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अस्पताल के गेट पर अवैध रूप से संचालित है जागृति जांच एक्सरे केंद्र,बच्चें के हाथ पर चढ़ाया प्लास्टर, हाथ हो गया टेढ़ा



महेश जी 

रेवती (बलिया)।। रेवती सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर वर्षों से अवैध अल्ट्रासाउंड व पैथोलॉजी का गोरखधंधा फल-फूल रहा है लेकिन  इस गंभीर व अहम मुद्दे की अनदेखी स्वास्थ्य विभाग कर रहा है। विभागीय अनदेखी के चलते ऐसे जांच केंद्र मरीजों का शोषण कर रहे है। इसकी जांच के लिये नियुक्त नोडल अधिकारी की लापरवाही की ही देन है कि विभागीय नियमों की अनदेखी कर रेवती में दर्जनों झोलाछाप डॉक्टरों के साथ अवैध जांच घर फल फूल रहे है।




विभागीय कार्रवाई नहीं होने से उठ रहे सवाल

रेवती मे अल्ट्रासाउंड पैथोलॉजियो का बिना रजिस्ट्रेशन का संचालन धड़ल्ले से हो रहा हैं। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है, कि ऐसे नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड केंद्र तक रोगियों को ले जाने के लिए भारी पैमाने पर सरकारी कर्मचारी लिप्त हैं। क्षेत्र में कई ऐसे अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी एक्सरे केंद्र हैं, जिसमें जांच कार्य चिकित्सक की जगह अप्रशिक्षित कर्मी हैं। अल्ट्रासाउंड पैथोलॉजी, केंद्र जिन चिकित्सकों के नाम संचालित किया जाता है, वे चिकित्सक केंद्र में मौजूद नहीं होते हैं,मगर, उनके नाम का बोर्ड लगा होता है। ऐसे केंद्रों के जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े होते हैं। जानकारों का मानना है कि इस तरह की जांच मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है। क्योंकि जांच से इलाज की सही दिशा तय होती है। अगर गलत जांच रिपोर्ट निकलेगी  तो इलाज की दिशा के भी गड़बड़ होने की आशंका बनी रहती है। आशा बहू,एएनएम,बिचौलिये गिरोह रोगियों में सक्रिय हैं। 



अप्रशिक्षित कर्मी करते हैं लोगों की जांच, मरीजों की जान भगवान भरोसे

फर्जी पैथोलॉजी सेंटर द्वारा कैसे मरीजो के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, इसका उदाहरण पीड़ित रेवती नगर पंचायत के वार्ड नंबर 14 में रहने वाले दिनेश कुमार के पुत्र आर्यन के साथ हुआ। दिनेश ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया को एक शिकायत पत्र प्रेषित किया है। जिसमें रेवती के जागृति जांच केंद्र पर आरोप लगाया है। कि एक माह पहले हमारे पुत्र आर्यन छत के सिढीओ से गिर गया जिससे उसका एक बाह टूट गयी थी। हम अपने पुत्र को लेकर जागृति जांच केंद्र पर गए वहां पर जागृति जांच केंद्र के संचालक श्रीवास्तव जी ने हमारे बच्चे के हाथ पर प्लास्टर किया और  कहा कि एक माह में ठीक हो जाएगा। लेकिन एक माह के बाद जब प्लास्टर काटा गया तो बाह तिरछी दिख रही थी । जब इस संबंध मे जागृति जांच केंद्र के संचालक से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि कभी कभी ऐसा हो जाता है, हम ठीक कर देंगे।यह उदाहरण है कि कैसे इन पैथोलॉजी केन्द्रो द्वारा मरीजो का गलत इलाज करने से जान माल के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अल्ट्रासाउंड, व पैथोलॉजी, झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ जांच कर सुनिश्चित कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में अराजकता का माहौल व्याप्त हो रहा है।