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बीएसएफ अधिकारी की हत्या करने वाला सजायाफ्ता फरार जवान हुआ गिरफ्तार,25 हजार का इनाम था घोषित

 




डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट

हल्दी बलिया ।। बार बार क्वार्टर गार्ड की ड्यूटी लगाने से नाराज बीएसएफ के अधिकारी की हत्या करने वाला बर्खास्त व सजायाफ्ता व 25 हजार के इनामिया भगोड़े को हल्दी पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता पायी है । यह 2006 से ही वाराणसी के सेंट्रल जेल से फरार था और पुलिस की पकड़ से दूर था ।

बता दे कि पुलिस अधीक्षक  बलिया डॉ0 विपिन ताडा के कुशल निर्देशन में अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध चलाए जा रहे महाअभियान के क्रम में थाना हल्दी पुलिस को यह बड़ी सफलता शुक्रवार को मिली है । शुक्रवार को हल्दी थानाध्यक्ष आर0के0 सिंह मय हमराही फोर्स व पुलिस टीम के द्वारा थाना स्थानीय से प्रस्थान कर हल्दी थाने पर पंजीकृत यूपी गैंगे0 एक्ट व अन्य अपराधों में घोषित इनामिया अभियुक्तों पप्पू यादव पुत्र कमला यादव निवासी सैईया का डेरा थाना शाहपुर जिला आरा बिहार ,10,000/ रुपये का घोषित ईनामिया अपराधी की गिरफ्तारी के मद्देनजर अपराधियों के घर तथा उनके मिलने के सम्भावित स्थानों पर तलाश  की जा रही थी । इसी बीच मुखबीर ने  सूचना दी कि सेंट्रल जेल वाराणसी से फरार व पुलिस अधीक्षक द्वारा 25 हजार का इनाम घोषित भगोड़ा अपराधी डाक बंगला गायघाट के पास सड़क पर मौजूद है और कही भागने की फिराक में है । सूचना मिलते ही 

 मिली कि सेन्ट्रल जेल वाराणसी  से फरार बन्दी अभियुक्त अनिल सिंह पुत्र स्व0 शिवशंकर सिंह निवासी गायघाट थाना हल्दी जनपद बलिया गायघाट डाक बंगला के पास सड़क पर मौजूद है जो कही भागने की फिराक में है । तत्काल पुलिस टीम द्वारा गायघाट डाक बंगला के पास से दबिस/घेराबन्दी कर अभियुक्त अनिल सिंह पुत्र स्व0 शिवशंकर सिंह निवासी गायघाट थाना हल्दी जनपद बलिया को गिरफ्तार किया गया ।अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि वह सेन्ट्रल जेल वाराणसी जनपद वाराणसी से दिनांकः 13.04.2006 से फरार बन्दी भगोड़ा अभियुक्त है ।

बीएसएफ का जवान क्यो बना हत्यारा व भगोड़ा

वाराणसी सेंट्रल जेल से भगौड़ा अपराधी अनिल सिंह की नौकरी बीएसएफ में 1990 में लगी थी।यह 1994 में जम्मू कश्मीर में तैनात था। अनिल सिंह ने घटना के कारण के सम्बंध में बताया कि सीएचएम आये दिन मुझे ड्यूटी करने के बाद दुबारा क्वाटर गार्ड की ड्यूटी लगा देता था।मैंने दुबारा ड्यूटी करने से इनकार कर दिया जिसकी वजह से बात बहुत आगे बढ़ गयी और मैने मानसिक तनाव में आकर उसे गोली मार दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी।मैने अपने आप को यूनिट में जाकर सरेण्डर कर दिया।यह घटना 06 जनवरी 1994 की है।उसके बाद मुझे हत्या करने के जुर्म ने आजीवन कारावास की सजा हुई और जम्मू जेल भेज दिया गया।उसके बाद कलकत्ता जेल भेजा गया।बाद में मुझे वाराणसी  सेंट्रल जेल भेज दिया गया। जहां से 12 वर्ष की सजा काटने के बाद पैरोल पर मैं घर आया और तब से मैं दुबारा जेल ही नही गया।

थानाध्यक्ष हल्दी ने बताया कि इसकी गिरफ्तारी  समय करीब 10.00 बजे की गयी । गिरफ्तार अभि0 के सम्बन्ध में आवश्यक विधिक कार्यवाही अमल में लायी जा रही है। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में थानाध्यक्ष श्री आर0के0 सिंह,उ0नि0 श्री शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय,का0 शिवाजी तोमर,का0 श्रवण कुमार,रि0का0 विनय प्रताप सिंह, रि0का0 अंगद सिंह ,रि0का0 विष्णु प्रताप सिंह , रि0का0 हर्षित पाण्डेय रहे।