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दिल्ली में रहने वाले व्यक्ति के खिलाफ रेवती थाने में दर्ज एफआईआर चर्चा में,सीओ ने कहा जांच के बाद तय होगा दोष



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। रेवती थाना में पिछले 7 जून को दर्ज एक मुकदमा काफी चर्चा में है । इस मुकदमे में आरोपी व्यक्ति ने ट्यूट के माध्यम से आरोप लगाया है कि जिस दिन घटना दिखाई गई है उस दिन मैं दिल्ली में था । अपनी बात की पुष्टि के लिये उसने सीसीटीवी की फुटेज भी ट्यूटर पर अपलोड की है । इस संबंध में जब सीओ बैरिया से बात की गयी तो उनका कहना था कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज होता है,इसके बाद आईओ इसकी जांच करता है और साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट दाखिल करता है । इस प्रकरण में अभी यह मुकदमा प्रथम चरण में ही है । पर्यवेक्षण के दौरान मेरे द्वारा सभी तथ्यों को देखने के बाद ही चार्जशीट कोर्ट को भेजी जायेगी ।

क्या है मामला

बता दे कि रेवती थाने के सब इंस्पेक्टर रामायण सिंह पर एक व्यक्ति ने अपने ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया हैं। जानकारी के मुताबिक राजेश पांडेय उर्फ सोनु पांडेय ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसके चाचा की तहरीर पर सब इंस्पेक्टर के द्वारा मेरे खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज की गयी है।





फरियादी ने आरोप लगाए हैं कि 7 जून को मैं दिल्ली में था, लेकिन पुलिस ने 7 जून को रेवती थाना क्षेत्र में अपराध में शामिल दिखा दिया। पीड़ित के मुताबिक मेरे चाचा ने मेरे पिता पर खेत का कब्जा करने का आरोप लगाया है। जब चाचा के आरोप का मेरे पिताजी ने विरोध किया तो चाचा के द्वारा गाली-गलौज और मारपीट की गयी।





जिसके बाद चाचा की फर्जी कम्प्लेन पर इंस्पेक्टर ने मेरे खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इसके बाद से मेरे पिता काफी ज्यादा सदमे में हैं। फरियादी का कहना है कि पुलिस ने मेरे खिलाफ 7 जून का अपराध दर्ज किया है, जिसमें मेरे द्वारा किसी कन्हैया के साथ मारपीट की गई है, जबकि मैं दिल्ली में रहता हूं, उस तारीख को भी दिल्ली में था। मेरे घर में लगे सीसीटीवी इस बात का प्रमाण है।फरियादी ने मांग की है कि झूठा मुकदमा दर्ज करने वाले व्यक्ति और दर्ज करने वाले सब इंस्पेक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर कार्यवाही की जाए। 

बलिया पुलिस उवाच

हालांकि मामला दर्ज होने से पहले पुलिस के द्वारा एक ट्वीट किया गया था। जिसके मुताबिक क्षेत्राधिकारी बैरिया के द्वारा अवगत कराया गया है कि सोनू पाण्डेय के पिता अपने भाईयों के हिस्से की जमीन जबरदस्ती जोत लिए है, जिसकी सूचना पर उक्त मामले की जांच के लिए बुलाया गया था।


पूर्व में भी थाने की फोर्स गई थी तो सिपाहियों को सरकारी कार्य करने में बाधा डाली गई थी। पैसे लेने व मारपीट की बात को बलिया पुलिस द्वारा खंडन किया जाता है। क्षेत्राधिकारी बैरिया को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।