खेल मे फर्जीवाड़ा भाग 2 : बिना जिला क्रीड़ा समिति की बैठक के ही नियुक्त हुए विभिन्न खेलों के चयनकर्ता, जारी हो गया खेल कैलेंडर
मधुसूदन सिंह
बलिया।। अभी बिना जिला क्रीड़ा समिति की बैठक के जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र गुप्ता द्वारा सचिव व कोषाध्यक्ष की नियुक्ति करने का प्रकरण ठंडा भी नहीं पड़ा था कि बिना जिला क्रीड़ा समिति की बैठक के ही विभिन्न खेलों के लिये चयन कर्ताओ की नियुक्ति और खेल कैलेंडर जारी होने से हड़कंप मच गया है। अब इसकी खिलाफत व पोल पट्टी बेसिक शिक्षा के शिक्षकों द्वारा लिखित रूप से खोली जाने लगी है।
तहसीली स्कूल की प्रधानाध्यापिका चमन आरा बेगम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को पत्र भेजकर कहा है कि मुझे सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला है कि मेरे विद्यालय पर तीन खेलों का आयोजन होना है, जिनके लिये मेरे पास उपकरण / संसाधन नहीं है। यह भी आरोप लगाया है कि 25 जुलाई 2025 जिला क्रीड़ा समिति की बैठक जब कोरम के अभाव मे स्थगित हो गयी थी और जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा अगली बैठक की सूचना देने की बात कही गयी थी तो कब और किस बैठक मे खेल का कैलेंडर बनाया गया, पता ही नहीं चला। प्रधानाध्यापिका ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से अगली कार्यवाही हेतु निर्देश मांगा है। नीचे पत्र हकीकत को बयान कर रहा है। इस संबंध मे बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी कब बैठक हुई, कब खेल कैलेंडर निर्धारित हो गया, बताने मे अनभिज्ञता जतायी। वही जिला व्यायाम शिक्षक विनोद कुमार सिंह ने डीआईओएस पर बलिया के नौनिहाल खिलाड़ियों के भविष्य के साथ साजिशन खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया है। कहा कि न तो सचिव व कोषाध्यक्ष की नियुक्ति के लिये कोई बैठक हुई, न ही खेल कैलेंडर जारी करने के लिये ही। डीआईओएस अपनी मर्जी से जिला क्रीड़ा समिति को चलाना चाह रहे है।
जिलाधिकारी महोदय बचाइये बलिया के खेल व खिलाड़ियों को
डीआईओएस बलिया की मनमानी इस कदर बढ़ गयी है कि इनके लिये जिला क्रीड़ा समिति की असहमति कोई मायने ही नहीं रखती है।बिना समिति की बैठक के पदाधिकारियों का चयन कर लेते है, यहां तक तो चल सकता था लेकिन अब जनपद के नौनिहाल खिलाड़ियों के साथ जो इनके द्वारा शुरू किया गया है, वह बर्दास्त नहीं किया जा सकता है। इन्ही की अध्यक्षता व वर्तमान सचिव वाली कमेटी पिछले साल बॉलीबाल की टीम मे दो फर्जी खिलाड़ियों को बरेली भेजकर बलिया के मुंह पर जो कालिख पुंतवाई गयी थी, वह बलियवासी भूले नहीं है और ये इस साल भी फर्जी ऐसी ही फर्जी चयन प्रतियोगिता कराकर जनपद का नाम बदनाम करने की फिराक मे है। जिलाधिकारी को तत्काल डीआईओएस बलिया द्वारा जारी खेल कैलेंडर को रोक कर जांच बैठानी चाहिये। साथ ही इनसे जिला क्रीड़ा समिति की बैठक का रजिस्टर जब्त कराकर देखना चाहिये कि आखिर किस बैठक मे पदाधिकारियों का चुनाव हुआ और कितने बलिया के क्रीम खेल शिक्षकों से खेल कैलेंडर बनाने मे राय ली गयी है। साथ ही बिना संसाधन वाले विद्यालयों पर प्रतियोगिता आयोजित करने का मकसद क्या है, इसकी भी जांच करानी चाहिए।
स्टेडियम मे तैरकी टीम का चयन हेतु ट्रायल
जनपद के किसी भी प्राथमिक, जूनियर या माध्यमिक, चाहे वो सरकारी हो या प्राइवेट तरणताल नहीं है। तैरकी टीम के चयन हेतु पर्यवेक्षक बनाये गये श्रीराम शरण इंटर कॉलेज शिवपुर के प्रधानाचार्य अरुण शुक्ला को चयन तिथि के दिन समाचार पत्रों के माध्यम से स्टेडियम मे तैराकी प्रतियोगिता के लिये चयन होने की सूचना प्राप्त हुई।
गनीमत यह रही कि इस प्रतियोगिता हेतु कोई छात्र छात्राएं प्रतिभाग ही नहीं किये। अन्यथा ये लोग प्रतिभागियों को स्टेडियम की घास पर ही तैरा कर चयन कर लेते।
फुटबाल का हब नरही, प्रतियोगिता बेल्थरा रोड मे
पूरे जनपद मे अगर फुटबाल का हब नाम से अगर कोई स्थान चर्चित है, वह है नरही। यहां सरकारी स्तर पर प्रदेश स्तरीय व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता भी होती है। यहां के लोगों मे फुटबाल दीवानगी की हद तक रचा बसा है। प्रतियोगिता देखने के लिये बिहार से भी हजारों लोग आते है। लेकिन ऐसी जगह पर फुटबाल की प्रतियोगिता न कराकर बेल्थरा रोड मे करायी जायेगी।
जनपद का सबसे पूर्वी छोर का प्राथमिक विद्यालय सिताब दियारा मे है। यहाँ से बेल्थरा रोड की दूरी लगभग 120 किमी होंगी। बैरिया क्षेत्र के छात्र छात्राओं के लिये भी यह दूरी लगभग 100 किमी तो होंगी ही। प्राथमिक विद्यालयों मे कोई क्रीड़ा शुल्क नहीं लिया जाता है। अध्यापक अपने खर्च से बच्चों को प्रतियोगिताओं मे प्रतिभाग कराते है। अगर बैरिया क्षेत्र के बच्चे अपने साधन से भी जाते है तो बेल्थरा पहुंचने मे लगभग 3 घंटे लग सकते है। सुबह सुबह से यात्रा करके बेल्थरा पहुंचे बच्चे अपना पूरा परफॉरमेंस दे पाएंगे क्या? क्या यह प्रतियोगिता स्टेडियम या नरही मे नहीं हो सकती थी?
जहां बास्केटबॉल का कोर्ट ही नहीं वहाँ होंगी चयन प्रतियोगिता
बास्केटबॉल की टीम के चयन के लिये दया छपरा के जूनियर हाई स्कूल को प्रतियोगिता स्थल बनाया गया है। जबकि इस विद्यालय के पास न बड़ा मैदान है और न ही बास्केटबॉल पोल ही है। ऐसे मे यहां कैसे खेल होगा, यह डीआईओएस बलिया ही बता सकते है।
जहां टेबल टेनिस, बैडमिंटन का नहीं है इंडोर कोर्ट, वहाँ करायी जायेगी चयन प्रतियोगिता
इसी तरह श्री राम सिंहासन इंटर कॉलेज दुबहर मे टेबल टेनिस, बैडमिंटन व भारोत्तोलन की प्रतियोगिता होनी है। यह तीनो इंडोर गेम्स है। जबकि यहां इसकी सुविधा नदारद है। ऐसे मे कैसे चयन होगा ऊपर वाला या डीआईओएस बलिया देवेंद्र गुप्ता जानते है।
पिछले साल के बलिया का मान बढ़ाने वाले कुछ पल देखिये
पिछले वर्ष 68वीं राज्य स्तरीय फुटबाल प्रतियोगिता अलीगढ़ में आजमगढ़ मण्डल की फुटबाल टीम के खिलाड़ियो की ये गतिविधि CCTV कैमरे में रिकार्ड हो गयी।ये खिलाड़ी बलिया के हैं और टीम मैनेजमेंट में भी बलिया के ही अध्यापक बन्धु थे।
सब कुछ ठंढे बस्ते और बन्द कमरे में
वॉलीबाल में तो बेसिक के अध्यापक दोषी थे,और इसमें ??????????। जब खिलाड़ी ये ताण्डव कर रहे थे उस समय टीम मैनेजर और टीम कोच कहाँ थे ?इस टीम के कोच और मैनेजर कौन लोग थे ?बलिया का कितना सम्मान बढ़ गया ?
अगली कड़ी मे खेल मे फर्जीवाड़ा भाग 3
अगली कड़ी मे चयनकर्ताओ की जिस खेल का दायित्व मिला है, उसमे कितनी योग्यता है। साथ ही बलिया के उन खेल शिक्षकों की उपेक्षा क्यों जिनको मंडल प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर चयन कर्ता/ कोच की जिम्मेदारी मिली हुई है। नीचे वीडियो मे बलिया का सम्मान बढ़ाते बच्चे......