Breaking News

मंत्री राकेश सचान से जुड़ा बड़ा मामला, जाने कोर्ट से क्यों भागे मंत्री




ए कुमार

कानपुर।। प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान के खिलाफ 
गिट्टी चोरी के 35 साल पुराने मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद  ACMM-3 कोर्ट ने आदेश सुरक्षित कर लिया है।
आदेश सुरक्षित होते ही कोर्ट से मंत्री के निकल भागने कि खबर मिल रही है । 





वही मंत्री राकेश सचान के वकील पर गंभीर आरोप लगे है।
वकील पर जज से आदेश की कॉपी छीनकर भागने का आरोप लगा है। बता दे कि राकेश सचान पर गिट्टी चोरी का मुकदमा चल रहा था। 
सजा की आशंका में कोर्ट से  मंत्री राकेश सचान कोर्ट से खिसक लिये।मंत्री और उनके वकील की हरकत से अफरा-तफरी का माहौल बन गया।यूपी सरकार में मंत्री और भोगनीपुर से MLA  सचान के खिलाफ यह मामला तब का है जब सचान रेलवे ठेकेदार थे।

यह है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मिनिस्टर राकेश सचान के खिलाफ अपनी सजा की फाइल लेकर कोर्ट से भागने का गंभीर आरोप लगा है. कानपुर की एक अदालत ने शनिवार को सचान को एक मामले में दोषी ठहराया था.

लेकिन अदालत सजा सुनाती, उससे पहले ही मंत्री महोदय अपने वकील की मदद से दोषसिद्धि आदेश की मूल प्रति लेकर ही फरार हो गए. यही नहीं, वह जमानत मुचलका भरे बिना ही अदालत कक्ष से भाग निकले. अब कोर्ट की पेशकार ने मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कोतवाली में तहरीर दी है.


दरअसल, साल 1991 में तत्कालीन समाजवादी पार्टी के नेता राकेश सचान से पुलिस ने एक अवैध हथियार बरामद किया था. इस मामले में उनके खिलाफ खिलाफ सशस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसी केस (729/1991) में शनिवार को कानपुर की अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट -3 की अदालत में सुनवाई चल रही थी. इस दौरान अदालत ने सचान को दोषी ठहराया. यानी राकेश सचान को अदालत दोषी साबित करके सजा सुनाने की तैयारी में थी. इससे पहले बचाव पक्ष को सजा पर बहस शुरू करने को कहा गया. लेकिन मामले में मोड़ तब आ गया जब राकेश सचान दोषसिद्धि आदेश की फाइल लेकर ही अदालत से गायब हो गए. इसके बाद पूरे अदालत और पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया.


वकील और मंत्री का अलग-अलग बयान


उधर, दोपहर में वकील की तरफ से कहा गया कि राकेश सचान बीमारी होने की वजह से ले गए, जबकि खुद मंत्री ने दावा किया कि केस में तारीख मिलने वाली थी, इसलिए वह अदालत से निकल आए. उनका कहना था कि अंतिम फैसले के लिए कोई मामला सूचीबद्ध नहीं था. राकेश सचान ने गुपचुप तरीके से अदालत कक्ष छोड़ने के आरोपों से इनकार किया.


कन्नी काटते रहे पुलिस अधिकारी


बहरहाल, यह मामला अदालत से आदेश की फाइल लेकर भागने के आरोप से जुड़ा था और कैबिनेट मंत्री पर आरोप था. लिहाजा, बीती रात ग्यारह बजे तक शहर के पुलिस के अधिकारी कुछ भी बताने से कन्नी काटते रहे.


फिर जांच कराने की कही बात


आखिर साढ़े ग्यारह बजे जॉइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने कोतवाली में आकर बताया कि कोर्ट की रीडर कामिनी की तरफ से शिकायती आवेदन मिला है. इस मामले में जांच के बाद हम कार्यवाही करेंगे. इसकी जांच कोतवाली एसीपी को सौपी गई है. राकेश सचान पर एफआईआर कब दर्ज होगी? इसका पुलिस अधिकारी कोई उचित जवाब नहीं दे सके.


राकेश सचान का परिचय


बता दें कि राकेश सचान पहले समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े थे. मतलब उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत साइकिल पर सवार होकर की थी. साल 1993 और 2002 में वह उत्तर प्रदेश की घाटमपुर विधानसभा से विधायक चुने गए थे. फिर इस नेता ने 2009 का आम चुनाव फतेहपुर सीट से कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीता. इसके बाद सचान ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. राकेश सचान कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट मौजूदा विधायक और सूबे की योगी कैबिनेट में खादी ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा, और वस्त्रोद्योग मंत्री हैं.