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डीएम बलिया ने पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी को लिखा पत्र, की जांचोपरान्त मृत चिकित्सक के मामले मे उचित न्यायिक कार्यवाही करने की मांग

 



बांसडीह अस्पताल से अमृत फार्मेसी होंगी बंद?

बलिया।। जिलाधिकारी बलिया मंगला प्रसाद सिंह ने पूर्व बांसडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ वेंकटेस मौआर की जिला जेल मे दिनांक 16 जून 2025 की हुई संदिग्ध मौत की जांच कराने व जांच मे पाये जाने वाले दोषियों के खिलाफ उचित न्यायिक प्रक्रिया अपनाते हुए मृतक की पत्नी की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत करने का अनुरोध पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी से पत्र भेज कर किया है।





जिलाधिकारी ने अपने पत्र मे प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ जनपद बलिया के पदाधिकारियों व सदस्यों के हस्ताक्षर युक्त अनुरोध पत्र को भी अपनी चिट्ठी के साथ संलग्न किया है। पीएमएस की जनपद बलिया शाखा ने जिलाधिकारी को पत्र देकर डॉ मौआर की जिला जेल वाराणसी मे हुई संदिग्ध मौत की जांच, दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग और पीएचसी बांसडीह के परिसर मे अवैध रूप से संचालित अमृत फार्मेसी को तत्काल बंद कराने की मांग की गयी है। बता दे कि अमृत फार्मेसी को बंद करने की मांग पर दिनांक 18 जून को ही प्रभारी जिलाधिकारी / मुख्य विकास अधिकारी ने सीएमओ बलिया को एक सप्ताह मे जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश पहले ही जारी कर दिया है।



परिवहन मंत्री, बांसडीह विधायक, जिलाधिकारी संघ पीएमएस के पदाधिकारियों की हुई बैठक 

गुरुवार को नगर विधायक व परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, बांसडीह विधायक केतकी सिंह की उपस्थिति मे जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के साथ प्रांतीय चिकित्सा संघ के जिलाध्यक्ष डॉ संतोष चौधरी, मंत्री डॉ सिद्धार्थ मणि दूबे, डॉ अभिषेक मिश्रा और डॉ शत्रुघ्न राय के प्रतिनिधि मंडल ने बातचीत की। प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी व जन प्रतिनिधियों को डॉ वेंकटेस मौआर की संदिग्ध गिरफ्तारी से लेकर जिला जेल वाराणसी मे हुई संदिग्ध मौत के एक एक बिन्दुओ को मजबूती के साथ रखा। साथ ही मांग की कि डॉ मौआर की न्यायिक हिरासत मे हुई संदिग्ध मौत की जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाय।



चिकित्सकों के प्रतिनिधि मंडल की बातों को जिलाधिकारी के साथ ही परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह व बांसडीह विधायक श्रीमती केतकी सिंह ने गंभीरता के साथ सुनी। तीनो लोगों ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच होंगी व जो भी दोषी होगा, उसको बख्शा नहीं जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि मेरी प्राथमिकता मे चिकित्सक व शिक्षा हमेशा सर्वोच्च रहता है। मुझे यह भी पता है कि सरकारी चिकित्सक कितने दबाव मे अपने दायित्वों का निर्वहन करते है। कहा कि मै पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी को पत्र भेजकर इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच व जांच मे दोषी पाये जाने पर सम्बंधित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर कठोर कार्यवाही की मांग करूंगा। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि अगर डॉ मौआर की मौत अस्वाभाविक मिलती है तो मै आपको लोगों के साथ खड़ा होकर मुकदमा लिखवाऊंगा।




सारे जेल बार बार चौकाघाट जेल एक बार 

देश मे सबसे सुरक्षित जेल के रूप मे दिल्ली की तिहाड़ जेल का नाम प्रसिद्ध है। लेकिन यूपी की जेलों मे वाराणसी की चौकाघाट जेल का अपना ही स्थान है। इस जेल के संबंध मे एक मुहावरा है कि सारे जेल बार बार, चौकाघाट जेल एक बार। यह जेल मे आर्थिक अपराध मे बंद विचाराधीन कैदियों के लिये एक दुस्वप्न से कम नहीं है। ऐसे कैदी इस जेल से निकलने के बाद ऊपर वाले से प्रार्थना करते है कि हे ईश्वर भविष्य मे मुझे पुनः इस जेल मे मत भेजना। अब यह क्यों प्रार्थना करते है समझदारों के लिये इशारा काफ़ी है।