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शादी से पहले अगर किया संभोग, तो दर्ज हो सकता है मुक़दमा, “महिलाएं भोग विलास की वस्तु नहीं है” – कोर्ट

 



प्रयागराज ।। पहले पुरुष ने महिला को अपने प्रेम जाल में फ़साया, फिर उसका भरोसा जीता, फिर उससे शादी का वादा और सपने दिखाकर, उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाया, और अपनी हवस की प्यास बुझाने के बाद, पुरुष ने महिला से हमेशा के लिए नाता तोड़ लेता है और पीड़ित लड़की की अनचाही जगह पर शादी हो जाती है। 


सुनने में तो यह किसी उपन्यास या फ़िल्म की कहानी की तरह लगती है, पर अफ़सोस, यह हमारे समाज का एक कड़वा सत्य है, जो काफ़ी लम्बे समय से चली आ रही है। आज के इस युग में यह घटना आम होते जा रही है, जहा लड़के या पुरुष महिलाओं से प्यार केवल अपने शारीरिक सुख पाने के लिए ही करते है। 

इससे भी ज़्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि ऐसी चीज़ो को आज कल वेब सीरीज़ और फिल्मों में काफी बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता है, जहां हर महिला अवैध रूप से केवल यौन सम्बन्ध बनाना चाहती है। जिसका बुरा प्रभाव पड़ना लाज़मी है। लेकिन अब ऐसा करना पुरुषों के लिये अभिशाप सिद्ध हो सकता है। 

 दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह चेतावनी दी है कि शादी का झूठा वादा करके, महिलाओं के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने जैसे मामलों के खिलाफ़ एक सख़्त क़ानून बनाने की ज़रूरत है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि महिलाएं भोग विलास की वस्तु नहीं है।

जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कड़े शब्दों में कहा कि पुरुषों या लड़कों कि यह घटिया मानसिकता बन चुकी है कि लड़कियां या महिलाएं सिर्फ़ और सिर्फ़ मज़े लेने के लिए बनायीं गयी है। बेंच ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाएं आम हो चुकी है, जहा लड़के, लड़कियों से शादी का झूठा वादा करके, उनका भरोसा जीतते है, और मतलब निकल जाने के बाद, लड़किओं को धोखा दे देते है। पुरुषों के लिए यह एक शान की बात लगती है, जिसको सख़्ती से बदलने की जरुरत है। और ऐसी घटनाओं को दुष्कर्म की श्रेणी में लाने की ज़रूरत है। 

दरअसल, बेंच की इस सख़्ती भरे लहज़े के पीछे का कारण एक ऐसी ही घटना है। यहाँ पीड़िता एक महिला कांस्टेबल है जो अनुसूचित जनजाति से सम्बंधित है। आरोप यह है कि अभियुक्त ने इस महिला कांस्टेबल को अपने प्यार के जाल में फ़साया। फिर उसने कोर्ट मैरिज का बहाना बनाकर उस महिला को दस्तावेज़ लेकर होटल में बुलाया और यौन सम्बन्ध बनाया। हालांकि कि महिला का आरोप है कि यह सम्बन्ध उसके मर्ज़ी के खिलाफ़ था, और उसने उसी दिन ऍफ़ आयी आर दर्ज कराया। फिलहाल आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया था और अभी वह जेल में बंद है।

 अदालत ने पाया कि, अंतरजातीय होने के कारण, उनकी शादी में बाधाएं थी और महिला उस पुरुष के प्यार भी करती थी। महिला द्वारा बहकावे में होटल जाना भी कोर्ट ने जायज़  समझा। कोर्ट ने यह भी पाया कि आरोपी केवल उससे शारीरिक सम्बन्ध ही बनाना चाहता था न की विवाह। अतः कोर्ट ने उसे आरोपी घोषित कर दिया है। 

कोर्ट ने अंत में यह भी कहा कि ऐसे घटनाओं और मनचले शरारती पुरुषों की तादाद, समाज में बढ़ते जा रही है। जिसे रोकना अनिवार्य है और ऐसी घटनाओं को यौन उत्पीड़न और बलात्कार जैसे संगीन अपराध की श्रेणी में जल्द से जल्द लाया जायेगा। (साभार लॉ ट्रेंड)