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बीजेपी का एक वादा, जो सरकार के लिये बना परेशानी का शबब

 


लखनऊ ।। प्रचंड बहुमत से बन रही भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार के सामने संकल्प पत्र का एक वादा परेशानी का शबब बन रहा है । क्योंकि इस वादे को होली के पहले ही पूरा करना है और इसको पूरा करने में खजाने पर पड़ने वाले 1400 करोड़ रुपये का बोझ सरकार के सामने बड़ी चुनौती है ।

यूपी में एक ही पार्टी की 37 साल बाद लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का यह रिकॉर्ड मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ  के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है । बीजेपी इस समय जोर-शोर से जश्‍न भी मना रही है और होली से पहले ही होली  मना रही है । लेकिन हफ्ते भर बाद आने वाला होली का त्‍योहार यूपी की राज्‍य सरकार को बड़ी कशमकश में डाले हुए है । यह कशमकश एक चुनावी वादे को पूरी करने की है ।





बता दे कि उत्तर प्रदेश में जनता को लुभाने के लिए बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कुल 130 वादे किए है ।  बीजेपी ने इन्‍हें वादे की जगह संकल्‍प कहा था यानी कि इन्‍हें पूरा करने की डबल गांरटी । इन्ही संकल्प में का एक वादा उज्‍ज्‍वला योजना के लाभार्थियों को होली तक मुफ्त में गैस सिलेंडर देने का भी है । अब यही वादा सरकार पर भारी पड़ सकता है । दरअसल, इस समय घरेलू गैस सिलिंडर के दाम 937.50 रुपये हैं । इस तरह यह वादा पूरा करने के लिए सरकार को लगभग 1400 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे । बस यही बड़ी रकम इतने जल्‍दी खर्च करना योगी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है ।


              इन वादो को भी करने होंगे पूरे

उज्‍ज्‍वला योजना के लाभार्थियों को गैस सिलेंडर देने के अलावा भी राज्‍य सरकार पर अन्य 129 वादों का बोझ है ।बीजेपी ने अपने संकल्‍प पत्र में इनका जोर-शोर से जिक्र भी किया है । जिनमे प्रमुख है --

1-  कृषि को समृद्ध बनाने के लिए अगले 5 साल तक सभी किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त में बिजली देना । यह संकल्‍प तो बीजेपी के लिए बड़े चुनावी हथियार की तरह रहा और इसके आधार पर किसानों ने बीजेपी को वोट दिया है ।

2 - 60 साल से ज्‍यादा की महिलाओं को मुफ्त में सार्वजनिक परिवहन की सुविधा देने वाले वादे ने महिलाओ के वोट प्रतिशत को बढ़ाकर बीजेपी को सहयोग दिया है ।

3-लोक सेवा आयोग समेत सारी सरकारी नौकरियों में महिलाओं की संख्या को बढ़ाकर दोगुना करने के वादे ने भी बीजेपी का जनाधार महिलाओ में बढ़ाया है । अब इस वादे को 2024 से पूर्व पूर्ण करना एक बड़ी चुनौती है ।

4 -वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाकर 1500 रुपये करने का वादा और 

5- विधवा और निराश्रित महिलाओं की पेंशन बढ़ाकर 1500 रुपये करना, सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ाने वाला है ।

6- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय मदद को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये करना ।

7- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह अनुदान योजना के तहत 1 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देना ।

8- गन्ना किसानों को 14 दिन के अंदर गन्ने के मूल्य का भुगतान करना ।

उपरोक्त कुछ ऐसे वादे है जो सीधे सीधे खजाने पर बोझ बढ़ाने वाले है । ऐसे में इनको पूरा करने के लिये सरकार वित्तीय संसाधन कहां कहां से उठाती है, देखने वाली बड़ी बात होगी ।