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यूपी में नगर निकाय चुनावों की बजी रणभेरी, आरक्षण सूची हुई जारी,6 अप्रैल तक की जा सकती है आपत्ति

 


लखनऊ।।उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण को लेकर नोटिफिकेशन जारी हो गया है। यूपी के 760 नगर निकायों में सीटों के आरक्षण की घोषणा कर दी गई है। इस आरक्षण सूची से संबंधित आपत्तियां 6 अप्रैल तक की जा सकती है।

 आरक्षण के नोटिफिकेशन को जारी करते हुए यूपी के नगर विकास मंत्री एक शर्मा ने कहा कि हमने कहा था बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव हम नहीं कराना चाहते हैं। नगर पंचयतो में 544 का आरक्षण जारी कर दिया गया है। हम लोगो ने ऑर्डिनेंस लाया है और इसी व्यवस्था के तहत अंतिम सूची जारी की है।



 इसके साथ ही एके शर्मा ने कहा कि आयोग ने कहा था कि यह बहुत बड़ा राज्य है,कई लोग असंतोष भी कर रहे थे। अब आयोग के परिवर्तन से फायदे हुए हैं, 39 नगर पंचयतो में अनुसूचित जाति का कोई प्रतिनिधित्व नहीं था लेकिन अब बहुत फर्क पड़ा है। अब केवल 14 जिले ऐसे रह गए हैं, जहां अनुसूचित जनजाति के लिए पहले 1 सीट थी अब 2 सीट हो गयी हैं। वहीं नगर पालिका में 73 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।









बता दें कि उत्तर प्रदेश में करीब 762 नगर निकायों के लिए चुनाव होने हैं।इनमें नगर निगम की 17, नगर पालिका परिषद की 199, शेष सीटें नगर पंचायत की हैं। यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर नगर निगम की सीटो में 6 सीटों में परिवर्तन हुए हैं, इसके साथ ही ओबीसी के लिए 205 सीटें पहले भी थी और अभी भी हैं। हालांकि आरक्षण की इस लिस्ट के अनुसार नगर पालिका परिषद सिसवा बाजार और बस्ती जिले की पंचायत भानुपर को इस आरक्षण लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। यहां का विवाद न्यायालय में विचाराधीन है।

यूपी के 17 नगर निगमों के महापौर पद के लिए आरक्षण की स्थिति की बात करें तो आगरा में अनुसूचित जाति महिला, झांसी अनुसूचित जाति, शाहजहांपुर पिछड़ा वर्ग महिला , फिरोजाबाद पिछड़ा वर्ग महिला, सहारनपुर पिछड़ा वर्ग, मेरठ पिछड़ा वर्ग, लखनऊ महिला, कानपुर महिला, गाजियाबाद महिला के लिए आरक्षित हैं. इसके साथ ही वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा, वृंदावन अनारक्षित में हैं।

बलिया नगर पालिका अनारक्षित, तो रसड़ा नगर पालिका की सीट हुई पिछड़ा वर्ग

आज जारी आरक्षण सूची में सबसे बड़ा बदलाव नगर पालिका परिषद बलिया के अध्यक्ष पद के आरक्षण में हुआ है। पहले यह सीट महिलाओं के लिये आरक्षित थी लेकिन एक बार फिर यह अनारक्षित हो गयी है। इस सीट के अनारक्षित होते ही कई उम्मीदवारों के समीकरण गड़बड़ा तो कई के ठीक होते दिख रहे है।

वही रसड़ा नगर पालिका की सीट के पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होते ही पूर्व चेयरमैन वशिष्ठ नारायण सोनी के लिये एक चुनौती बन गयी है। अंदर देखना है कि क्या श्री सोनी लगातार 25 सालों से चले आ रहे अपने दबदबे को बरकरार रख पाते है? बता दे कि पिछले पांच चुनावों से इस सीट पर वरिष्ठ नारायण सोनी और इनकी पत्नी मोती रानी का ही बारी बारी से कब्जा रहा है।

बलिया की नगर पंचायतों की स्थिति निम्न है ---