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कालाजार प्रभावित ब्लॉकों में हुआ आईआरएस का छिड़काव




पन्द्रह दिन से अधिक है बुख़ार, तो हो सकता है कालाजार

बलिया।।कालाजार एक गंभीर संचारी रोग है जो बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह ग्रामीण क्षेत्रों में नमी वाले स्थानों, चूहों के बिलों, मकान की दरारों में पायी जाती है। इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव का। 

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जनपद में पिछले तीन वर्षों में कालाजार से 10 ब्लॉक के 34 ग्राम प्रभावित हैं।इन प्रभावित ग्रामों में कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का छिड़काव 15 मार्च से 12 मई तक किया गया।

             कालाजार प्रभावित ब्लॉक

 जनपद के हनुमानगंज, मुरलीछपरा, कोटवा, रेवती, दुबहड़, चिलकहर, मनियर, बांसडीह,सोहाव,और पंदह ब्लॉक कालाजार प्रभावित हैं। खास बात यह है कि जनवरी 2023 से अभी तक कालाजार के एक भी मरीज नही पाये गए।

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूख नहीं लगना, खून की कमी, वजन घटना, त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है। यदि किसी व्यक्ति में यह लक्षण दिखें तो तत्काल नजदीकी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला चिकित्सालय पर जांच कराकर पूरा इलाज कराएं। लापरवाही बरतने पर यह बीमारी एक बार ठीक होकर भी दोबारा शुरू हो सकती है। 

  उन्होंने बताया कि प्राय: देखा जाता है कि आईआरएस छिड़काव का कार्य अधिकतर लोग पूजा घरों और रसोई घरों में नहीं कराते हैं। जिससे कि बालू मक्खी की बचे रहने की संभावना बनी रहती है उन्होंने स्लोगन के द्वारा बताया कि "कोई कमरा छूटा, सुरक्षा चक्र टूटा उन्होंने जनपदवासियों से अपील की है कि आईआरएस का छिड़काव पूजा घर, रसोईघर के साथ ही सभी कमरों की सभी दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक अवश्य करवाएं।





                ऐसे करें रोकथाम 

●घर में साफ-सफाई रखें। दीवार एवं आसपास के कोनों की नियमित और पूरी सफाई आवश्यक है। 

●घर में प्रकाश आना चाहिए।

●रोगी एवं स्वस्थ व्यक्ति की कड़ी (बालू मक्खी) को नष्ट करने के लिए छिड़काव जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक कराएं तथा तीन महीने तक घरों में किसी प्रकार की सफेदी और पुताई न कराएं। 

●कमरे के जमीन से दीवार की कुछ ऊंचाई तक पक्की दीवार की चुनाई कराएं।