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बांसडीह सीएचसी पर संगिनी की नियुक्ति में फर्जीवड़ा, जिलाधिकारी से मई में शिकायत के बाद भी नही हुई कार्यवाही, अब मांगा गया बजट




मधुसूदन सिंह

बलिया।। अभी जिस आशा पूनम वर्मा पर दलित समुदाय की महिला का प्रसव कराने के दौरान नवजात बच्ची के दाहिने हाथ को तोड़ने का आरोप लगा है। वही अब इसी आशा को फर्जी तरीके से संगिनी बनाने का मामला भी सामने आया है। संगिनी नियुक्त के समय न तो शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया, न ही तत्कालीन सीएमओ से ही रिक्तियों के संबंध में सूचना ही प्रकाशित करायी गयी। तत्कालीन अधीक्षक /एसीएमओ (आरसीएच ) द्वारा पहले नियम विरुद्ध अपनी दो चहेती आशाओ को संगिनी के पद पर नियुक्ति की गयी और इस नियुक्ति का अप्रूवल तब स्वयं दिया गया ज़ब ये सीएमओ बलिया के चार्ज पर 30 जनवरी 2023 को थे और अगले माह 28 फ़रवरी  2023 को सेवानिवृत हो गये । यानी साहब ने स्वयं ही नियुक्ति की और अप्रूवल भी दे दिया। यही नही बीसीपीएम द्वारा हस्ताक्षर करने से इंकार करने पर उसका तबादला करके ऐसी बीसीपीएम को लाया गया जिसने बिना किसी हिलाहवाली के हस्ताक्षर कर दी।














उपरोक्त नियुक्तियों में हुई विसंगतियों को दर्शाते हुए ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर अभिषेक सिंह ने 24 मई 2023 को अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह को एक पत्र भेजा, जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई है। यही नही यहां पहले से कार्यरत सभी 6 संगिनियों ने भी इस धांधली की लिखित शिकायत जिलाधिकारी बलिया से की है। लेकिन भी पत्र नक्कारखाने में तूती बजने वाली हालत में है।





अब तो बीसीपीएम अनीता यादव ( यही है जिन्होंने तत्कालीन अधीक्षक के फर्जीवाड़े को सत्यापित किया ) ने फर्जीवाड़े से नियुक्त की गयी दोनों संगिनियों पूनम वर्मा और अर्पिता सिंह के लिये आवश्यक बजट की मांग 8 जुलाई 2023 के अपने पत्र के माध्यम से लिखित रूप से की है।

मई से हो रही लिखित शिकायतों के वावजूद जिस तरह से कार्यवाही में हिलाहवाली हो रही है, वह भ्रष्टाचार को संरक्षण देने जैसा ही कृत्य है। अब देखना है कि जिलाधिकारी बलिया और सीएमओ बलिया कब इस फर्जीवाड़े पर कार्यवाही करते है?