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टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति का परिणाम संतोषजनक,मैनपावर के साथ ही दवाओं ,ऑक्सीजन और टेस्टिंग की क्षमता डबल करने का प्रयास हो तेज




कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

ए कुमार

लखनऊ ।। सीएम योगी ने आज कोविड 19 प्रबन्धन के लिये गठित टीम 9 के सदस्यों के साथ समीक्षात्मक बैठक की । इस बैठक में सीएम योगी ने इस टीम को निम्न निर्देश दिये ---

- टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति के अनुरूप किए जा रहे प्रयासों के संतोषजनक परिणाम मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में एक ओर जहां औसतन दो लाख से ढाई लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं, वहीं नए केस में गिरावट आई है। इसके साथ ही  स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

- विगत 24 घंटे में प्रदेश में 26,780 नए केस की पुष्टि हुई जबकि 28,902 कोविड संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो गए। अब तक 11,51,571 प्रदेशवासियों ने कोविड से लड़ाई जीत ली है। वर्तमान में कुल 2,59,844 एक्टिव केस हैं। बीते 30 अप्रैल को एक्टिव केस की संख्या सर्वाधिक थी, जब प्रदेश में 03 लाख 10 हजार 783 केस थे। आज 6 दिन की अवधि में इसमें 50 हजार से अधिक की गिरावट आई है। 24 घंटे में 2,25,670 टेस्ट किये गए, इसमें 112000 आरटीपीसीआर माध्यम से हुए।सभी प्रदेशवासी कोविड विहैवियर को जीवनशैली में शामिल करें। शासन-प्रशासन के निर्देशों का मानें और चिकित्सकों के परामर्श से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें।

- कोविड टीकाकरण का कार्य प्रदेश में सुचारू रूप से चल रहा है। अब तक 01 करोड़ 32 लाख 55 हजार 955 वैक्सीन डोज एडमिनिस्टर किए जा चुके हैं। सतत प्रयासों से वैक्सीन वेस्टेज में कमी आई है। इसे और बेहतर करने की जरूरत है। 18-44 आयु वर्ग के 68536 लोग अब तक वैक्सीनेट ही चुके हैं। इस आयु वर्ग की सक्रिय भागीदारी का ही परिणाम है कि इस वर्ग में वैक्सीन वेस्टेज 0.39% ही है। इसे शून्य पर लाने की जरूरत है। 

- अधिक संक्रमण दर वाले सात जिलों में 18-44 आयु वर्ग का टीकाकरण चल रहा है। इसे चरणबद्ध रूप से विस्तार दिया जाए। अगले सप्ताह से सभी नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर में 18-44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण का कार्यक्रम संचालित किया जाए।

- प्रदेश के 97 हजार राजस्व गांवों में घर-घर स्क्रीनिंग और टेस्टिंग का महाभियान शुरू हो गया है। निगरानी समितियों की स्क्रीनिंग में लक्षणयुक्त पाए गए 69,474 लोगों का जब एंटीजन टेस्ट किया गया तो 3551 पॉजिटिव मिले। इन्हें, मेडिकल किट प्रदान कर, सतर्कता के उपाय बातकर होम आइसोलेट किया गया। टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से चिकित्सक गण इनसे सतत संपर्क में रहें। आवश्यकतानुसार इन्हें हायर मेडिकल फैसिलिटी भी दिलाई जाए। गांव-गांव टेस्टिंग का यह अभियान गांवों को संक्रमण से बचाने में बहुत उपयोगी है। इसके साथ ही शहरी क्षेत्र में टेस्टिंग यथावत जारी रहे।निगरानी समितियों से लगातार संपर्क में रहें।

- संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए हमें कांटेक्ट ट्रेसिंग को और प्रभावी बनाना होगा। सभी जिलों में कांटेक्ट ट्रेसिंग को बेहतर करने की कार्यवाही हो। 

- विशेषज्ञों के आकलन के दृष्टिगत हमें सभी तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। ऐसे में बेड, मैनपॉवर, चिकित्सकीय उपकरण, ऑक्सीजन और दवाओं की उपलब्धता वर्तमान क्षमता के सापेक्ष न्यूनतम दोगुना करने की कार्यवाही तेज हो। प्राथमिकता वाले इन कार्यों के लिए सचिव स्तर के अलग-अलग अधिकारियों को नामित किया जाए। किसी भी जिले में इनका कोई अभाव न हो। इस संबंध में मिशन मोड में कार्य करने की जरूरत है।

- अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की सतत मॉनीटरिंग होनी चाहिए। सुरक्षा संबंधी उपकरणों के रख रखाव की समुचित व्यवस्था की जाए।

- प्रदेश में कतिपय जिलों में निजी अस्पतालों द्वारा तय दरों से अधिक शुल्क लेने, बेड खाली होने के बाद भी मरीजों को भर्ती करने से इनकार, ऑक्सीजन की उपलब्धता के बाद भी अनावश्यक अभाव बताकर भय का माहौल बनाने जैसी घटनाएं संज्ञान में आई हैं। आपदाकाल में यह न केवल निंदनीय है, बल्कि अपराध भी है। यह अक्षम्य है।गाजियाबाद और लखनऊ में स्थानीय प्रशासन ने ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई भी की है। ऐसे सभी प्रयासों पर सख्त नजर रखी जाए। यह सुनिश्चित करें कि मरीज और उसके परिजन के साथ संवेदनशील व्यवहार हो। उत्पीड़न, शोषण अथवा अवैध वसूली की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाई जाए।


- नॉन कोविड मरीजों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सभी इंतज़ाम किए जाएं। गंभीर रोग से ग्रसित मरीज हो अथवा गर्भवती महिलाओं की आपात आवश्यकता, सभी की लिए समुचित चिकित्सा प्रबंध कराए जाएं। हर जिले में न्यूनतम एक अस्पताल ऐसे मरीजों के लिए डेडिकेट किया जाए। जरूरत पर एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराए जाएं।

- कोविड हॉस्पिटल में उपचाराधीन मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी, लाइन ऑफ ट्रीटमेंट आदि जरूरी जानकारियों से मरीज के परिजन को हर दिन जरूर अवगत कराया जाए। इसके लिए हर हॉस्पिटल में एक चिकित्सक नामित करें। परिजनों को उनके मरीज की जानकारी होनी चाहिए, यह व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू की जाए।


- होम आइसोलेशन और नॉन कोविड मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। इन्हें सिलिंडर की कमी कतई न हो। होम आइसोलेशन के मरीजों को ऑन डिमांड ऑक्सीजन की  आपूर्ति की व्यवस्था कराई जाए। इसके लिए एक सिस्टम तैयार करें। होम आइसोलेशन के मरीजों को कतई समस्या न हो। 


- ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत प्रदेश के सभी जिलों में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। भारत सरकार, राज्य सरकार और निजी क्षेत्र द्वारा ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। विभिन्न पीएसयू भी अपने स्तर पर प्लांट स्थापित करा रही हैं।गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग और आबकारी विभाग द्वारा ऑक्सीजन जेनरेशन की दिशा में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। एमएसएमई इकाइयों की ओर से भी सहयोग मिल रहा है। यह सभी कार्य यथासंभव तेजी से पूरे किए जाएं। इनकी हर दिन समीक्षा होनी चाहिए। इसके अलावा, सीएचसी स्तर से लेकर बड़े अस्पतालों तक में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। यह सभी क्रियाशील रहें, इसे सुनिश्चित करें। जिलों की जरूरतों के अनुसार और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदें जाएं। निजी औद्योगिक/वाणिज्यिक कंपनियों से हमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का सहयोग प्राप्त हो रहा है।


- प्रदेश में सभी जिलों को जरूरत  के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध किये जा रहे हैं। भारत सरकार से हमें लगातार सहयोग प्राप्त हो रहा है। 05 मई को 823 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का वितरण प्रदेश में किया गया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस सतत गतिशील हैं। 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ट्रेन भी जामनगर से आने वाली है।


- वर्तमान में 89 टैंकर ऑक्सीजन से सम्बंधित कार्य में क्रियाशील हैं। भारत सरकार ने प्रदेश को 400 मीट्रिक टन के टैंकर दिए हैं। रिलायंस और अडानी जैसे निजी औद्योगिक समूहों की ओर से टैंकर उपलब्ध कराए गए हैं। ऑक्सीजन के संबंध में टैंकरों की संख्या और बढ़ाये जाने की जरूरत है। क्रायोजेनिक टैंकरों के संबंध में ग्लोबल टेंडर करने की कार्यवाही की जाए। 


- ऑक्सीजन वेस्टेज को न्यूनतम करने के उद्देश्य से प्रदेश की सात प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सहयोग से ऑक्सीजन ऑडिट कराया गया है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर मांग, आपूर्ति में संतुलन बनाया जाए। हर जिले के लिए ऑक्सीजन के संबंध में पृथक कार्ययोजना तत्काल तैयार की जाए। चीनी मिलों द्वारा जेनरेट किया जा रहा ऑक्सीजन समीपस्थ सीएचसी को सीधे आपूर्ति उपलब्ध कराई जाए।


- प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए। एनेस्थेटिक और अन्य तकनीशियनों की नियुक्ति की गई है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए हमें वेंटिलेटर और मानव संसाधन की अतिरिक्त व्यवस्था करनी होगी। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।


- प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू को प्रभावी रूप से लागू करें। दूध/दवा आदि के लिए आवागमन कर रहे लोगों का पुलिस सहयोग करे। कल प्रदेश में अलविदा की नमाज़ अदा होगी।कोरोना कर्फ्यू का पालन करते हुए अपनी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करना चाहिए। धर्मगुरुओं से संवाद कर इसे सुनिश्चित कराया जाए। ठेला-रिक्शा चालकों आदि जरूरतममंदों के लिए सामुदायिक भोजनालय का संचालन किया जाए। लखनऊ और प्रयागराज में सामुदायिक भोजनालय शुरू हो गए हैं। इसे और जिलों में भी विस्तार दिया जाए। क्वारन्टीन सेंटरों में भोजन की समुचित व्यवस्था कराई जाए।  राशन वितरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हों।


- बड़ी औद्योगिक इकाइयों में कोविड केयर सेंटर स्थापित कराए गए हैं। वर्तमान में 544 उद्योगों में साढ़े 08 सौ से अधिक बेड की क्षमता के साथ को कोविड केयर सेंटर क्रियाशील हैं। इसे अन्य उद्योगों में भी विस्तार दिया जाए।


- राज्य स्तरीय टीम 09 की तर्ज पर जिलों में गठित विशेष समितियों की दैनिक कार्यवाही की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए। जिलों की सभी छोटी-बड़ी गतिविधियों पर शासन स्तर से नजर रखी जानी चाहिए।


- एक्सप्रेस-वे सहित निर्माण की सभी बड़ी परियोजनाएं सतत जारी रहें। यह समयबद्ध रूप से पूरी हों। जिन परियोजनाओं में न्यूनतम 50 लोग एक क्रियाशील हों, वहां कोविड केयर सेंटर स्थापित कराया जाए।