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सभी लेकिन परंतु समाप्त ,आज बलिया को मिल जाएगी पहली लेडीज सिंघमस जिलाधिकारी



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। लगभग एक सप्ताह के इंतजार के बाद सभी लेकिन परंतु के कयासों को धत्ता बताते हुए बलिया की पहली महिला जिलाधिकारी के रूप में अतिति सिंह आज बलिया का चार्ज ग्रहण कर लेगी । सूत्रों की माने तो सुबह लखनऊ से चलकर अदिति सिंह पहले आजमगढ़ पहुंच कर आयुक्त आजमगढ़ कार्यालय जाएगी और वही चार्ज भी ग्रहण करने और दोपहर में आयुक्त महोदय के साथ भोजन ग्रहण करने के बाद बलिया पहुंचकर ट्रेजरी में चार्ज लेंगी । आईएएस लॉबी में लेडी सिंघमस की तरह चर्चित अदिति सिंह देखते है बलिया की बेपटरी हो रही प्रशासनिक व्यवस्था को कैसे दुरुस्त करती है ।

नवागत जिलाधिकारी के सामने सबसे बड़ी समस्या स्थानीय कद्दावर सांसद और विधायक के माध्यम जारी रार के बीच आम लोगो को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती होगी । वही स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्ष होने के नाते यहां की प्रशासनिक व्यवस्थाओं में कुछ वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों द्वारा कुंडली मारकर बैठे होने और शासनादेशों के विपरीत हो रहे कृत्यों को रोककर शासन की मंशा के अनुरूप सभी कार्य करे ,यह दूसरी बड़ी चुनौती होगी । क्योंकि 2014 से ही बहुत सारी आशाओं,स्वास्थ्य कार्यकर्ती ,पोलियो के टीकाकरण में कार्य करने वाले लड़को/लड़कियों का मानदेय (रु 75 /प्रतिदिन),नसबंदी कराने वाली लाभार्थियों व आशाओं का मानदेय महिला चिकित्सालय से आजतक नही मिला है । आखिर इनका बजट गया कहां ?

तीसरी बड़ी चुनौती नगर पालिका बलिया में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की होगी । बलिया में तैनात अधिशाषी अधिकारी दिनेश कुमार विश्वकर्मा पर लगभग 26 भ्रष्टाचार के आरोप वाली जांच चल रही है/पूरी हो चुकी है । लेकिन ये भी पत्रवालियाँ जांचोपरांत संभवतः जिलाधिकारी या प्रभारी नगर निकाय के पास लंबित है ,इनको देखकर इस पर जितनी जल्दी कार्यवाही होगी, बलिया शहर की जनता को उतनी जल्दी राहत मिलेगी । 

 अब देखना है कि 2009 बैच की आईएएस और लेडी सिंघमस के उप नाम से सुविख्यात अदिति सिंह बलिया को अपनी प्रशासनिक सूझबूझ से कैसे चलाती है । क्योंकि बलिया की बगावती तासीर को डंडे के बल से नही प्रेम के बल से आसानी के साथ मोड़ा जा सकता ।