वाह रे बलिया का स्वास्थ्य विभाग : दूसरे मंजिल पर बेड खाली फिर भी आपरेशन के बाद एक बेड पर दो दो महिलाए?

 






डॉ सुनील कुमार ओझा

हल्दी,बलिया।।बलिया मे जब से नये सीएमओ डॉ संजीव बर्मन ने कार्यभार ग्रहण किया है, चिकित्सक भी मनमौजी हो गये है। सरकार की मंशा के विपरीत सिर्फ अपनी मंशा के अनुरूप कार्य कर रहे है। जनपद के एक स्वास्थ्य केंद्र पर नसबंदी के बाद बड़ी लापरवाही सामने आयी है। अस्पताल मे बेड खाली होने के बाद भी एक बेड पर दो दो महिलाओं को नसबंदी के बाद सुलाया गया। सूच्य हो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनवानी में बृहस्पतिवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया।जिसमें क्षेत्र की सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया।शिविर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगउर के सर्जन डॉ. सी०पी० पांडेय ने 20 महिलाओं की नसबंदी करते हुए उन्हें परिवार नियोजन कार्यक्रम में नसबंदी ऑपरेशन के महत्व से अवगत करवाया। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ताहिरा तबस्सुम ने ऑपरेशन कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच करते हुए उन्हें निमित्त खान-पान पर ध्यान देने के बारे में बताया।

  1 बेड पर 2-2,ऊपरी मंजिल पर बेड खाली पर नहीं किया वहाँ भर्ती 

आपरेशन कुल 20 महिलाओ का हुआ। ऑपरेशन के बाद इन महिलाओं को जनरल वार्ड में  जहां मात्र 12 बेड ही है, मे भर्ती कराया गया। यानि एक बेड पर दो दो महिलाओं को सुलाया गया था जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा,जब कि ऊपर दूसरे मंजिल पर बेड खाली था लेकिन जान बुझ कर गर्मी के दिन में आपरेशन के बाद एक बेड पर दो दो महिलाओं को सुलाया गया।

      मात्र 20 की हुई नसबंदी, बाकी को लौटाया 

केंद्र व राज्य सरकार लगातार परिवार नियोजन के कार्यक्रम को आयोजित कर परिवार को सीमित रखने के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है। पहले जहां नसबंदी के नाम पर लोग नाक भौं सिकोड़ लेते थे, आज स्थिति एकदम विपरीत है। आज महिलाएं पुरुषो से ज्यादे इसके प्रति जागरूक है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते यह योजना शत प्रतिशत धरातल पर नहीं उतर पा रही है। सोनवानी स्वास्थ्य केंद्र पर कई दर्जन गांव देहात की महिलाओं को नसबंदी कराने के लिये पहुंचना इनकी जागरूकता को प्रदर्शित करता है। लेकिन चिकित्सकों द्वारा मात्र 20 महिलाओं का ही नसबंदी करना व शेष को लौटा देना, इनकी लापरवाही को दर्शाता है।



बता दे कि पिछले 28 फरवरी को बलिया के सीएमओ पद से स्थानांतरित डॉ विजय पति द्विवेदी स्वयं एक एक दिन मे 100 से अधिक महिलाओं का ऑपरेशन करते थे, जो कि 60 वर्ष की उम्र के थे। लेकिन सोनवानी मे नौजवान चिकित्सकों के द्वारा मात्र 20 महिलाओं की ही नसबंदी करके शेष को लौटना यह साबित करता है कि ये लोग कोरम पूरा करके अपने दायित्वों का निर्वहन करने मे विश्वास करते है। ये लोग बुजुर्ग पूर्व सीएमओ से अबतक कुछ भी नहीं सीख पाये है।



लोगो की माने तो करीब 10 वर्षों के बाद सीएचसी सोनवानी पर आपरेशन हुआ है।आशाओं को यह निर्देश गया था कि नसबंदी शिविर में अधिक से अधिक महिलाओं को लेकर आना है इसलिए आशाओं के कहने पर बहुत सारी महिलाये नसबंदी कराने पहुंची।लेकिन मात्र 20 महिलाओं का ही आपरेशन किया गया। उपस्थित महिलाओं ने बताया कि सुबह से ही हम लोग बिना खाए पिये बैठी थी लेकिन 02 बजे के बाद यह कह कर लौटा दिया गया कि मात्र 20 महिलाओं का ही आपरेशन होगा।जिससे दूर दराज से आई महिलाओं में काफी आक्रोश व्याप्त था।

इस मौके पर सीएचसी सोनवानी के अधिक्षक डॉ.मुकर्रम अहमद,नर्स सरोज तिवारी, सपना,पुनीता,डॉ.संजीव यादव,चीफ़ फर्मासिस्ट बीरेंद्र कुमार सिंह,रमेश मिश्र,दयाशंकर त्रिपाठी,दिग्विजय सिंह,श्याम सुंदर पांडेय,सुनीता सिंह,दिलीप कुमार सहित सभी स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।






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