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1 सितंबर से बलिया शहर को स्वच्छ रखने के लिये आ रही है नई कम्पनी : चेयरमैन संत कुमार



जहां से आएगा ज्यादे कर, उस क्षेत्र का होगा ज्यादे विकास

मॉल शॉपिंग कॉमलेक्स व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भेजी जा रही है नोटिस


मधुसूदन सिंह

बलिया।। शहर में साफ सफाई का जिम्मा सँभालने वाली आरएन (पहले आर्यन ग्रुप ) ग्रुप का अगस्त माह अंतिम माह है।यह कहना है नगर पालिका परिषद बलिया के अध्यक्ष संत कुमार मिठाई लाल का। इनका कहना है 1 सितंबर से प्रदेश में सबसे अच्छा सफाई कार्य करने वाली कम्पनी लायन ग्रुप को यह जिम्मा दिया जा रहा है। इसके लिये दस्तावेजी प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है। श्री मिठाई लाल ने कहा है कि बलिया शहर को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी मेरी है, इस लिये मै वो हर कार्य करने के लिये प्रयास कर रहा हूं। कहा कि इस बार सफाई के लिये जो कर्मचारी आउटसोर्सिंग से लिये जायेंगे, उनकी संख्या पहले से कम और कम खर्च में अच्छी सफाई दी जायेगी।

जहां से मिलेगा ज्यादे राजस्व, उस वार्ड का ज्यादे विकास

चेयरमैन संतकुमार ने कहा कि इस बार नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इस व्यवस्था के तहत जिस वार्ड, जिस गली से ज्यादे राजस्व गृहकर आदि के रूप में आएगा, उसका विकास पहली प्राथमिकता पर होगा। जो गृहकर जमा नही करेगा, उसकी शिकायत पर ध्यान भी नही दिया जायेगा। यह भी कहा कि जिस क्षेत्र / गली में जल की सप्लाई नही होती है, उस क्षेत्र से तब तक जलकर की वसूली नही की जायेगी जबतक जल की सप्लाई शुरू नही की जाती है। कहा कि बहुत जल्द ही हर घर जल योजना के तहत नगर पालिका के हर घर तक सप्लाई का पानी पहुंचा दी जायेगी।





मॉल शॉपिंग काम्प्लेक्स व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को देना होगा नयी दर से कर

चेयरमैन संत कुमार ने कहा कि वो दिन लद गये है ज़ब ये लोग लाखों रूपये माहवारी की कमाई करने के बावजूद कुछ हजार रूपये सालाना टैक्स जमा करते थे। अब पूरे शहर में स्व कर निर्धारण योजना लागू की जा रही है। यह योजना प्रदेश सरकार के मुखिया महाराज जी द्वारा शुरू की गयी है। इस योजना के अनुसार ही अब गृहकर का निर्धारण होगा। अब चाहे चेयरमैन हो या आम लोग, सभी को कर देना ही पड़ेगा।

अब देखना है कि चेयरमैन संतकुमार मिठाई लाल, बलिया को साफ सुथरा रखने के लिये जो सपने संजोये है, उसको कितना सफलीभूत कर पाते है और अपने सपनों को पूरा करने के लिये क्या ये भी आर्यन ग्रुप के बराबर ही नगर पालिका से भुगतान करते है या राजस्व की बचत करते है, यह देखने वाली बात होंगी। वही बड़े लोगों से नयी दर पर गृहकर वसूली की प्रक्रिया शुरू करते है या कमजोरों की गर्दन पर नये गृहकर की छुरी रखकर वसूली की शुरुआत करते है। क्योंकि बड़ो के यहां कर्मचारी जाने से भी डरते है।