Breaking News

किताबी ज्ञान के साथ संस्कार का ज्ञान भी है जरूरी :डॉ सुनील ओझा

 



युवा संसद जैसे कार्यक्रम बढाते हैं युवाओं की बौद्धिक क्षमता

नेहरू युवा केन्द्र के कार्यक्रम में जुटे 1400 से अधिक युवा

बलिया ।।  युवाओं के कंधों पर राष्ट्र के नवनिर्माण की जिम्मेदारी है।  नेहरू युवा केंद्र संगठन का उक्त कार्यक्रम युवाओं में राष्ट्रीयता का प्रादुर्भाव करा रहा है।  जिससे समाज में सकारात्मक संदेश पहुंच रहा हैं। कहा कि किताबी ज्ञान के साथ ही साथ संस्कार भी जरूरी है जो अब समाप्त होता दिख रहा है ,इसको बचाने की जिम्मेदारी भी हम सभी की है। युवाओं में मोबाइल की बढ़ती लत,इनको परिश्रम और लक्ष्य से भटका रही है । कहा कि मोबाइल की लत के कारण युवाओं का सोने खाने उठने बैठने का,सबकुछ अस्तव्यस्त हो गया है । कहा कि सफलता के लिये स्वास्थ्य शरीर का होना बहुत जरूरी है और यह तभी संभव है जब समय से खाना,सोना और उठना होगा ।

युवाओं को नसीहत देते हुए कहा कि अगर मरने के बाद भी जिंदा रहना चाहते है तो या तो कुछ लिख जाओ या कुछ कर जाओ । यह तभी हो सकता है कि जब आप मोबाइल से नजदीकियों को कम करके किताबो से दोस्ती करेंगे । कहा कि आज जरूरत है अपने संस्कारो को जानने और जीवन मे उतारने की । एक संस्कार युक्त नौजवान ही समाज व राष्ट्र को उन्नति के शिखर पर पहुंचा सकता है ।

उक्त बातें  बृहस्पतिवार के दिन गंगा बहुउद्देशीय सभागार बलिया में आयोजित नेहरू युवा केंद्र संगठन बलिया के द्वारा पड़ोस युवा संसद कार्यक्रम में बतौर वक्ता बोलते हुए अमरनाथ पीजी कालेज दुबेछपरा के असिस्टेंट प्रोफेसर व बलिया एक्सप्रेस के उप संपादक डॉ सुनील कुमार ओझा ने कही ।







चुनौतियों के बीच अगर युवा लक्ष्य बनाकर चले तो मंजिल जरूर मिलेगी। जीवन में धैर्य व साहस की नितांत आवश्यकता होती है । यह बातें अपने संबोधन में मुख्य अतिथि एडिशनल चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र ने कही। 

बता दे कि नेहरू युवा केन्द्र बलिया के तत्वावधान में युवा संसद कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें जिले के सभी 17 विकास खण्डों से करीब 1400 युवाओं ने प्रतिभाग किया। सम्बोधित करते हुए रिटायर्ड चिकित्सक व रेड क्रॉस के सदस्य अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि जीवन में चुनौतियों की कमी नहीं है लेकिन जो युवा इन चुनौतियों के बीच अपने लक्ष्य की तरफ निरंतर अग्रेषित होता रहता है वही समाज में अपने आप को स्थापित कर पाता है। 

विशिष्ट अतिथि टाउन डिग्री कॉलेज के वाणिज्य विभागाध्यक्ष  डॉ साहेब दुबे ने कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को आत्मसात करके राष्ट्र के नवनिर्माण में अपनी उर्जा को लगाना समय की मांग है। विशिष्ट अतिथि डॉ जैनेंद्र पांडेय ने कहा कि भारत की प्राचीनतम ऋषि परंपरा का प्रचार प्रसार कर के ही हमें वैभवशाली भारत का नव  निर्माण कर सकते हैं। 


अंत में नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी अतुल शर्मा ने नेहरू युवा केंद्र के कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा के साथ सभी का आभार प्रकट किया।इस मौके पर प्रमुख रूप से डॉ अनिल कुमार, डॉ शैलेंद्र पांडे, एन आर एल एम से अभिषेक, जिला परियोजना अधिकारी सलभ उपाध्याय ने भी अपने वक्तव्य दिए।युवाओं ने भी अपने अपने विचार सबके सामने रखे जिसके लिए नंदिनी सिंह, सौरभ, मिठू यादव को सम्मानित भी किया गया।