अमृतसर ट्रेन हादसा , आखिर जिम्मेदार कौन ? आयोजक , जिला प्रशासन या रेलवे ?

20 अक्टूबर 2018 ।।
पंजाब के अमृतसर में दशहरे के मौके पर हुए हादसे में
58 लोगो की जान चली गई है । जोड़ा फाटक के पास
लोग रेलवे ट्रेक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे.
इसी दौरान वे ट्रेन की चपेट में आ गए । हादसे में 50
के करीब लोगों के घायल होने की भी खबर है. पंजाब
के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हादसे की जांच
के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने राज्य में एक दिन का
राजकीय शोक भी घोषित किया है. ऐसे में शनिवार
को स्कूल-कॉलेज और दफ्तर बंद रहेंगे. राज्य
सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए पांच
लाख रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया है
. वहीं केंद्र सरकार ने दो लाख रुपये की सहायता
राशि की घोषणा की है. घटना पर काफी राजनीति
भी हो रही है ।हादसे की जिम्मेदारी को लेकर
भी आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं ।रेलवे ,
स्थानीय प्रशासन और दशहरा आयोजन समिति
की भूमिका शक के दायरे में है । रावण दहन की
जगह को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
जिस जगह रावण का पुतला जलाया जा रहा था
वह रेलवे ट्रेक से 70-80 मीटर ही दूर था. इसके
चलते दहन देखने वाले लोग रेलवे ट्रेक पर भी
खड़े थे. वहीं पुतले में आग लगाए जाने के बाद
पटाखों की आवाज के चलते भी भगदड़ मची
. ठीक इसी समय पर ट्रेन आ गई और लोग
उसकी चपेट में आ गए ।
दशहरा आयोजन समिति :
रावण दहन आयोजन समिति की भूमिका पर सबसे
ज्यादा सवाल उठ रहे हैं. समिति ने रेलवे ट्रेक के पास
रावण दहन क्यों कराया, जबकि पता था कि दशहरा
साल में एक बार आता है और ऐसे में काफी संख्या में
लोग आएंगे. इसके अलावा आने वाले लोगों की सुरक्षा
के लिए भी कोई उपाय नहीं थे. लोग रेलवे ट्रेक पर खड़े
थे जो कि मौत को बुलावा देना था. बताया जा रहा है
कि हर साल इसी जगह पर रावण दहन होता है. इससे
साफ होता है कि कई सालों से लोगों की जान दांव पर
लगाई जा रही थी. यह भी साफ नहीं है कि क्या रेलवे
को इस बारे में बताया गया था या नहीं.
जिला प्रशासन:
रेलवे ट्रेक के पास रावण दहन की अनुमति अगर जिला प्रशासन से मिली है तो यह बड़ी खामी है. हादसे से साफ
होता है कि प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीरता
नहीं बरती. मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी लोगों को रेलवे ट्रेक से हटाने के लिए कुछ नहीं किया. इन लापरवाहियों का नतीजा इस हादसे के रूप में सामने आया.
रेलवे:
इस हादसे में रेलवे की भूमिका भी संदिग्ध है. जब रेलवे
ट्रेक के पास कार्यक्रम हो रहा था तो ट्रेन परिचालन बंद
क्यों नहीं किया गया या फिर ट्रेन की गति कम क्यों नहीं
की गई. पास के रेलवे स्टेशन मास्टर को इस बारे में
जानकारी नहीं थी ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि इतना
बड़ा कार्यक्रम गुपचुप ढंग से तो नहीं हो सकता ।
अमृतसर ट्रेन हादसा , आखिर जिम्मेदार कौन ? आयोजक , जिला प्रशासन या रेलवे ?
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
October 20, 2018
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