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अब उन्तीस जनवरी को माघ मेला क्षेत्र प्रयागराज में होगा भव्य साहित्य पद्म सम्मान समारोह



प्रयागराज।।दिसम्बर 2022 में  आचार्य पं० महावीर  प्रसाद  द्विवेदी जी की  जयंती  ( 21दिसम्बर  )  के पावन पर्व पर दिये जाने वाले सम्मान की तिथि बढ़ा दी गई है । अब यह सम्मान समारोह 21 दिसंबर को अपरिहार्य कारणों से आयोजित नहीं हो पाएगा। अब यह सम्मान समारोह आगामी 29 जनवरी 2023 को माघ मेला क्षेत्र प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा।

उपरोक्त जानकारी देते हुए पत्रिका के संपादक डॉक्टर भगवान प्रसाद   उपाध्याय ने बताया कि व्यवस्था अपूर्ण रहने और प्रविष्टियों की संख्या बहुत कम होने के कारण यह तिथि बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि साहित्यांजलि प्रभा हिन्दी मासिक पत्रिका  से जुड़े पत्रिका परिवार के  सम्मानित पदाधिकारियों  / संवाददाता बन्धुओं  ( जिनका इस वर्ष नवीनीकरण हो चुका है और 31  दिसम्बर   2022  तक वर्ष  2023 का  भी नवीनीकरण   हो जाएगा  )  को साहित्यपद्म सम्मान अथवा   अन्य  नामित  जो हिंदी साहित्य के मूर्धन्य स्मृति शेष साहित्यकारों की स्मृति में दिए जाएंगे और पत्रिका की ओर से अन्य नामित सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। इसके लिए आपको अपनी  प्रविष्टि पंजीकृत डाक से सम्पादक  :- साहित्यांजलि प्रभा गंधियांव करछना प्रयागराज उत्तर प्रदेश पिन कोड 212301  के पते पर अंतिम तिथि  31 दिसम्बर  2022 तक  भेजनी है। 

सम्मान समारोह में आने वाले सम्मानित साहित्यकारों को किसी प्रकार का मार्ग  व्यय नहीं दिया जाएगा, उनके  भोजन एवं स्वल्पाहार  इत्यादि की व्यवस्था 29  जनवरी  2023 को माघ मेला क्षेत्र प्रयागराज में ही होगी। इसी सम्मान समारोह में भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ एवं अन्य साहित्यिक संस्थाओं द्वारा दिए जाने वाले सम्मान भी प्रदान किए जाएंगे। समारोह दो सत्रों में होगा -  प्रथम सत्र में पंजीयन एवं पुस्तकों तथा पत्रिकाओं का लोकार्पण और द्वितीय सत्र में सारस्वत सम्मान होगा।








  डॉ उपाध्याय ने बताया कि पिछले कुछ अंक से पत्रिका परिवार अपरिहार्य कारणवश नहीं दिया जा रहा था जो अब  जनवरी 2023 के अंक से नए कलेवर के साथ दिया जाएगा किंतु पत्रिका परिवार में केवल वही लोग सम्मिलित हो पाएंगे जिनका नवीनीकरण 31दिसम्बर  2022 तक हो जाएगा। 

   जनवरी 2023 से पत्रिका की साज-सज्जा और कलेवर  में परिवर्तन किया जा रहा है तथा पृष्ठ संख्या भी बढ़ाई जा रही है। साथ ही वार्षिक सदस्यता शुल्क मात्र  पांच सौ रूपये डाक खर्च सहित निर्धारित किया गया है। इसमें वार्षिक परिचय पत्र  नये वर्ष का एक आकर्षक कैलेंडर  और पत्रिका भी शामिल है।

    जैसा कि आप सभी को विदित है लागत अत्यधिक बढ़ जाने के कारण विवशता में ऐसा करना पड़ रहा है और साहित्यकार विशेषांक योजना की लागत में भी परिवर्तन किया जा रहा है इसके लिए आप फोन से संपर्क कर सकते हैं। वार्षिक  तथा आजीवन सदस्यों और पत्रिका परिवार से जुड़े लोगों को साहित्यांजलि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकें उपहार में दी जाएंगी। जो प्रविष्ठियां प्राप्त हो चुकी हैं उन्हें भी सम्मान योजना में शामिल किया जाएगा और नई प्रविष्टियों के लिए 31 दिसंबर के बाद कोई भी प्रविष्टि उसमें शामिल नहीं की जाएगी।