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व्यवसायिक विशेषज्ञों की निगरानी में इंटर्नशिप : सनबीम स्कूल के छात्रों ने सिखा व्यवसाय चयन के नये आयाम और जनपद के छात्रों को दिखाई एक नई राह

 


 बलिया। सनबीम स्कूल के व्यवसायिक इंटर्नशिप उपक्रम की जनपद में अभूतपूर्व पहल की सभी ने की मुक्त कंठ से सराहना। कहते हैं कि जब इरादे नेक हों व उत्तरोत्तर विकास के मार्ग में दूरगामी सोच, बुलंद हौसला निरंतर पथगामी बन जाए तो उपलब्धि की श्रृंखला में समाज और विभिन्न संस्थाओं  का साथ उसे और पुष्पित - पल्लवित करता है।

      जी हां, सनबीम स्कूल बलिया के इस रचनात्मक पहल की सराहना विघालय के "संकल्प सभागार" में व्यवसायिक विशेषज्ञों द्वारा हर्षित हृदय से  बारंबार की गई। अवसर था इंटर्नशिप  में प्रतिभाग किए इंटरमीडिएट छात्र-छात्राओं को सम्मान पत्र देने का। इस कौशल पूर्ण उपक्रम में उनके अनुभवों को सूक्ष्मता से जानने का और उसे साझा करने का। 

       बताते चलें कि विगत  ग्रीष्मकालीन अवकाश से पूर्व सीनियर वर्ग के विभिन्न संकाय के छात्र - छात्राओं को उनके ऐच्छिक कैरियर चुनाव के निमित्त शांति पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट, पॉलिटेक्निक कॉलेज, सिविल कोर्ट, आर्किटेक्चर सेंटर आदि विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त करने को एक सप्ताह के लिए भेजा गया था। 

उपरोक्त संस्थाओं के प्राचार्य व प्रशासनिक अधिकारी विघालय द्वारा आयोजित इस 'इंटर्नशिप प्रोत्साहन कार्यक्रम' में सहभाग कर इंटर्नशिप के छात्रों को अपने कर कमलों से प्रशिक्षण पत्र देकर सम्मानित किया। छात्र-छात्राओं ने अंग्रेजी में सधे शब्दों से धाराप्रवाह बोलकर उपस्थित हर किसी का दिल जीत लिया। पॉलिटेक्निक के प्राचार्य वी. के. सिन्हा ने कहा कि जनपद में पहली बार किसी विद्यालय ने अपने बच्चों के लिए रोजगारपरक जानकारी हेतु पहल की है।

 विद्यालय के निदेशक डॉ कुँवर अरुण सिंह जी का छात्रों को लेकर दृढ़ संकल्पता दूरदर्शिता , कार्य के प्रति निष्ठा, अनुशासन , जिज्ञासा व धैर्य  को देखकर हम लोगों का विभाग व्यस्त अध्ययापन सत्र में समयाभाव के बावजूद भी समय नियोजित कर बच्चों को अपना यथासंभव देने का प्रयास किया। 

   सिविल इंजीनियर डी. एन. सिंह ने कहा कि मैं विद्यालय की ऐसी सोच व लगन का स्वागत करता हूं और भविष्य में यथासंभव निस्वार्थ भावना से बच्चों को उचित मार्गदर्शन मिलता रहेगा। सिविल कोर्ट के कुमार अमिताभ ने विद्यालय प्रबंधन व भविष्य के प्रति जागरूक बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि- अरुण जी के इस संकल्प में योगदान देने हेतु मैं सदैव उपस्थित हूं। आर्किटेक्चर इंजीनियर सत्या पांडेय ने भी कहा कि आधुनिक अध्ययन की विशेषताओं से युक्त इस विद्यालय के बच्चों ने हमारे यहां आकर हमारा दिल जीत लिया। शांति पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट की डॉ सृजा व डॉ डोना ने भी अपने विचार रखे।





        विद्यालय के निदेशक डॉ कुँवर अरुण सिंह ने बच्चों के प्रति योगदान की समिधा में अपने अमूल्य समय की आहुति देने के लिए अतिथियों के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश में शिक्षा नवाचारी हो चुकी है। नित नए परिवर्तन हो रहे हैं। समय के साथ कदम मिलाकर चलने का संकल्प हर बच्चे के उद्देश्य को पूर्ण कर सकता है। हमें तकनीकी युक्त, सृजनात्मक नवीन शिक्षा प्रणाली का अनुगामी बनना है। सोच सकारात्मक हो तो कारवां बनता चला जाता है और सबके साथ और सहयोग मानव श्रृंखला बनती चली जाती है। अनवरत लगन से सफलता आपको निश्चित ही मिलती है।  

      विद्यालय की प्रधानाचार्या कार्यक्रम में आए अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि बच्चों के सुखद भविष्य हेतु विद्यालय कृत संकल्प है। कार्यक्रम में आए अतिथियों को विद्यालय प्रशासन द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन छात्राएं प्रिया व समृद्धि ने किया। 

   इस अवसर पर प्रशासक एस के चतुर्वेदी, हेडमिस्ट्रेस ज्योत्सना तिवारी,  कोआर्डिनेटर सहरबानो सहित कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ कोऑर्डिनेटर पंकज सिंह, स्नेहा सिंह,  सविता सिंह, मोनिका दुबे,  नवचंद्र तिवारी, जयप्रकाश यादव,अनुराग ठाकुर, स्वाति सिंह, संदीप पटेल आदि का सराहनीय योगदान रहा।