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चर्चा के दौरान पीएम मोदी द्वारा कही गयी अहम बाते



    नईदिल्ली 20 जुलाई 2018 ।।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर बहस का जवाब देते हुए विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. उन्‍होंने लोक सभा में कहा कि यह प्रस्‍ताव विपक्ष की एकता की परीक्षा है. पीएम ने कहा कि अविश्‍वास प्रस्‍ताव लोकतंत्र की शक्ति है. अच्‍छी बात है कि टीडीपी इसे लेकर आई है. पीएम ने कहा कि विपक्ष के पास न सीटें हैं, न पर्याप्त संख्या बल है फिर भी अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम विपक्ष ने किया. पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें...
राहुल गांधी के बयान पर कहा कि मैं खड़ा भी हूं और चार साल के काम को लेकर अड़ा भी हूं ।

- हम यहां इसलिए हैं क्योंकि सवा सौ करोड़ देशवासियों का विश्वास हमारे साथ है ।

- यह सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है बल्कि विपक्षी एकता की परीक्षा है, इस प्रस्ताव को अपने कुनबे को जमाने की कोशिश की गई है ।

- गले लगाने को लेकर प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी पर मारा तंज. कहा यहां न कोई उठा सकता है न कोई बैठा सकता है ।

- सुबह न ही वोटिंग पूरी हुई थी और न ही चर्चा खत्म हुई थी. तभी एक सदस्य मेरे पास आए और उन्होंने कहा उठो, उठो, उठो... सत्ता में आने की ऐसी भी क्या जल्दी है. मैं उस सदस्य को बताना चाहता हूं कि हमें जनता ने यहां बैठाया है और जनता ही हमें यहां से हटा सकती है.

- अगर गालियां देनी हैं तो मुझे दीजिए मोदी तैयार है, लेकिन सेना का जवान जो देश के लिए मर मिटने को तैयार उसे गालियां न दें.

- राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना कांग्रेस की फितरत रही है. पहले चौधरी चरण सिंह को सहयोग दिया फिर समर्थन वापस ले लिया. एक किसान का इससे बड़ा अपमान क्या होगा.

-राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि आप नामदार हैं, मैं कामदार हूं, मैं गरीब मां का बेटा हूं मैं आपकी आंख में आंख कैसे डाल सकता हूं.

- विपक्षी पार्टियां चर्चा को टालना चाहती थीं, उनका कहना था कि चर्चा टल जाएगी तो कौन सा भूकंप आ जाएगा.

- हम चौकीदार भी हैं, हम भागीदार भी हैं लेकिन आपकी तरह सौदागर नहीं है, ठेकेदार नहीं हैं.

- 18 हज़ार गांवों में ग्रामीण विद्युतीकरण पहले की सरकारें भी कर सकती थीं लेकिन उन्होंने नहीं किया. इनमें से अधिकतर राज्य पूर्वोत्तर के हैं जहां दलितों, अल्पसंख्यकों की काफी संख्या है.

- मुझे लगता है कि ये अच्छा मौका था जब हम अपने विचारों को रख सकते थे लेकिन यह देखा गया कि किस तरह से नकारात्मक और विकास विरोधी राजनीति की जा रही है.

- 9 महीने में सरकार ने दी हैं 45 लाख नौकरियां, अगर ईपीएफ का भी आंकड़ा जोड़ लें इसकी संख्या कुल 50 लाख हो जाती है ।