Breaking News

अरुण या विक्रांत,फैसला हो जाएगा आज,भाजपा का भाजपा से कड़ा मुकाबला



आजमगढ़ ।। पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के सहारे 37 साल बाद लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का कारनामा करने वाली योगी सरकार के लिये यो वैसे विधान परिषद का चुनाव एक तरफा दिख रहा है और भाजपा के उम्मीदवारों की जीत पक्की मानी जा रही है । लेकिन मऊ आजमगढ़ की एक सीट ऐसी है जहां भाजपा को जीत मिलेगी इसकी भविष्यवाणी नही की जा सकती है । इस सीट पर भाजपा ही भाजपा से लड़ रही है ।




बता दे कि इस सीट से अपने पुत्र रिशु को लड़ाने के लिये पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह बहुत दिनों से लगे हुए थे । लेकिन टिकट बंटवारे में विक्रांत सिंह रिशु को भाजपा ने टिकट न देकर समाजवादी पार्टी के बाहुबली विधायक रमाकांत यादव के पुत्र पूर्व विधायक अरुणकांत यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है । यही से भाजपा में बगावत के स्वर मुखरित हुए । चुनाव से कुछ दिन पूर्व भाजपा ने अपने विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह को पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ अपने पुत्र को चुनाव लड़ाने के कारण पार्टी से निलम्बित कर दिया है । एक तरफ भाजपा उम्मीदवार को अपने बाहुबली पिता के सहारे समाजवादी पार्टी के भी वोट बैंक में सेंधमारी का भरोसा है तो प्रदेश में सवर्ण राजनीति में दबदबा रखने वाले और सीएम योगी के अति करीबियों में शुमार रहने वाले पूर्व मंत्री यशवंत सिंह के पुत्र विक्रांत सिंह रिशु को सवर्ण वोटो के साथ ही अपने पिता के ओबीसी के समर्थको के सहारे अपनी जीत का पूरा भरोसा है । वही सपा प्रत्याशी व निवर्तमान एमएलसी राकेश यादव गुड्डू को सपा समर्थको का पूर्ण समर्थन मिलने का भरोसा है ।

 विधान सभा का चुनाव तो सकुशल संपन्न हो गया लेकिन विधान परिषद के चुनाव का परिणाम अभी आना बाकी है। 12 अप्रैल दिन मंगलवार को इस चुनाव का भी परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। अब यह देखना है कि परिणाम किसके पक्ष में जाता है और ताज किसके सिर सजता है। बताते चले कि विधान परिषद के इस चुनाव में आजमगढ़-मऊ स्थानीय निकाय से कुल पांच उम्मीदवार मैदान में है जिसमें भाजपा से पूर्व विधायक अरूणकांत यादव, सपा से वर्तमान विधान परिषद राकेश यादव गुड्डू व निर्दलीय उम्मीदवार विक्रांत सिंह रिषु, अमरेश कुमार व सिंकदर प्रसाद कुशवाहा है।


इसमें भाजपा उम्मीदवार अरूणकांत यादव जहां बाहुबली सपा विधायक रमाकांत यादव के पु़त्र है वहीं विक्रांत सिंह रिषु विधान परिषद सदस्य व राजनीति के माहिर खिलाड़ी यशवंत सिंह के पुत्र है। चर्चा के अनुसार, इन्हीं दो लोगों के बीच मुख्य मुकाबला बताया जा रहा है लेकिन वर्तमान विधान परिषद सदस्य राकेश यादव गुड्डू को हल्के में लेना बेमानी साबित होगी। मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। कारण पूर्वाचल के इस मंडल में जाति आधारित राजनीति हावी रहती है। जैसा कि बीते दिनों संपन्न हुए विधान सभा चुनाव के दौरान देखने को मिला भी है।


बता दे कि आजमगढ़-मऊ स्थानीय निकाय क्षेत्र में  कुल 5946 मत हैै। जिससें 2200 मतदाता यादव बिरादरी के है तथा 1700 के लगभग सवर्ण मतदाता है। शेष मतदाता सभी जातियों के है। यदि जातीय आधार पर देखा जाए तो अरूणकांत यादव व राकेश यादव गुड्डु के बीच जातीय मत बंट सकता है जो दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है । कारण यदि सवर्ण मतदाता विक्रांत सिंह रिशु के तरफ एक तरफा गए तो इनका पलड़ा भारी हो सकता है। हां यदि अरूणकांत यादव अपने जातीय मतदाताओं के साथ सवर्ण मतदाताओं की कुछ संख्या अपनी तरफ कर लिए होंगे तो यह कहने से गुरेज नहीं है कि जीत का सेहरा अपने सिर बांध लेंगे।


तो वही यदि विक्रांत सिंह रिशु सवर्ण मतदाताओं के साथ साथ यादव व अन्य बिरादरी के मतदाताओं को अपने तरफ करने में कामयाब हुए होंगे तो चुनाव जीतने में आसानी होगी। जहां तक सपा प्रत्याशी व निवर्तमान विधान परिषद सदस्य राकेश यादव गुड्डू की बात करें तो इनके तीसरे नंबर पर रहने के आसार नजर आ रहे है। दिलचस्प यह है कि इस चुनाव में दो प्रत्याशियों के पिता की प्रतिष्ठा दांव पर है अब देखना है कि इन दोनों में इज्जत कौन बचा पाता है। यह फैसला कुछ ही घंटों में हो जाएगा।