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राज्यपाल ने जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का किया शिलान्यास

 








नई शिक्षा नीति 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों को बनाएगी सक्षम

बलिया: जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय परिसर के सभागार में बुधवार को प्रशासनिक भवन का ऑनलाइन शिलान्यास कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने बलिया की समृद्ध साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक परंपरा को याद करते हुए कहा कि यह धरती प्रणम्य है। मुझे उम्मीद है कि यह विश्वविद्यालय बलिया की समृद्ध विरासत को सुरक्षित व संरक्षित करते हुए आगे बढ़ेगा। नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में वर्तमान सरकार इसे चरणबद्ध रूप में लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह नीति प्रत्येक विद्यार्थी को स्वतंत्र रूप से खुले आसमान में उड़ने की आज़ादी देती है। मुझे उम्मीद है कि यह युवा पीढ़ी को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाएगी। उन्होंने विश्वविद्यालय में भवन निर्माण के लिए प्रदेश सरकार और विशेष रूप से उप मुख्यमंत्री प्रो दिनेश शर्मा के प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि अब विश्वविद्यालय का दायित्व है कि वह भवन निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करे और यह प्रयास करे कि भवन निर्माण का कार्य निर्धारित समय में पूरा हो। परिसर को इकोफ्रेंडली बनाने के लिए अभी से पौधरोपण का कार्य प्रारंभ करने की जरूरत है। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे विद्यार्थियों को ऐसा प्रशिक्षण दें कि अध्ययन के साथ वे आत्मनिर्भर होने की ओर उन्मुख हों। 

          इससे पूर्व मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री प्रो दिनेश शर्मा ने कहा कि इस ऐतिहासिक भूमि पर प्रशासनिक भवन का लोकार्पण होना मेरे लिए सुखद है। वर्तमान सरकार का यह प्रयास है कि शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए और इसमें आने वाली रुकावटों को प्रशासनिक स्तर पर दूर किया जाए। विश्वविद्यालय रोजगार परक पाठ्यक्रम के द्वारा आय अर्जित कर रहे हैं और आर्थिक रूप से अपने को मजबूत बना रहे हैं। इस दिशा में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय को भी प्रयत्न करने की आवश्यकता है। शासन की ओर से विश्वविद्यालय परिसर में जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिये गए हैं। संबंधित विभागों ने समन्वय स्थापित करते हुए एक कार्ययोजना भी बना ली है, जिसका सुखद परिणाम अगले कुछ महीनों में देखने को मिलेगा। 

          स्वागत उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो० कल्पलता पांडेय ने विश्वविद्यालय की अब तक की प्रगति का उल्लेख करते हुए सरकार और राज्यपाल द्वारा दिये जा रहे सहयोग के प्रति आभार प्रकट किया। कहा कि कम संसाधन के बावजूद यह विश्वविद्यालय निरन्तर विकास कर रहा है। यहां जलपान गृह बन चुका है। छात्राओं के लिए एससी-एसटी गर्ल्स छात्रावास का निर्माण शुरू हो चुका है। स्टेट बैंक की शाखा भी बहुत जल्द खुलने वाली है। निर्माणाधीन प्रशासनिक भवन को जून, 2022 तक हैंड ओवर करने का विश्वास कार्यदायी संस्था ने दिलाया है। रूरल डेवलपमेंट सेंटर खोलने के लिए राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय समस्तीपुर बिहार के साथ एमओयू हो चुका है। उन्होंने कहा कि शिक्षण-प्रशिक्षण के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विश्वविद्यालय को सरकार ने प्रदान किया है, जो हम सबके लिए गर्व की बात है। कार्यक्रम से पूर्व कुलपति प्रो पाण्डेय ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन किया।


कार्यक्रम की शुरुआत में पंडित अजय चौबे ने मंगला चरण तथा डॉ अरविंद उपाध्याय व साथियों ने कुल गीत की प्रस्तुति दी। डीएस इंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक राजेश ने प्रोजेक्ट की विस्तृत जनकारी दी। इस अवसर पर उप कुलसचिव महेश कुमार, वित्त अधिकारी ममता सिंह, एनसीसी के कमांडर कर्नल पुनीत अरोड़ा, डॉ जैनेन्द्र पांडेय, डॉ साहेब दूबे, डॉ अरविंद नेत्र पांडेय, डॉ प्रतिभा त्रिपाठी, डॉ गणेश पाठक, डॉ यादवेंद्र, डॉ निवेदिता, डॉ सुचेता, डॉ देवेंद्र सिंह, डॉ दयालानन्द, डॉ सुधाकर तिवारी,  डॉ रामशरण पांडेय, डॉ अशोक सिंह समेत विश्वविद्यालय के अपराजिता, अविनाश, शैलेन्द्र, आशीष, अतुल, वन्दना आदि स्टाफ मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव संतलाल पाल व संचालन डॉ प्रमोद शंकर पाण्डेय ने किया।