पाकिस्तान की आर्थिक कमर तोड़ने के लिये कराची पोर्ट पर भारतीय नौसेना का अटैक, बिलबिला उठा है पाकिस्तान
नई दिल्ली।। भारत द्वारा जबाबी कार्यवाही मे कराची पोर्ट पर हमला पाकिस्तान की आर्थिक रीढ़ की हड्डी को तोड़ने के लिये किया गया है। बता दे कि आर्थिक रूप से दीवालियेपन की कगार पर खड़े पाकिस्तान का 60 प्रतिशत आर्थिक आमदनी का केंद्र कराची पोर्ट ही है। यही कारण है कि भारतीय नौ सेना ने इसपर टारगेट सेट किया है।भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान की तरफ से मिसाइल अटैक के जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान पर कई अटैक किए. अटैक से पाकिस्तान के सियालकोट, रावलपिंडी, लाहौर समेत कई शहर तबाह हो गये।
वहीं, इस बीच कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है भारत की जवाबी कार्रवाई पाकिस्तान के कराची पोर्ट तक पहुंच चुकी है. गुरुवार देर रात कराची शहर में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं, जिससे अंदेशा जताया जा रहा है कि यह हमला भारतीय नौसेना की तरफ से किया गया है।
हमले से पाकिस्तान की रीढ़ की हड्डी कहा जाने वाला कराची पोर्ट ध्वस्त हो गया है। हालांकि, इस बात की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।पाकिस्तान के लिए कराची पोर्ट कितना अहम है और इकोनॉमी में ये कितना योगदान करता है आइए जानते हैं?
पाकिस्तान की रीढ़ क्यों कहा जाता है कराची पोर्ट
कराची पोर्ट, पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची में स्थित है, जो अरब सागर पर बना एक प्राकृतिक गहराई वाला बंदरगाह है. यह पोर्ट पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, क्योंकि देश का लगभग 60 प्रतिशत व्यापार यहीं से होता है. यह न केवल एक व्यापारिक केंद्र है बल्कि पाकिस्तान की सैन्य रणनीति का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है. लेकिन हाल ही में इस पोर्ट पर हुए बड़े हमले ने पाकिस्तान को एक गंभीर झटका दिया है.
कितना होता है कारोबार
करीब 11.5 किलोमीटर लंबे नेविगेशनल चैनल और 12.2 मीटर गहराई वाले इस पोर्ट पर हर साल करीब 1600 जहाज आते हैं. इसमें 30 ड्राई कार्गो और 3 लिक्विड कार्गो की बर्थ हैं. कराची पोर्ट की कार्गो हैंडलिंग क्षमता सालाना 26 मिलियन टन है, जिसमें 14 मिलियन टन लिक्विड और 12 मिलियन टन ड्राई कार्गो शामिल है. वित्तीय वर्ष 2022-2023 में, इस पोर्ट ने 41.85 मिलियन टन कार्गो का प्रबंधन किया, जिसमें 30.63 मिलियन टन ड्राई कार्गो और 1.93 मिलियन TEUs (Twenty Equivalent Units) कंटेनर शामिल थे. हर सेकंड इस पोर्ट से अरबों का लेन-देन होता है.
पाकिस्तान की इकोनॉमी में कितना योगदान?
कराची बंदरगाह सीमा शुल्क, टैरिफ और अन्य शुल्कों के माध्यम से पाकिस्तान सरकार के लिए खूब राजस्व पैदा करता है। यह लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां जैसे डॉक वर्कर, लॉजिस्टिक्स, शिपिंग भी देता है। पाकिस्तान अपनी ऊर्जा जरूरतों खासकर तेल और एलएनजी का आयात ज्यादातर कराची पोर्ट के माध्यम से ही होता है।अगर कराची पोर्ट तबाह हो जाए तो पाकिस्तान में ऊर्जा संकट पैदा हो सकता है।
कराची पोर्ट, ग्वादर के साथ चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे यानी CPEC का एक प्रमुख हिस्सा है। यह चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत मध्य एशिया और यूरोप को जोड़ने की महत्वाकांक्षा का भी प्रमुख केंद्र है।कराची बंदरगाह क्षेत्रीय व्यापार के लिए एक गेटवे के रूप में कार्य करता है, जो पाकिस्तान को भू-रणनीतिक लाभ प्रदान करता है।
व्यापार और सुरक्षा पर दोहरी मार
हालिया हमले ने पाकिस्तान को दोहरी चोट पहुंचाई है। एक ओर, पोर्ट की गतिविधियों में व्यवधान से व्यापार को बड़ा नुकसान हुआ है, जबकि दूसरी ओर, वहां स्थित नौसेना बेस को भी गंभीर क्षति पहुंची है। प्रमुख जहाजों और युद्ध सामग्री का बड़ा नुकसान हुआ है, जबकि ईंधन डिपो में लगी आग और विस्फोटों ने सुरक्षा संकट पैदा कर दिया है। इस हमले के कारण संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला ठप हो गई है और कराची तथा इस्लामाबाद के बीच संपर्क प्रणाली भी ध्वस्त हो गई है।
पाकिस्तान की आर्थिक और सुरक्षा रणनीति पर असर
कराची पोर्ट का महत्व केवल व्यापार तक सीमित नहीं है। यह पाकिस्तान की सुरक्षा रणनीति का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां से न केवल आयात-निर्यात होता है, बल्कि नौसेना की गतिवधियां भी संचालित होती हैं। ऐसे में इस पोर्ट पर हमला केवल आर्थिक नुकसान तक सीमित नहीं है।बल्कि यह पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डालता है।
कराची पोर्ट पर हर सेकंड जहाज से चार्ज लिया जाता है। हालांकि, इसकी जानकारी सटीक रूप से उपलब्ध नहीं है।पोर्ट चार्ज कई कारकों पर निर्भर करते हैं, जैसे कि जहाज का प्रकार, आकार, वजन और वह क्या माल ले जा रहा है। सामान्य तौर पर, जहाज के एक घंटे का पोर्ट चार्ज प्रति घंटे सैकड़ों या हजारों डॉलर में हो सकता है।