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विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान कल से : स्वास्थ्य विभाग समेत 10 विभाग मिलकर बनाएँगे अभियान को सफल



घर-घर जाकर मच्छरजनित रोगों के प्रति लोगों को किया जाएगा जागरुकता
बलिया : राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बलिया सहित प्रदेश के सभी जनपदों में 1 जुलाई से 31 जुलाई 2020 तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। अभियान में स्वास्थ्य विभाग सहित नगर विकास ग्राम विकास, पंचायती राज, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग, सूचना विभाग आदि विभिन्न विभागों को दायित्व निर्वहन हेतु निर्देशित किया गया है।
कार्यवाहक जिला मलेरिया अधिकारी नीलोत्पल कुमार ने बताया कि संचारी रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार, फाइलेरिया, मस्तिष्क ज्वर, एई-जेईएस आदि से बचाव एवं रोकथाम के लिए अभियान चलाया जाएगा। इस बार कोरोना के चलते कोई भी जागरूकता कार्यक्रम और गतिविधियां नहीं की जा सकेंगी। अभियानों के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स न तो किसी का दरवाजा छुएंगे और न ही कुंडी खटखटाएंगे। घर के भीतर भी नहीं जाएंगे। सिर्फ संदेश और पोस्टर के जरिये दस्तक दिया जाएगा। इसके लिए उन्हे प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि सभी का दायित्व बनता है कि अपने आस-पास साफ-सफाई रखें और संक्रामक रोगों से बचे रहें। इसके साथ ही समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को संचारी रोगों से बचाव के बारे में जागरूक किया जाए । जन सहभागिता के माध्यम से शहर व गांव जितना साफ रहेगा उतने ही मच्छर कम पैदा होंगे और बीमारियों पर नियंत्रण रहेगा। इसके साथ ही “हर रविवार मच्छर पर वार” पर भी पूरा फोकस रहेगा।
नीलोत्पल ने बताया कि अभियान में स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है जिसका कार्य संचारी रोगों तथा दिमागी वुखर केसेज की निगरानी करना, रोगियों के उपचार की व्यवस्था करना, रोगियों के निःशुल्क परिवहन के लिए रोगी वाहन सेवा की व्यवस्था करना, वाहक नियंत्रण गतिविधियाँ यथा ग्रामीण क्षेत्रों में वाहक के घनत्व का आकलन करना, स्रोतों में कमी लाना, लार्वारोधी गतिविधियाँ तथा आवश्यकतानुसार फोगिंग करना, “क्या करें, क्या न करें” का प्रमुख स्थान पर प्रचार-प्रसार एवं व्यवहार परिवर्तन गतिविधियाँ एवं मॉनिटरिंग, पर्यवेक्षण और विश्लेषण कर शासन को रिपोर्ट करना है। 
पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम स्तर पर साफ-सफाई, हाथ धोना, शौचालय की सफाई तथा घर से जल निकासी के लिए लोगों को जागरूक किया जाये, ग्राम प्रधान ग्राम स्तर पर इसके नोडल अधिकारी होगें। पंचायती राज विभाग द्वारा जलाशयों एवं नालियों की नियमित सफाई, ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा फण्ड से एण्टीलार्वल छिड़काव की व्यवस्था, अपशिष्ट/रुके पानी तथा मच्छरों के प्रजनन की समस्याओं को रोकने के लिये गढ्डों का भराव तथा मकानों के बीच कंकरीट अथवा पक्की ईंटों वाली सड़कों का निर्माण, झाड़ियों की कांट-छाट आदि के कार्य किये जाएंगे । वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों  द्वारा अपने क्षेत्र के समस्त कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चों की सूची बनाकर उनको उचित पोषाहार उपलब्ध कराया जाये तथा आवश्यकता होने पर पोषण पुर्नवास केन्द्र पर भर्ती कराया जाय।