Breaking News

कालाजार से बचाव के लिए आईआरएस छिड़काव जरूरी




- 15 मार्च से कालाजार प्रभावित ब्लॉक में शुरू होगा छिड़काव 

- घर के साथ रसोई एवं पूजा घरों में अवश्य करायें आईआरएस

- घर के आस-पास रखें साफ़-सफाई, करें मच्छरदानी का प्रयोग

बलिया।।जनपद में कालाजार प्रभावित ब्लॉक में 15 मार्च से छिड़काव किया जायेगा। कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ग्रामीण इलाकों के मिट्टी के घरों में पनपने वाली बालू मक्खी को छिड़काव के जरिये ही खत्म किया जा सकेगा। यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) सुनील कुमार यादव ने दी। 

उन्होंने बताया कि जिले में कालाजार से प्रभावित 10 ब्लाक हैं इसमें हनुमानगंज, मुरली छपरा, कोटवा, रेवती, दुबहर, चिलकहर, मनियर,  बांसडीह, सोहाव,पंदह ब्लॉक शामिल हैं। जिले में जनवरी 2022 से अब तक कालाजार के 14 रोगी मिले हैं। इसमें 5 वीएल (बुखार वाला कालाजार ) के रोगी एवं 9 पीकेडीएल (त्वचा वाला कालाजार) के रोगी हैं। इसमें कोटवा ब्लॉक से तीन, दुबहड़ ब्लॉक से दो, बांसडीह ब्लॉक से एक,रेवती ब्लॉक से एक, सोहाव ब्लॉक से एक, मुरली छपरा ब्लॉक से तीन रोगी, मनियर ब्लॉक से एक रोगी, हनुमानगंज ब्लॉक में दो रोगी मिले हैं। साल में तीन बार दस्तक के दौरान और दो बार आईआरएस के दौरान घर-घर कालाजार संभावित रोगियों का विशेष खोजी अभियान चलाया जाता है।







डीएमओ ने बताया कि कालाजार के संभावित लक्षण वाले व्यक्ति जांच में पॉजिटिव आने पर इलाज सुनिश्चित किया जाता है। इसके साथ ही कालाजार के मरीजों को श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में  500 रुपये  एवं पीकेडीएल के मरीज़ों को श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में 4000 रुपये एवं आशा को पॉजिटिव मरीज खोजने पर 500 रुपये देने का प्राविधान है। घरों में साल में दो बार आईआरएस (घरों के अन्दर छिड़काव ) प्रभावी ढंग से हो सुनिश्चित कराना आदि किया जाता है। आईआरएस के दौरान रसोई एवं पूजा घरों में गांव के लोगों द्वारा छिड़काव कराने से इनकार किया जाता है। जो गलत है। अतः जन समुदाय से अपील है की रसोई घर एवं पूजा घर सहित सभी कमरों की दीवारों पर छिड़काव कराना सुनिश्चित करें।

उन्होंने बताया कि कालाजार एक गंभीर रोग है जो कि बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह बालू मक्खी ग्रामीण क्षेत्रों में मकान की दरारों में पायी जाती है। इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है। किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूख नहीं  लगना,  खून की कमी,  वजन घटना, रोगी की त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं । वहीं इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है। यदि किसी व्यक्ति में उपर्युक्त लक्षण नजर आएं तो उसका तत्काल अपने नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जांच कराएं और चिकित्सक के परामर्श पर पूरा उपचार कराएं। यह बीमारी एक बार ठीक होने पर दोबारा से भी शुरू हो सकती है।इसलिए इसके उपचार में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें।