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कोरोना के साथ ही डेंगू से भी बच्चों का करें बचाव : डॉ. सिद्धार्थ

 



बलिया ।। वर्तमान समय में कोरोना के साथ-साथ डेंगू से भी बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। इसके लिए जन मानस में सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है। यह बातें जिला महिला चिकित्सालय स्थित प्रसवोत्तर केंद्र में कार्यरत वरिष्ठ नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्धार्थ मणि दुबे ने कहीं। डॉ. दुबे ने कहा कि मौसम का मिजाज पल-पल बदल रहा है। कभी अचानक तेज धूप लोगों को गर्मी का एहसास कराती है तो कभी बरसात होने लगती है और मौसम सर्द हो जाता है। इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। ऐसे में बच्चों को लेकर हमें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। वजह जब मौसम में बदलाव होता है तो वह रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी)को भी परिवर्तित कर देता है। जिससे एलर्जीक और वायरल संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों को वायरल बुखार और सर्दी,खांसी होने का खतरा बना रहता है। ऐसे मौसम में सांस के रोगी, टीवी के मरीज के साथ गर्भवती महिलाएं एवं बच्चों के प्रति बेहद सावधान रहने की जरूरत है। 

           डेंगू बुखार एवं लक्षण




डॉक्टर दुबे बताते हैं डेंगू एक विषाणु से होने वाली बीमारी है जो एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय ही काटता है।डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है।

                            लक्षण

  बच्चों को अचानक तेज बुखार आना, पूरे बदन में मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, त्वचा पर निशान पड़ना, सर में तेज दर्द होना, भूख ना लगना, अत्यधिक कमजोरी लगना आदि साधारण डेंगू के शुरुआती लक्षणों में आते हैं। वही अत्यधिक गंभीर डेंगू (डेंगू  हेमोरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम) की स्थिति में नाक मुंह और मसूड़ों से खून बहना,शरीर की चमड़ी पीली तथा ठंडी पड़ जाना, खून की उल्टी आना,सांस लेने में तकलीफ होना, नब्ज का कमजोर होना व तेजी से चलना, रक्तचाप कम होना व त्वचा का ठंडा पड़ना, पेट में तेज दर्द होना व अत्यधिक बेचैनी होना प्रमुख लक्षणों में आते हैं। डेंगू संक्रमण होने पर शरीर में प्लेटलेट्स कोशिकाओं की संख्या अचानक बहुत तेजी से कम होने लगती है जिससे रक्तस्त्राव होने की संभावना बढ़ जाती है और यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।

           डेंगू बुखार से बचाव

1. बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाए जिससे उनके हाथ पांव पूरी तरह ढके रहें।

2. घर के आस-पास,छोटे डिब्बों में,कूलर आदि में पानी इकट्ठा ना होने दें।

3. मच्छर भगाने वाली दवाइयों/ वस्तुओं का प्रयोग करें एवं घर के आसपास कीटनाशक दवाओं का छीडकाव करें।

4. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।

5. बच्चों में डेंगू के किसी भी लक्षण के दिखने पर उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकीय परामर्श में इलाज कराएं।