस के संक्रमण के दृष्टिगत लाकडाउन के कारण उत्पन्न आपात परिस्थितियों के दृष्टिगत जनहित एवं छात्रहित में सम्यक विचारोपरान्त यह निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश में संचालित समस्त बोर्डो के समस्त विद्यालयों द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए शुल्क बृद्धि न की जाय तथा शैक्षणिक सत्र 2019-20 में नये प्रवेश तथा प्रत्येक कक्षा हेतु लागू की गयी शुल्क संरचना के अनुसार ही शैक्षणिक सत्र 2020-21 में छात्र/छात्राओं से शुल्क लिया जाय। यदि किसी विद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शुल्क बृद्धि करते हुए बढी हुई दरो से शुल्क लिया जा चुका है तो बढी हुई अतिरिक्त शुल्क को आगामी महिनों के शुल्क में समायोजित किया जाय।"


उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए दिनांक 29.04.2023 तक अनुपालन आख्या अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें अन्यथा की दशा में किसी भी प्रतिकूल स्थिति के लिए सम्बंधित संस्था व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगी।