Breaking News

बलिया एक्सप्रेस की खबर पर लगायी जांच टीम ने अपनी मुहर : 10 ग्राम पंचायतों की जांच में मिली लाखो की हेराफेरी,15 ग्रापं में 94 लाख की मिली वित्तीय अनियमितता

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। बलिया एक्सप्रेस ने अपनी खबर के माध्यम से ग्राम पंचायतों में हुई लूट की पोल खोलते हुए खबर प्रकाशित कर कहा यह कि  "राजा को मालूम ही नहीं और भील लूट लिए साम्राज्य" ।

जी हाँ, यही कहावत चरितार्थ हुई है बलिया के ग्राम पंचायतों में I सरकार द्वारा दिसम्बर माह में निर्वाचित ग्राम प्रधान का कार्यकाल समाप्त होने के बाद ग्राम पंचायत के सचिव के साथ एक प्रशासक को ग्राम पंचायत की विकास की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी ।  इसके लिए कुछ निर्देश भी अवगत हुए थे जैसे विद्यालयों में कायाकल्प योजना के अनुसार सुन्दरी करण, पेयजल और स्वच्छता तथा सेनिटाइजेशन का कार्य I पंचायत चुनाव के बाद आजमगढ़ मंडल के मंडलायुक्त द्वारा बलिया के 10 ग्राम पंचायतों में अनियमितता की जांच का आदेश दिया गया था, तब तक प्रदेश के ग्राम पंचायत आयुक्त द्वारा जिले के 20 और बड़ी ग्राम पंचायतों के जांच का आदेश निर्गत हो गया I जाहिर है  ग्राम-पंचायत बड़ी होगी, तो धन भी ज्यादा आवंटित होता होगा I अगर सरकार कोई योजना या अभियान चलाती है तो उसकी गहन समीक्षा क्यों नहीं करती I अगर ऐसा होता तो बहुत सी ग्राम-पंचायतों के धन की बंदरबांट नहीं होती I जहां पर जांच का आदेश निर्गत हुआ है वहां 10 लाख से 45 लाख रुपया तक बिना किसी कार्ययोजना और ग्रामीणों के सुझाव के बिना काग़ज़ पर खर्च कर दिए गए या साफ साफ शब्दो में कहें तो लूट लिया गया I 

15 ग्रापं में 94 लाख की मिली वित्तीय अनियमितता

मण्डलायुक्त के निर्देश पर 1 से 25 दिसम्बर, 2020 के बीच हुए कार्यों की हुई जांच

पंचायत राज विभाग ने सभी सम्बन्धित पंचायत सचिव व प्रधान को जारी किया नोटिस


बलिया: मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के निर्देश पर जिले के 25 ग्राम पंचायतों में पिछले वर्ष 2020 में 1 दिसम्बर से 25 दिसम्बर के बीच हुए व्यय की जांच कराई गई, जिसमें 15 गांवों में 94 लाख से अधिक की वित्तीय अनियमितता पाई गई है। सभी सम्बन्धित पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान को नोटिस जारी कर दिया गया है। जांच के बाद मिली रिपोर्ट को जिलाधिकारी अदिति सिंह ने भी गंभीरता से लिया है, जिसके बाद इन 15 ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितता में दोषी मिलने वालों पर कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।

हल्दी, पुर, सरायभारती व रसड़ा बाहरी में सबसे ज्यादा गड़बड़ी

विकास खण्ड बेलहरी के ग्रापं हल्दी में 1 से 25 दिसम्बर के बीच 38.65 लाख रुपये खर्च कर दिए गए, जिसमें 21.13 लाख की अनियमितता मिल गई है। इसी प्रकार पंदह ब्लॉक के पुर गांव में 68 लाख खर्च कर दिए गए, जिसमें 20 लाख की अनियमितता कर दी गई। रसड़ा ब्लॉक के सरायभारती में खर्च हुए कुल 21.13 लाख में 12.91 लाख तथा ग्रापं रसड़ा बाहरी में हुए व्यय 25.84 लाख में 12.85 लाख की गड़बड़ी पाई गई है।

इन गांवों में भी हुई लाखों की अनियमितता

नवानगर ब्लॉक के सिसोटार में 5.88 लाख, नगरा ब्लॉक के गोठवा में 4.37 लाख व नरहीं में 4.36 लाख, हनुमानगंज के बसंतपुर गांव में 3.84 लाख व रामपुर महावल में 1.53 लाख, बांसडीह के महाराजपुर में 3.53 लाख, सीयर ब्लॉक के ससना बहादुरपुर में 2.16 लाख, मनियर ब्लॉक के जिगिरसड़ में 1.06 लाख, खड़सरा में 22 हजार, सोहांव के भरौली में 27 हजार 881 व सोहांव में 15 हजार 782 रुपये की अनियमितता मिली है।

हल्दी में जांच के दिन यह हुआ था वाक्या

पिछली 30 जुलाई को ग्राम विकास आयुक्त के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी श्री रंजीत राम मिश्रा और श्री देव चंद गुप्ता अभियंता लोक निर्माण विभाग  ग्राम पंचायत हल्दी विकास खण्ड बेलहरी की जांच करने पहुंचे I जांच के लिए उनके कार्यालय द्वारा एक प्रारूप पूर्व में ही सचिव को निर्गत कर दिया गया था जिसपर 1 दिसम्बर 2020 से 31 मई 2021 तक के कार्यो का विवरण प्रारूप पर उपलब्ध कराना था। उसी के सापेक्ष जांच होनी थी, लेकिन सचिव महोदय ने इसको गम्भीरता पूर्वक नहीं लिया I जिला विकास अधिकारी श्री मिश्रा जी और उनकी टीम द्वारा पहले पंचायत भवन का निरीक्षण किया गया जहां पर बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं थी I जबकि 1, 66, 231/- रुपया पंचायत भवन के फर्निचर के लिए निकाला गया है I पूछने पर सचिव साहब का निर्लज्जता पूर्वक जवाब था कि सामान अपने घर पर रखे है I 

उसके बाद प्राथमिक विद्यालय हल्दी नंबर 01, 02 ,04 और उच्च माध्यमिक विद्यालय की जांच की गयी, जहां पर पुराने इंडिया मार्का हैंडपंप में ही सबमरशिबल  डाल दिया गया है और जिसमें बिज़ली का नंगा तार लटक रहा था ,जो कि नियम विरुद्ध है I जिसकी शिकायत वहां पर उपस्थित अध्यापकों और गाँव के नागरिको द्वारा भी किया गया I किसी को भीं करंट लगने और जान जाने का खतरा हमेशा बना रहेगा I कोई जलापूर्ति का कार्य नहीं कराया गया है I स्कूल के कमरों में टाइल्स, खिड़की और दरवाजा लगाने के नाम पर लाखो रुपया निकाला गया है लेकिन धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था I सबसे बड़ी बिडम्बना सामुदायिक शौचालय की थी, बाहर से पूरी तरह रंग रोदन लेकिन अन्दर कुछ भी नहीं, ना सीट लगा है ना पानी और ना ही बिजली का कनेक्शन हुआ है I जबकि 2 बार उपरोक्त शौचालय के लिए रखरखाव हेतु 18 हज़ार रुपया स्वयं सहायता समूह को भुगतान भी कर दिया गया है I उसके बाद 142000 रुपया हाई मास्क सोलर के लिए निकाला गया लेकिन वह सोलर पैनल या बैटरी लगा कहाँ हैं? यह सचिव महोदय दिखा नहीं पाए I

यह तो अभी बानगी भर है । अगर सामुदायिक शौचालयों की गुणवत्ता जांच करा दी जाय तो 20 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में मानक के अनुरूप मिल जाय,कठिन है । घर घर बने शौचालयों में बड़ा घोटाला है,इसकी जांच कराने के लिये कोई आगे तो आये,हकीकत जान कर बेईमानो के भी पैरो तले जमीन यह देखकर खिसक जाएगी कि क्या बेईमानी ऐसी भी होती है । सरकार के जियो टैगिंग को ग्रामीण इलाकों में खूब धोखा दिया गया है । शौचालय बाहर से रंग रोगन के साथ चकाचक,अंदर सीट ही नही है ।

 ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट के नाम पर भी खूब लूट खसोट हुई है ।जांच कराने की इच्छा शक्ति के साथ कोई आये और सभी ग्रामपंचायतों की सामुदायिक शौचालय,शौचालय,कायाकल्प योजना,सोलर लाइट,पंचायत भवनों के लिये फर्नीचर खरीद, आदि की ही निष्पक्षता के साथ जांच करा दी जाय तो कई करोड़ का घोटाला एक जनपद में ही मिल जाएगा ।