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स्ववित्तपोषित शिक्षकों ने अपनी विभिन्न मांगो वाला पत्रक डीएम के माध्यम से सीएम को भेजा



डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट

बलिया।।अनुदानित महाविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरुणेश अवस्थी  के आवाहन पर जिलाधिकारी के माध्यम से दिनांक.27/08/2022..को मुख्यमंत्री जी को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से विगत 15-20 वर्षों से अनुदानित महाविद्यालय के स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में UGC द्वारा निर्धारित पूर्ण योग्यता के आधार पर असिस्टेंट प्रोफेसर के  खोखले पदनाम के साथ बेहद अल्पवेतन पर कार्यरत प्रदेश के 16 विश्वविद्यालय व संबद्ध 303 अनुदानित महाविद्यालय के स्ववित्तपोषित शिक्षकों ने अपनी असहनीय दशा से राज्य सरकार को अवगत कराने के लिए एक ज्ञापन अभियान सभी 75 जिलों में एक साथ आरम्भ किया है।




जिसके अंतर्गत सभी अनुदानित शिक्षकों ने अपनी वास्तविक स्थिति से अवगत कराते हुए यह बताने का प्रयास किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अग्रणी व भविष्य के निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक अपनी रोटी और अपने वजूद के लिए संघर्ष की स्थिति में आ गए हैं। कई शिक्षक, इस दुर्व्यवस्था के साथ ही काल-कवलित हो गए,कुछ ने आत्महत्या कर ली तथा कई सेवानिवृत्त हो गए और आधे से ज्यादा शिक्षक 45-50 वर्ष के ऊपर हो गए हैं। भौतिक सत्यापन की स्थिति में इनकी सम्भावित संख्या भी 2000 से अधिक  नहीं है, फिर भी पिछली कई सरकारों के सामने यह दुर्व्यवस्था निरंतर जारी है।


इन शिक्षकों ने सिर्फ समस्या को ही नहीं रखा बल्कि अपने अनुभव और शिक्षक के स्वभाव के अनुरूप समस्या के स्थायी समाधान हेतु पूरे मैकेनिज्म को सरकार के सामने रखा है, जिससे उनकी दशा और दुर्दशा को बदला जा सकता है।

अनुदानित महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित योजनान्तर्गत नवीन पाठ्यक्रमों पर तत्काल रोक लगाकर सभी संचालित विषयों को अनुदान पर लेकर शिक्षकों का विनियमितीकरण कर एक समान व्यवस्था लागू की जा सकती है।

उ.प्र. के सभी अनुदानित महाविद्यालयों के 2(F) व 12 (B) दर्जा प्राप्त होने के कारण इन महाविद्यालयों की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है | उपर्युक्त प्रक्रिया के अनुपालन में कोई विधिक अड़चन नहीं है। पूर्व में स्ववित्तपोषित बी.एड. पाठ्यक्रम को अनुदान पर लेकर सरकार ने कुछ शिक्षकों को विनियमित कर उनकी समस्याओं का स्थाई समाधान प्रस्तुत किया है।

वित्तीय उपादेयता की उलाहना देने वाले प्रशासकों को न्यूनतम व्ययभार का तरीका भी बताया जा चुका है।अन्तिम रूप से उत्तर प्रदेश के सभी अनुदानित महाविद्यालय के स्ववित्तपोषित शिक्षकों ने अपने प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुणेश अवस्थी जी के नेतृत्व में सरकार के समक्ष विनियमितीकरण/यूजीसी वेतनमान की मांग को इस उद्देश्य से रखने का प्रयास किया कि इस शिक्षक दिवस पर महाराज जी का विशेष अनुग्रह हम सभी को प्राप्त हो।

 ज्ञापन सौपने वालो में जिलाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार दुबे, डॉ सुनीता चौधरी, डॉ  अंबुज सिंह डॉ भूपेंद्र सिंह, डॉ उपेंद्र सिंह, डॉ अवनीश कुमार पांडेय, डॉ मुकेश वर्मा, डॉ विवेक कुमार, डॉ सुधीर कुमार कुशवाहा, डॉ शैलेंद्र सिंह, उमेश सिंह, डॉ बृजेश तिवारी, डॉ राहुल पान्डेय उपस्थिति रहे।