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खाकी खादी की युगलबंदी :बिहार में अवैध शराब भेजने का फलफूल रहा है बलिया में बड़ा कारोबार





मझौवां बलिया ।।  कहते है कि खाकी पर खादी का जब वरदहस्त हो,तो वह कोई भी ऐसा गैरकानूनी काम नही है जिसको वह अपने संरक्षण में न कर सके । बिहार में शराब बंदी को अगर कोई जिला सर्वाधिक प्रभावित कर रहा है,नीतीश कुमार की तपस्या को असफल कर रहा है तो वह जिला है यूपी का बलिया । यूपी के इस जिले के शराब के धंधे के अवैध कारोबारियों के लिये बिहार में पूर्ण शराबबंदी सोने पर सुहागा साबित हुई है । इस धंधे में हो रही बड़ी कमाई में अपनी मोटी कमाई के कारण पुलिस भी इसको जी जान से बढ़ाने में लगी हुई है, वही इस धंधे को संरक्षण सफेदपोश नेताओ के द्वारा दिया जा रहा है । आज हम बिहार भेजे जाने वाले एक रास्ते का खुलासा कर रहे है । अगली कड़ियों में अन्य रास्तो का खुलासा किया जायेगा ।

पड़ोसी राज्य बिहार में शासन करने वाली वर्तमान नीतीश कुमार सरकार ने पूर्ण शराबबंदी के दावे भले ही करती हो लेकिन बलिया से खादी व खाकी की जुगलबन्दी से बिहार में अवैध रूप से शराब की खेप भेजने का कारोबार जोर शोर से चल रहा हैं। हल्दी थाना क्षेत्र के हुकुम छपरा ढाले के समीप गंगा नदी से नाव के द्वारा बिहार में अवैध शराब सप्लाई का यह खेल प्रतिदिन किया जाता है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह गोरखधंधा सफेदपोश राजनेताओ और पुलिस संरक्षण की मिलीभगत से फल-फुल रहा है।



 
बताते चलें कि इस सारे कारनामे का अंजाम पुलिस के नाक के नीचे किया जाता है । यही नहीं यह धंधा दिन दूना रात चौगुना बढ़े जिससे वसूली भी बढ़े, पुलिस लगी हुई हैं। यह खेल रात के अंधेरे में चोरी चुपके किया जाता हैं ताकि कोई आम जनता शराब की तस्करी करते हुए देख कर विरोध न करें । यह अलग बात है कि सीएम योगी के अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के आदेश के प्रति दिखावा शासन प्रशासन द्वारा  फरमान जारी तो कर दिया,लेकिन अवैध शराब का धन्धा तेजी से आज भी तेजी से बढ़ रहा हैं । इतना ही नहीं इस कारोबार को बढ़ावा देने के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा ही अहम भूमिका निभाई जा रही हैं । आलम यह है कि इस धंधे के चलते किशोर भी इसकी लत के शिकार होने लगे है जिस को लेकर क्षेत्र के लोगों में ग़ुस्सा फुट रहा है। 
 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अवैध मदिरा की सप्लाई धड़ल्ले से हुकुम छपरा ढाले के सामने गंगा नदी के घाट से नाव के सहारे उस पार बिहार में की जा रही है । यह सिलसिला आज से नहीं बल्कि काफी दिनों से चल रहा है। शासन प्रशासन की लापरवाही के वजह से आम जनमानस को भी इसका असर झेलना पड़ रहा है।  स्थानीय पुलिसिया विभाग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है क्योंकि पुलिस कार्यवाही करने के बजाय दिन रात अपनी जेब भरने की फिराक में रहती है फिर जनता की भलाई कैसे कर सकती है।
  
एक स्थानीय पुलिसकर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि साहब हम लोग जब भी इस पर कार्यवाही करना शुरू करते हैं , वैसे ही ऊपर से आदेश आने लगता हैं कि तुम्हें इससे क्या मतलब है , यह कार्य आबकारी विभाग का है।  इस धंधे में लिपटे अगर कोई भी व्यक्ति पाया गया तो आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही पर पुलिस एफआईआर दर्ज कर सकती है अन्यथा की स्थिति में पुलिस ऐसे प्रकरण में कोई भी प्रभावी कदम उठाने की जगह वसूली करने को अपना हक समझती है ।