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17 दिनी परीक्षा महाकुम्भ का हुआ आगाज,5885745 छात्र छात्राएं शामिल, यूपी बोर्ड की भी साख दांव पर, कमियां उजागर न हो इस लिये मीडिया पर वंदिश



मधुसूदन सिंह 

प्रयागराज।। एशिया की सबसे बड़ी बोर्ड परीक्षा का आगाज गुरुवार 16 फ़रवरी से हो गया है। पिछले वर्षो पेपर आउट होने की घटनाओ और नकल के कारण चर्चाओं में रहने वाले यूपी बोर्ड और शासन प्रशासन की भी इस बार परीक्षा है। प्रदेश की योगी सरकार की तमाम सख़्तीयों के वावजूद भी परीक्षाओं में पिछले दिनों चाहे बोर्ड परीक्षा हो या टेट परीक्षा हो, पेपर आउट होने की घटनाओं से सरकार के नकल विहीन परीक्षा कराने के दाँवो पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता रहा है। इस बार परीक्षा केंद्रों से मीडिया को भी दूर रखते हुए पेपर के वायरल होने पर भी खबर नहीं चलाने के जिस तरह से प्रतिबंध लगाये गये है, उससे कई सवाल खड़े हो गये है। आखिर मीडिया से प्रशासन व शासन को इतना खौफ क्यों है।

 


170 बंदियों समेत 5885745 परीक्षार्थी शामिल

यूपी बोर्ड ने की परीक्षाएं 16 फरवरी शुरू हो गयी है जो 4 मार्च तक चलेंगी। बोर्ड परीक्षा को नकल मुक्त और निष्पक्ष सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इस परीक्षा में कुल 58,85,745 छात्र शामिल हैं।

बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए कुल 936 परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील के अलावा 242 अति संवेदनशील केंद्रों की पहचान की है। इस साल 10वीं कक्षा के लिए 31,16,487 और 12वीं कक्षा के लिए 27,69,258 छात्रों ने पंजीकरण कराया है। इनमें पुरुष अभ्यर्थियों की संख्या 32,46,780 है जबकि 26,38,965 छात्राएं हैं। ये उम्मीदवार 8,753 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देंगे. कुल मिलाकर 170 बंदी अभ्यर्थियों ने भी अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें 91, 12वीं और 79, 10वीं के हैं। बोर्ड के अधिकारियों ने कहा, "परीक्षा को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित करने के लिए, 1,390 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 455 जोनल मजिस्ट्रेट, 521 मोबाइल टीम और 75 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक अधिकारियों को परीक्षा केंद्रों के निरीक्षण और पर्यवेक्षण के लिए सभी जिलों में नियुक्त किया गया है।






8753 परीक्षा केंद्र पर 3 लाख वॉइस रिकॉर्डर करेंगे निगरानी 

परीक्षा को पूरी तरह नकल मुक्त बनाने के लिए 8753 केंद्रों के करीब 143 लाख परीक्षा कक्षों में तीन लाख वॉयस रिकॉर्डर वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। डीवीआर, राउटर डिवाइस और हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्शन की भी व्यवस्था की गई है। वर्ष 2023 की हाईस्कूल और इंटर दोनों की परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू हो गयी हैं। हाईस्कूल की परीक्षाएं जहां 3 मार्च को समाप्त होंगी, वहीं इंटर की परीक्षाएं 4 मार्च को समाप्त होंगी।

                     ये जिले संवेदनशील 

 बलिया, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, देवरिया, गोंडा, मथुरा, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, बागपत, हरदोई, प्रयागराज और कौशांबी सहित कुल 16 जिलों को संवेदनशील के रूप में चिन्हित किया गया है।

वेबकास्टिंग और एसटीएफ और एलआईयू की निगरानी 

वेबकास्टिंग के माध्यम से लाइव मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, संवेदनशील और अति संवेदनशील केंद्रों की निगरानी के लिए एसटीएफ और स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) को भी लगाया गया है। अभ्यर्थियों एवं आम जनता की शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष में एक कॉल सेंटर भी संचालित किया जाएगा, जिसमें दो हेल्प लाइन नम्बर 1800-180-6607 एवं 1800-180-6608 सक्रिय रहेंगे. एक ई-मेल आईडी upboardexam23@gmail.com भी उपलब्ध कराई गई है। बोर्ड की ओर से फेसबुक पेज upboardexam2023 और ट्विटर हैंडल (@upboardexam23) भी शुरू किए जा रहे हैं।

पहली बार प्राचार्य कक्ष से अलग कक्ष बना है स्ट्रांग रूम 

परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पहली बार प्राचार्य कक्ष से अलग सुरक्षित कक्ष में प्रश्नपत्रों को डबल लॉक अलमारी में रखने के लिए स्ट्रांग रूम बनाया गया है। स्ट्रांग रूम के मुख्य प्रवेश द्वार को छोड़कर बाकी सभी दरवाजों और खिड़कियों को सील कर दिया गया है।

चार रंगी वाली उत्तर पुस्तिकाओं पर भी बार कोड,हाई स्कूल में 20 अंक वाले बहु विकल्प वाले प्रश्न, ओएमआर सीट पर देना है उत्तर 

उत्तर पुस्तिकाओं की पूर्ण निष्पक्षता एवं सुरक्षा के लिए वर्ष 2023 में प्रदेश के सभी जिलों में सिले उत्तर पुस्तिकाओं को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। साथ ही सभी नंबरों पर क्यूआर कोड एवं बोर्ड का लोगो भी मुद्रित कर चार रंगों में प्रिंट किया गया है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस साल उत्तर पुस्तिकाएं पहली बार 10वीं कक्षा की परीक्षा में 20 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्नों का उत्तर ओएएमआर शीट पर देना होगा. बोर्ड द्वारा परीक्षा केंद्र अधीक्षक व निरीक्षकों के प्रशिक्षण के लिए एक ऑडियो-वीडियो क्लिप तैयार की गई है. इसके लिए लिंक बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।

ज़ब इतनी सख्त सुरक्षा तो मीडिया को दूर रखने का क्या है औचित्य

थ्री लेयर की पैकिंग, थ्री लेयर की सुरक्षा व्यवस्था, प्रदेश मुख्यालय लखनऊ, बोर्ड मुख्यालय प्रयागराज, क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय वाराणसी और जिला स्तरीय कंट्रोल रूम से ज़ब लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है, एक एक कमरों और एक एक बच्चों पर कैमरों के माध्यम से निगाह रखी जा रही है। इसके अलावा एसटीएफ, एल आई यू, स्थानीय पुलिस, सभी उप जिलाधिकारी गण, बाहर की उड़ाका दल की टीम, स्थानीय उड़ाका दल की टीम नकल रोकने के लिये लगायी गयी है। फिर क्या डर है कि मीडिया पर प्रतिबंध लगाया गया है। मीडिया पर प्रतिबंध यह दर्शाता है कि शासन प्रशासन अपनी इतनी सख्त व्यवस्था के वावजूद आश्वस्त नहीं है कि नकल नहीं होंगी। यही कारण है कि अपनी कमियों को उजागर होने से रोकने के लिये मीडिया पर रोक लगायी गयी है।