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मास्क लगाकर स्तनपान कराएं, शिशुओं को संक्रमण से बचाएं नवजात के लिए संजीवनी है माँ का दूध – डॉ सिद्धार्थ

 



1 से 7 अगस्त तक चलेगा "विश्व स्तनपान सप्ताह"

धात्री महिलाओं को छह माह तक के शिशुओं को सिर्फ स्तनपान कराने के लिए किया जा रहा है प्रेरित।

बलिया ।। कोविड-19 की दूसरी लहर अभी खत्म नही हुई है। इस दौरान सभी सावधानियों और बचाव के नियमों को ध्यान में रखते हुये विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है।"स्तनपान सुरक्षा की जिम्मेदारी, साझा जिम्मेदारी"थीम के साथ शुरू हुए अभियान में आशा कार्यकत्रियों और आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देशित किया गया हैं कि वह धात्री महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रेरित करते हुए उन्हेंं साफ-सफाई के साथ मास्क लगाकर एवं शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करें। ऐसा करने से शिशुओं के संक्रमण की संभावना नहीं रहेगी। शिशु के जन्म के एक घंटे के अंदर माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध जरूर पिलाएं, क्योंकि वह दूध बच्चे के लिए संजीवनी की तरह होता है। उक्त जानकारी जिला महिला चिकित्सालय में प्रसवोत्तर केंद्र (पीoपीo सेंटर) पर कार्यरत वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सिद्धार्थ मणि दुबे ने दी। 

डॉ सिद्धार्थ ने बताया कि स्तनपान 'विकल्प' नहीं है एक 'संकल्प' है। इसकी गंभीरता को समझते हुए सभी आशा और आँगन बाड़ी कार्यकत्रियों को पूरी निष्ठा से लगना होगा । इस सप्ताह के अंतर्गत सभी आशा और आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देशित किया जाता है कि वह धात्री महिलाओं के घर जाकर शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए एवं मास्क लगाकर ही स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करें। साथ ही धात्री माता को स्तनपान के महत्व और उसके लाभ के बारे में भी बताएं। यह भी बताएं कि छह माह तक के बच्चों को सिर्फ स्तनपान ही कराएं। किसी भी प्रकार से पानी, शहद, घुट्टी आदि कदापि न पिलाएं, क्योंकि मां का दूध शिशु के लिए सम्पूर्ण आहार है। गर्भवती को यह जरूर बताएं कि प्रसव कक्ष में प्रसव के एक घंटे के अंदर नवजात शिशु को अपना पहला पीला गाढ़ा दूध जरूर पिलाएं। उन्होंने कहा कि स्तनपान सप्ताह में माताओं का सहयोग और स्तनपान को बढ़ावा दिया जाना एक महत्त्वपूर्ण गतिविधि है।

कोविड-19 में स्तनपान, लेकिन यह बातें रहें ध्यान :- 

यदि माँ कोविड से संक्रमित है या उसकी संभावना है तब भी मां मास्क लगाकर शिशु को स्तनपान करा सकती है।

यदि बच्चा बीमार है और वह कोविड से संक्रमित है और यदि वह दूध पी पा रहा है तो मां अवश्य शिशु को स्तनपान करायें।

स्तनपान अभियान की गतिविधियों को गुणवत्तापूर्वक चलाने में सहभागिता निभाना।

स्तनपान से नवजात शिशु और उसकी मां को निम्न लाभ होते हैं:- 

मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, खनिज, पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते है जिससे यह पचने में त्वरित और आसान होता है। यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

बच्चों को कई तरह के संक्रमणों जैसे दमा,एलर्जी आदि से सुरक्षित करता है।

बच्चे की बौद्धिक क्षमता में विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह किफ़ायती और संक्रमण से पूरी तरह से मुक्त होता है।

स्तनपान बच्चे और मां के  बीच भावनात्मक बंधन को बढ़ाता है।

: स्तनपान कराने वाली माताओं को स्तन और गर्भाशय के कैंसर का खतरा कम हो जाता है।