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संचारी रोग नियंत्रण अभियान को प्रभावी बनाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग

 



मच्छर पनपने वाले स्रोतों के निस्तारण के साथ ही लोगों को किया जा रहा जागरूक

बलिया ।। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जलजमाव वाले स्थलों और नालियों में कीटनाशक  का छिड़काव करने और मच्छरों के लार्वा खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करने में जुटा है। आमजन को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस आदि संचारी रोगों से बचाव के लिए लार्वीसाइड का नियमित शहरी क्षेत्रों में छिड़काव कराया जा रहा है। अभियान के दौरान जापानी इंसेफेलाइटिस के वाहक सूअरबाड़ो को चिन्हित कर आबादी से दूर किया जा रहा है। 

जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि रोस्टर बनाकर नगर पालिका के सहयोग से शहरी क्षेत्र में फागिंग एवं छिड़काव का कार्य हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जेई/एईएस के रोगी होने की  आशंका पर रोस्टर बनाकर जिला मलेरिया कार्यालय की टीम द्वारा लार्वीसाइड छिड़काव एवं फागिंग कराई  जा रही  है। इसके साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता के लिए टीम द्वारा प्रचार सामग्री जैसे पोस्टर, हैंडबिल आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। 




 जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि यह अभियान दो  अप्रैल से शुरू है और 30 अप्रैल तक चलेगा । अभियान के तहत दस दिन  मे संचारी जागरूकता गोष्टी 940, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति की 940 बैठक, नालियों की सफाई 705, झाड़ियों की कटाई 610, हुई है। वहीं अभी तक 1260  जल जमाव वाले पात्रों (कूलर, फ्रीज़, सीमेंट की टंकी) में एकत्रित जल का निस्तारण किया जा चुका है। अभियान के तहत दस दिनों मे बुखार पीड़ितों की मलेरिया जांच के लिए 1090 रक्त पट्टीकाएं बनाई जा चुकी हैं । अभी तक ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) के माध्यम से गांव में प्रधानों और आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से 260 ग्राम पंचायतों में कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा चुका है। अभियान की  साप्ताहिक समीक्षा कर रिपोर्ट शासन को नियमित रूप से भेजी जा रही है। इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए जुड़े विभाग पूरे समर्पण भाव से सहयोग कर रहे हैं। 

 जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू के मरीजो का समुचित उपचार कराए जाने के उद्देश्य से जिला अस्पताल पर 10 बेड  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पाँच बेड एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो बेड आरक्षित कराए गए हैं। अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करके पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जापानी इंसेफेलाइटिस रोग का  प्रथम वाहक सुअर है तथा बीमारी फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है | इसके लिए आबादी से बाहर  सुअर बाड़े स्थानांतरित कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से सहयोग लिया जा रहा है। 

ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से जलजमाव वाले स्थानों पर एवं नालियों मे लार्वीसाइड का छिड़काव कराया जा रहा है। वर्षा तथा दूषित जल से होने वाले बीमारियों से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पीने का पानी उबालकर प्रयोग में लाने की सलाह दी जा रही है। नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत आम लोगों को क्लोरीन युक्त पानी उपलब्ध कराने के लिए नगर पंचायत एवं नगर पालिका परिषद के अधिकारियों से आग्रह किया गया। इस अभियान मे ज़िला मलेरिया अधिकारी के साथ मलेरिया, फाइलेरिया एवं संचारी यूनिट लगातार कार्य कर रही है।