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फाइलेरिया रोगियों को प्रदान की गई एमएमडीपी किट





●प्रशिक्षण के माध्यम से फाइलेरिया प्रभावित अंगों की समुचित देखभाल के प्रति किया जागरूक

● सहयोगी संस्थाओं ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

 बलिया।।जनपद में गुरुवार को हनुमानगंज ब्लॉक के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वयना पर स्वास्थ्य विभाग ने शिविर आयोजित कर 110 फाइलेरिया रोगियों को प्रशिक्षण दिया। इसके साथ ही फाइलेरिया प्रभावित अंगों की रुग्णता प्रबंधन के लिए उन्हें एमएमडीपी (रुग्णता प्रबंधन एवम दिव्यांगता रोकथाम)किट प्रदान की गयी। इस कार्यक्रम में सहयोगी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही। प्रशिक्षण में जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) सुनील कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह न बीमारी व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर रुके हुए पानी में कीटनाशक, जला हुआ मोबिल आयल, डीजल का छिड़काव करते रहें।

डीएमओ ने फाइलेरिया प्रभावित अंगों के रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया और बताया कि इससे बचने के लिए एमडीए अभियान के दौरान दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा का सेवन करने की आवश्यकता है। गर्भवती व गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को यह दवा नहीं खानी है। दवा के सेवन से फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है। यही एकमात्र उपाय है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया के मरीजों के प्रभावित अंग को अच्छी तरह से साफ-सफाई कर रखना चाहिए, जिससे किसी प्रकार के संक्रमण से मरीज न प्रभावित हो। इसके लिए उन्हें साफ-सफाई और दवा का सेवन नियमित रूप से करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में फाइलेरिया लिम्फोडीमा के 4205 मरीज है। इन मरीज़ों में से 2546 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जा चुकी है।





प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र यादव ने बताया कि गुरुवार को 110 रोगियों को फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए एमएमडीपी किट प्रदान की गई। इस किट में हाथ धोने का साबुन, टब, बाल्टी, मग, तौलिया, दस्ताने एवं आवश्यक दवा आदि शामिल है ।

         क्या कहा लाभार्थियों ने

ब्लॉक- हनुमानगंज के अंतर्गत ग्राम- टकरसन निवासी 25 वर्षीय रंजीत मौर्या ने बताया  “फाइलेरिया (हाथीपांव) के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार पर इतनी अच्छी जानकारी शिविर में आकर मिली। इस शिविर के विषय में मुझे आशा कार्यकर्ता ने जानकारी दी थी। शिविर में फाइलेरिया रुग्णता प्रबंधन का अभ्यास कराया गया, हमें रोग के प्रबंधन, साफ- सफाई, पैर की धुलाई, उचित आकार के चप्पल, सैंडल पहने, चोट लगने, कटने, जलने से बचाव के बारे में जानकारी मिली। व्यायाम के विषय में भी जानकारी मिली अब मैं सुबह -शाम अभ्यास करूंगा, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करूंगा। साथ ही फाइलेरिया रुग्णता प्रबंधन किट भी मिली है, इस किट में अभ्यास के दौरान दिखाई गई सभी सामग्री मौजूद है।”

ब्लॉक हनुमानगंज के अंतर्गत ग्राम शंकरपुर निवासी मोतीलाल यादव उम्र 40 वर्ष ने बताया  “आशा दीदी द्वारा प्राप्त सूचना पर मैं इस शिविर में उपस्थित हुआ। जहां पर बहुत विस्तार से फाइलेरिया (हाथीपांव) के लक्षण, बचाव, उपचार, व्यायाम के बारे में प्रशिक्षण मिला। किट भी पहली बार मुझे मिली है इसका प्रयोग मैं अच्छे से करूंगा, दिन में दो बार जो व्यायाम बताया गया है उसे भी करूंगा, पैर की नियमित सफाई- धुलाई करूंगा, आज मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। स्वास्थ्य विभाग की इस पहल से सभी मरीजों को लाभ मिलेगा।”

इस अवसर पर वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक ताज मोहम्मद, आशा संगिनी,आशा, पाथ संस्था के जिला समन्वयक नितेश कुमार, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक पूनम भारती आदि उपस्थित रहे ।