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पीएम ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा --“न मांझी न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर ये कैसा सफर है....”
पीएम ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा --“न मांझी न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर ये कैसा सफर है....”

- नईदिल्ली 20 जुलाई 2018 ।।
सियासत और हंगामे के बीच पक्ष, विपक्ष दोनों के नेताओं ने शेरो-शायरी से भी एक दूसरे पर तंज कसे. लेकिन जनता ने इसे मनोरंजन की तरह लिया. जनता के नुमाइंदों ने अपनी बात रखने के लिए कवियों और शायरों का सहारा लिया. क्योंकि शायरी सीधे दिल पर असर करती है.
सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,
सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,
“न मांझी न रहबर, न हक में हवाएं,
है कश्ती भी जर्जर ये कैसा सफर है....”
उन्होंने इस शेर के माध्यम से कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष पर निशाना साधा ।
भाजपा सांसद राकेश सिंह ने कांग्रेस पर तंज कसने के लिए कुछ ऐसा ही अंदाज बयां किया. उन्होंने कहा-
“चमन को सींचने में कुछ पत्तियां झड़ गई होंगी,
यही इल्जाम लग रहा है चमन से बेवफाई का..
.जिन्होंने चमन को रौंद डाला अपने पैरों से,
वे दावा कर रहे चमन की रहनुमाई का...”
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपनी बात रखने के लिए शेर का सहारा लिया. सिंह ने कहा -
“मेरी हिम्मत को सराहो, मेरे हमराही बनों मैंने एक शम्मा जलाई है..”
गृह मंत्री ने शशि थरूर पर तंज कसते हुए कहा, “कुछ सांसद हैं कभी हिंदू तालिबान की बात बोलते हैं, कभी हिंदू पाकिस्तान की बात बोलते हैं...”
विपक्ष की ओर से कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार को आगाह करते हुए मशहूर शायर मुनव्वर राणा का शेर पढ़ा-
“एक आंसू भी हुकुमत के लिए खतरा है, तुमने देखा नहीं आंखों का समंदर होना”
गृह मंत्री ने शशि थरूर पर तंज कसते हुए कहा, “कुछ सांसद हैं कभी हिंदू तालिबान की बात बोलते हैं, कभी हिंदू पाकिस्तान की बात बोलते हैं...”
विपक्ष की ओर से कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार को आगाह करते हुए मशहूर शायर मुनव्वर राणा का शेर पढ़ा-
“एक आंसू भी हुकुमत के लिए खतरा है, तुमने देखा नहीं आंखों का समंदर होना”

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में हंगामा
टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा-
“जिंदगी से बड़ी कोई सजा नहीं और क्या जुल्म है ये पता ही नहीं,
इतने हिस्सों में बंट गया हूं मैं, मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं,
ए जिंदगी बता कहां जाएं, बाजार में जहर मिलता नहीं,
लोग टूट जाते हैं एक छोटा सा घर बनाने में,
तुम तरस नहीं करते हो बस्तियां जलाने में”
एनसीपी सांसद तारिक अनवर ने कहा
“बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का
जो चीरा तो इक क़तरा-ए-खूं न निकला...”
पीएम ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा --“न मांझी न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर ये कैसा सफर है....”
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
July 21, 2018
Rating: 5
