प्रयागराज में बाढ़ का कहर: गंगा-यमुना ने दिखाया रौद्र रूप, 1978 के रिकॉर्ड को तोड़ने को दोनों आतुर, प्रभावित इलाकों मे स्कूल, कॉलेज, बिजली, आवागमन सब बंद
180 गांव अंधेरे में डूबे, हजारों बेघर
प्रयागराज।। गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है दोनों नदियों ने चेतावनी बिंदु पार करते हुए रौद्र रूप धारण कर लिया है गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से कई मीटर ऊपर पहुंच चुका है सोमवार शाम 4 बजे तक गंगा का फाफामऊ में जलस्तर 86.11 मीटर और यमुना का नैनी में 86.12 मीटर दर्ज किया गया जलस्तर की बढ़ती रफ्तार से जिले की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है शहर के निचले इलाकों के साथ अब कई ऊंचे और पॉश मोहल्ले भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
प्रयागराज और कौशांबी मिलाकर कुल 250 से अधिक गांव मोहल्लों में पानी भर चुका है जिनमें अकेले प्रयागराज के 180 से अधिक मोहल्लों में बिजली पूरी तरह ठप है। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी करते हुए राहत बचाव कार्य तेज कर दिया है। अनुमान है कि यदि जलस्तर यूं ही बढ़ता रहा तो वर्ष 1978 का जलस्तर रिकॉर्ड भी टूट सकता है। यमुना का नैनी में वर्तमान स्तर 86.12 मीटर है जो अधिकतम 87.99 मीटर तक जा सकता है। पढ़ाई लिखाई आवागमन और सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो चुका है। स्कूल बंद हैं सड़कों पर जलभराव है और अधिकांश मोहल्लों में बिजली आपूर्ति बंद है। करीब 20 ट्रांसफार्मर जलमग्न हो चुके हैं दारागंज छोटा बघाड़ा मक्का मस्जिद नेवादा सर्कुलर रोड पत्रकार कॉलोनी सलोरी म्योराबाद आज़ाद नगर जेके नगर हड्डी गोदाम समेत कई इलाके पूरी तरह बाढ़ में घिरे हैं। कौशांबी में तेज बारिश के चलते तीन कच्चे मकान ढह गए जिसमें प्रेमा देवी उनकी बेटी साधना सहित तीन लोगों की मौत हो गई, पांच अन्य घायल हैं। प्रयागराज में 62 मिमी बारिश दर्ज की गई।
प्रभावित क्षेत्रों बांटी गयी राहत सामग्री
प्रभावित वार्ड मोहल्ले 123,राहत शिविरों में निवास कर रहे परिवार 1938, कुल विस्थापित व्यक्ति 8386,सक्रिय राहत शिविर 24, संचालित नावें 237 दो मोटरबोट सहित वितरित भोजन पैकेट 8386,तीन बार उपचारित व्यक्ति 412, वितरित ओआरएस 370, क्लोरीन टैबलेट 780, पशु शिविर 11, टीकाकरण 275, पशु भूसा वितरण 112.50 क्विंटल, जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम 0532 2641577 2641578 2641597 2641598 1077 । प्रयागराज में गंगा और यमुना का विकराल रूप जनजीवन के लिए संकट बन गया है। बिजली पानी आवागमन शिक्षा सभी व्यवस्था चरमरा गई है। प्रशासन की कोशिशें जारी हैं पर हालात सामान्य होने में समय लगेगा।जनता से संयम और सतर्कता की अपील की गई है।