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नगर मजिस्ट्रेट के पेशकार के खिलाफ पत्रावली गायब करने का दर्ज हुआ मुकदमा, नगर मजिस्ट्रेट ने ही दर्ज कराया मुकदमा

 


बलिया।।नगर मजिस्ट्रेट ने अपने ही पेशकार के खिलाफ कोतवाली मे पत्रावली गायब करने का मुकदमा दर्ज कराया है। नगर मजिस्ट्रेट के इस कदम से कर्मचारियों मे हड़कंप मच गया है। बता दे कि नगर मजिस्ट्रेट की अदालत से कदम चौराहा स्थित छोटी मठिया के भूमि विवाद की पत्रावली गायब होने का मामला सामने आया है। मामले में नगर मजिस्ट्रेट इंद्रकांत द्विवेदी की तहरीर पर सदर कोतवाली पुलिस ने पेशकार उपेंद्र कुमार चौरसिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।


नगर मजिस्ट्रेट ने तहरीर में बताया है कि शहर के मौजा नेउरी बिगही में सत्यदेव बनाम सुरेश कुमार आदि का मामला न्यायालय में चल रहा है। यह मामला छोटी मठिया के भूमि विवाद से संबंधित है। 17 अगस्त 2023 को वादी महंत सत्यदेव की ओर से मुआयना कराने के लिए पत्रावली मांगी गई तो पेशकार उपेंद्र कुमार चौरसिया ने बताया कि पत्रावली तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार निस्तारण के लिए आवास पर ले गए थे।


स्थानांतरण के बाद अपने साथ लेकर चले गए। प्रदीप कुमार का स्थानांतरण दो दिसंबर 2022 को हुआ था। जबकि उपेंद्र कुमार चौरसिया 17 अगस्त 2023 के पहले तक उस पत्रावली पर हस्ताक्षर कराकर तिथि नोट कराते रहे। इससे स्पष्ट है कि इस वाद की पत्रावली तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट प्रदीप कुमार के स्थानांतरण के बाद भी 17 अगस्त 2023 के पहले तक न्यायालय में रही है। यह पत्रावली 17 अगस्त 2023 के बाद उपेंद्र ने गायब की है।अपना अपराध छिपाने के लिए उपेंद्र ने तत्कालीन नगर मजिस्ट्रेट का नाम लिया, जो कि पूर्णतया असत्य है।


पत्रावलियों के रखरखाव एवं उसकी अभिरक्षा की पूरी जिम्मेदारी उपेंद्र कुमार चौरसिया की है। उन्होंने पत्रावली गायब होने की जानकारी उच्चाधिकारी को नहीं दी और वादी को तारीख देते रहे। उपेंद्र कुमार चौरसिया ने पत्रावली गायब कर जानबूझ कर विपक्षी से अनुचित लाभ लिया। यह वाद करोड़ों की संपत्ति से जुड़ा है। इसमें वादी के पक्ष में थाना कोतवाली से 27 नवंबर 2021 को रिपोर्ट भी आ गई थी। विवादित संपति को न्यायालय से कुर्क किए जाने की संभावना थी।