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सीएम योगी की नव गठित मंत्रिमंडल संग हुई पहली बैठक : मंत्रियों को समय से कार्य निष्पादित करने,परिजनों के हस्तक्षेप से बचने की दी सीएम ने नसीहत

 



आईआईएम लखनऊ में विशेष कार्यशाला के आयोजन का निर्देश

मधुसूदन सिंह

लखनऊ: प्रदेश में 37 साल बाद इतिहास रचते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ  ने शुक्रवार को लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश  के मुख्यमंत्री  पद की शपथ लेने के चंद घंटों बाद ही अपने नवगठित मंत्रिमंडल  के सदस्यों के साथ पहली बैठक की । मुख्यमंत्री ने अपनी पहली बैठक में ही अपने सहयोगियों को आगामी 5 साल के अपने मंसूबे को इशारों इशारों में ही बताते हुए मंत्रियों के आचरण कैसे होने चाहिये, जनता से रिश्ते कैसे होने चाहिये, को बताने का काम किया है । सीएम योगी ने यह भी बता दिया है कि सार्वजनिक कार्यो में मंत्रियों के परिजनों का हस्तक्षेप नही होना चाहिये । साथ ही मंत्रियों के समय से कार्यालय पहुंचने और फाइलों को समयावधि के अंदर निस्तारित करने का भी सुझाव देकर यह बतलाने का काम किया कि अनावश्यक रूप से फाइलों को लटकाना स्वीकार्य नही होगा ।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि योगी ने यहां लोक भवन में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ अपनी पहली बैठक में कहा कि मंत्रियों को जनता और प्रदेश की सेवा करने का एक पुनीत अवसर मिला है । इस अवसर को उपलब्धि में बदलते हुए प्रदेश के विकास और जनता की खुशहाली के लिए हम सभी को निरंतर प्रयासरत रहना होगा । मंत्री समय से अपने कार्यालय में उपस्थित होकर कार्यों का निस्तारण करें । सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मंत्रियों के कार्य, व्यवहार और आचरण पर सभी की नजर रहती है ।





परिवार के सदस्यों का न हो हस्तक्षेप,निजी स्टाफ पर भी रखे नजर

सीएम योगी ने कहा, ''ऐसी स्थिति में सभी मंत्री सादगी और शुचिता का उदाहरण पेश करें । उनके सार्वजनिक जीवन से जुड़े दायित्वों एवं कार्यों में परिवार का किसी भी स्तर पर हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए । इसी के साथ मंत्री अपने निजी स्टाफ पर भी विशेष ध्यान देते हुए उनकी गतिविधियों पर नजर रखें (बता दे कि अपने पहले कार्यकाल में सीएम योगी अपने स्टाफ की कई बार चेकिंग करा चुके है) । 

सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता एवं ईमानदारी बेहद महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने कार्यों को नीति एवं नियमों के अंतर्गत पूरा किए जाने पर जोर दिया. फाइलों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से किया जाना चाहिए और किसी भी स्थिति में पत्रावलियां लंबित नहीं रहनी चाहिए ।

जनता के साथ रखें प्रभावी संपर्क

सीएम ने कहा, ''जनप्रतिनिधि होने के नाते मंत्रियों का जनता के साथ प्रभावी संपर्क और संवाद होना चाहिए. जनता की शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए नियमित जन-सुनवाई की जाए । राज्यपाल के साथ मंत्रिमंडल की बैठक प्रस्तावित की जाए । प्रदेश के विकास को नई गति प्रदान करने के लिए आईआईएम लखनऊ में मंत्रिमंडल के सदस्यों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएं । योगी ने मंत्रियों को निर्देश दिया कि विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही भौतिक सत्यापन करते हुए जनता से इसके संबंध में फीडबैक प्राप्त करें ।