Breaking News

बोले पं सीताराम -भक्त प्रहलाद की स्वयं प्रभु ने की रक्षा



बलिया।। नगर से सटे अगरसंडा गांव में चल रहे संगीतमयी श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन शनिवार की राम देवरिया जिले से पधारें आचार्य पंडित सीताराम तिवारी (गुरुजी) ने भरत, भक्त प्रहलाद, हिरण्य कश्यप का चरित्र तथा भगवान नरसिंह के अवतार पर विस्ताररूप से प्रकाश डाला।

कहा कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान का केन्द्र है। आनंद की तल्लीनता में पाप का स्पर्श भी नहीं हो पाता। भागवत कथा एक ऐसा अमृत है जिसको कितना भी पान किया जाय मन तृप्त नहीं होता। उन्होंने कहा कि हिरण्य कश्यप घोर तप कर के ब्रह्मा जी से वर मांगा कि न मैं मनुष्य से मरू, न देवती से मरू, न राक्षस से मरू, न किसी अस्त्र-शस्त्र से मरू, न अंदर मरू, न बाहर मरू, न आकाश में मरू, न पृथ्वी एवं पालात में मरू, न रात में मरू और न दिन में मरू । ब्रह्माजी ने तथास्तु कह दिया।






 वर पाकर हिरण्य कश्यप उतावला हो गया। इसके बाद विष्णु से बदला लेने के लिए उनके सभी भक्तों को प्रताड़ित करने लगा। यहां तक कि अपने प्रियपुत्र प्रहलाद को भी भगवान विष्णु का भक्त होने के कारण तरह-तरह की यातनाएं दी और जाने से मारने के लिये नाना प्रकार के उपाय किया। लेकिन प्रभु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करते रहे। अंततः भगवान विष्णु ने भगवान नरसिंह के रुप में प्रकट होकर अपने भक्त की रक्षा की। कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति सच्चे मन से प्रभु की शरण में जाता है तो भगवान उसको रक्षा स्वयं करने के लिए पहुंच जाते है। भक्तों ने रात भर कथा का रसपान किया। आयोजक भोला चौधरी, यजमान के रूप में शिवनारायण यादव, गिरजा देवी समेत सैकड़ों लोगों ने देर रात तक कथा का रसपान किया।