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कृष्णा शिक्षा निकेतन द्वारा 22 जनवरी को आयोजित की जायेगी जनेश्वर मिश्र प्रतिभा सम्मान परीक्षा 2022-23



नरही बलिया।। समाजवाद के पुरोधा छोटे लोहिया के नाम से विख्यात श्रद्धेय जनेश्वर मिश्र जी की पुण्यतिथि आगामी 22 जनवरी 2023 को जनेश्वर मिश्र सेवा संस्थान अन्तर्गत संचालित कृष्णा शिक्षा निकेतन इंटरमीडिएट कॉलेज नरहीं के तत्वावधान में जनेश्वर मिश्र प्रतिभा सम्मान परीक्षा 2022-23 आयोजित की गयी है जिसमें गड़हांचल के सभी विद्यालयों के साथ साथ जनपद के अनेक विद्यालय के छात्र/छात्राएं प्रतिभाग करेंगे। यह परीक्षा दो चरणों में छात्रों के प्रतिभा के अनुसार चयन किया जाएगा प्रथम चरण में कक्षा 6-8 तक व कक्षा 9 से 12 तक के छात्र प्रतिभाग कर सकेंगे। दोनों चरणों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को टैबलेट, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को साइकिल,तृतीय स्थान पर ट्रॉफी नगद पुरस्कार व 10- 10 सांत्वना पुरस्कार के रुप में घड़ी दी जायेगी ।



कृष्णा शिक्षा निकेतन के प्रबंधक रविकांत उपाध्याय ने बताया कि प्रत्येक वर्ष विद्यालय का वार्षिकोत्सव 22 जनवरी से शुरू होता रहा है जो 26 जनवरी गणतंत्र दिवस को समाप्त होता है।








हर साल की भांति इस साल भी वार्षिकोत्सव 22 जनवरी से प्रारंभ होगा जिसमें---

22 जनवरी को 10 से 11 बजे तक जनेश्वर मिश्र प्रतिभा सम्मान परीक्षा 11 से 3 बजे तक

 खेल कूद प्रतियोगिता 23 जनवरी को 7 से 11बजे तक

रूद्राभिषेक 11 से 3 बजे तक

 खेल कूद प्रतियोगिता 24 जनवरी 8 से 12 बजे तक विज्ञान प्रदर्शनी 1बजे से रामचरित मानस प्रतियोगिता

 25 जनवरी को सुलेख प्रतियोगिता 3 बजे मानस पूर्णाहुति हवन पूजन

 26 जनवरी को झण्डा रोहण प्रभात फेरी बाल भोज 11 बजे से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न होने के बाद सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा जिसकी तैयारियां शुरू हो गई है।

                       


                     पंडित जनेश्वर मिश्र

पण्डित जनेश्वर मिश्र (5 अगस्त 1933 – 22 जनवरी 2010) समाजवादी पार्टी के एक राजनेता थे। समाजवादी विचारधारा के प्रति उनके दृढ निष्ठा के कारण वे 'छोटे लोहिया' के नाम से प्रसिद्ध थे। वे कई बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होने मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चन्द्रशेखर, एच डी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुज़राल के मंत्रिमण्डलों में काम किया। सात बार केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी उनके पास न अपनी गाड़ी थी और न ही बंगला। इनके नाम पर लखनऊ में एशिया का सबसे बड़ा सुन्दर पार्क सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के प्रेरणा से उत्तर प्रदेश के पुर्व युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा निर्माण कराया गया ।


जनेश्वर मिश्र का जन्म 5 अगस्त 1933 को बलिया के शुभनथहीं के गांव में हुआ था। उनके पिता रंजीत मिश्र किसान थे। बलिया में प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद 1953 में इलाहाबाद पहुंचे जो उनका कार्यक्षेत्र रहा। जनेश्वर को आजाद भारत के विकास की राह समाजवादी सपनों के साथ आगे बढ़ने में दिखी और समाजवादी आंदोलन में इतना पगे कि उन्हें लोग 'छोटे लोहिया' के तौर पर ही जानने लगे।


उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक कला वर्ग में प्रवेश लेकर हिन्दू हास्टल में रहकर पढ़ाई शुरू की और जल्दी ही छात्र राजनीति से जुड़े। छात्रों के मुद्दे पर उन्होंने कई आंदोलन छेड़े जिसमें छात्रों ने उनका बढ-चढ़ कर साथ दिया। 1967 में उनका राजनैतिक सफर शुरू हुआ। वह जेल में थे तभी लोकसभा का चुनाव आ गया। छुन्नन गुरू व सालिगराम जायसवाल ने उन्हें फूलपुर से विजयलक्ष्मी पंडित के खिलाफ चुनाव लड़ाया। चुनाव सात दिन बाकी था तब उन्हें जेल से रिहा किया गया। चुनाव में जनेश्वर को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद विजय लक्ष्मी पंडित राजदूत बनीं। फूलपुर सीट पर 1969 में उपचुनाव हुआ तो जनेश्वर मिश्र सोशलिस्ट पार्टी से मैदान में उतरे और जीते। लोकसभा में पहुंचे तो राजनारायण ने 'छोटे लोहिया' का नाम दिया। वैसे इलाहाबाद में उनको लोग पहले ही छोटे लोहिया के नाम से पुकारने लगे थे।


उन्होंने 1972 के चुनाव में यहीं से कमला बहुगुणा को और 1974 में इंदिरा गांधी के अधिवक्ता रहे सतीश चंद्र खरे को हराया। इसके बाद 1978 में जनता पार्टी के टिकट से इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे और विश्वनाथ प्रताप सिंह को पराजित किया। उसी समय वह पहली बार केन्द्रीय पेट्रोलियम, रसायन एवं उर्वरक मंत्री बने। इसके कुछ दिन बाद ही वह अस्वस्थ हो गये। स्वस्थ होने के बाद उन्हें विद्युत, परंपरागत ऊर्जा और खनन मंत्रालय दिया गया। चरण सिंह की सरकार में जहाजरानी व परिवहन मंत्री बने। 1984 में देवरिया के सलेमपुर संसदीय क्षेत्र से चंद्रशेखर से चुनाव हार गये। 1989 में जनता दल के टिकट पर इलाहाबाद से लडे़ और कमला बहुगुणा को हराया। इस बार संचार मंत्री बने। फिर चंद्रशेखर की सरकार में 1991 में रेलमंत्री और एचडी देवगौड़ा की सरकार में जल संसाधन तथा इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में पेट्रोलियम मंत्री बनाये गये। 1992 से 2010 तक वह राज्यसभा के सदस्य रहे।