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बलिया मे स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को सीएम योगी ने किया नमन, जिला जेल को स्मारक बनाने की सीएम ने की घोषणा

 



मेडिकल कालेज व लिंक एक्सप्रेस वे के भी बनाने की सीएम ने की घोषणा

किसान मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के जिले मे नही मिल रही है मेडिकल कालेज के लिए जमीन

स्कूली छात्र छात्राओं की पंडाल मे रही दो तिहाई उपस्थिति

मधुसूदन सिंह

बलिया।। 80 वर्ष पूर्व 19 अगस्त 1942 को देश मे पहली बार अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंक कर आजाद होने वाले बलिया के बलिदान दिवस के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलिया पहुंच कर न सिर्फ बागी धरती को नमन किया बल्कि जीवित सेनानी रामविचार पांडेय और अन्य सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सीएम योगी ने बलिया के क्रान्तिकारी इतिहास को भी याद किया। बता दे कि 81 वा बलिया बलिदान दिवस के इतिहास मे एक ऐतिहासिक कड़ी जुड़ गयी, जब सीएम योगी सांकेतिक रूप से जेल के फाटक खुलने के ऐतिहासिक अवसर पर न सिर्फ उपस्थित हुए बल्कि यहां से निकलने वाले जुलुस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।








पुलिस लाइन के परेड ग्राउंड मे आयोजित विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए श्री योगी ने कहा कि बलिया को किसी भी अनुशासन की आवश्यकता नही होती है, ऐसा कहा जाता है। लेकिन जब अनुशासन का पाठ पढ़ाने की बात आती है तो बलिया के ही सपूत मंगल पांडेय ने 1857 मे दो अंग्रेजो को गोली मार कर सशस्त्र स्वतंत्रता आंदोलन का बिगुल फूंका था। 19 अगस्त 1942 को शेरे बलिया चित्तू पांडेय के नेतृत्व मे ब्रिटिश हुकूमत से आजाद करने का काम किया। श्री पांडेय ने अनुशासन के साथ बलिया का शासन चलाया। बाद मे ब्रिटिशर्स ने बलिया पर घोर जुल्म ढाये,84 लोग बलिया को आजादी दिलाने मे शहीद हुए और सैकड़ो लोग घायल हुए।










 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज बलिया बलिदान दिवस के अवसर पर बलिया के स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों को नमन किया। उन्होंने जिला कारागार में अमर शहीद राजकुमार बाघ जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उनको श्रद्धान्जलि दी। इसके बाद पुलिस लाईन परेड ग्राउण्ड में आयोजित जनसभा को सम्बोधित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम नायक मंगल पांडेय जी व महान सेनानी चित्तू पांडेय जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।


 मुख्यमंत्री जी ने अपने सम्बोधन की शुरूआत भारत माता की जय व वन्देमातरम के उद्घोष के साथ की। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में जब पूरा देश जुटा है, इस अवसर पर मुझे बलिया के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े ऐतिहासिक बलिदान दिवस पर आने का सुअवसर मिला है। बलिया का एक अपना इतिहास है। कहा जाता है बलिया के लिए अनुशासन का कोई महत्व नहीं होता। लेकिन, आजादी के बाद देश के विकास के लिए जिस अनुशासन की आवश्यकता थी, वह बलिया में देखने को मिली है। वहीं देश को आजाद कराने के लिए जिस तेवर की आवश्यकता थी, वह तेवन भी बलिया के इतिहास में देखने को मिला है। जरूरत पड़ने पर मंगल पांडेय ने बैरकपुर छावनी में स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी जलाई। वह लड़ाई लगातार चलती रही। महात्मा गांधी ने जब अंग्रेजी छोड़ो भारत का नारा दिया था, तब महान सेनानी चित्तू पांडेय ने अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन किया। 


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 1942 में बलिया ने अपने आप को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया था। तब यहां के प्रथम कलेक्टर चित्तू पांडेय एवं पुलिस कप्तान महानंद मिश्र जी बने थे। यहां के क्रान्तिकारियों ने हल, कुदाल, फावड़ा आदि से ही आजादी की लड़ाई लड़ी थी और क्रांतिकारियों को जेल से छोड़ने पर अंग्रेजों को विवश कर दिया था। यहां के लोगों का बलिदान और त्याग बलिया को नई पहचान देता है। देश की आजादी के बाद यहां के लोगों ने देश के विकास की भी चिन्ता की। 


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गंगा व सरयू के बीच बसा बलिया पौराणिक व पवित्र स्थल का प्रतीक है। वही पवित्रता यहां की क्रांति के रूप में झलकती है। आजादी के बाद एक बार फिर जब देश के लोकतंत्र को कुचलने के कार्य कुछ लोगों ने किया था, तब भी बलिया ने हुंकार भरी थी और लोकनायक जयप्रकाश जी के नेतृत्व में लड़ाई को बढ़ाने का काम किया। आम आदमी के मौलिक अधिकार, उसकी सुरक्षा व स्वालंबन के लिए आंदोलन चला, जिसमें  पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी का भी योगदान अविष्मरणीय रहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नागरिकों को पांच संकल्प दिलाएं है, जिसके अनुसार हर व्यक्ति अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़कर कार्य करना प्रारम्भ कर देंगे तो भारत को दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति के रूप में स्थापित कर देंगे। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के नियंत्रण में भारत ने बेहतर परिणाम दिखाया है। पूरी दुनिया में भारत को उदाहरण के रूप में देखा जाता है।


 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज हर किसी को आजादी के अमृतकाल में अच्छा कार्यक्रम बनाना है और विकास के बारे में सोचना है। हर कोई अपने कर्तव्यों को लेकर आगे बढे। उन्होंने कहा कि आज बिना भेदभाव के सबको योजनाओं का लाभ मिल रहा है। हर गरीब को आवास, शौचालय, राशन, हर गांव में बिजली और अन्य सुविधाएं पहुंचायी जा रही है। इसमें कोई संदेह नहीं कि आने वाले समय में भारत दुनिया का नेतृत्वकर्ता के रूप में होगा। 

पुस्तक का किया विमोचन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग द्वारा प्रकाशित ‘‘उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम बलिया‘‘ नामक पुस्तक का विमोचन किया। अमर सेनानियों के पराक्रम व बलिदान की वीरगाथा पर आधारित इस पुस्तक के लेखक डॉ शिवकुमार कौशिकेय की वर्ष 1857 से 1947 तक के इतिहास से अवगत कराने के लिए सराहना भी की। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की हर एक चिंगारी से जुड़ी हर एक तहसील एवं गांवों के इतिहास लेखन की आवश्यकता पर बल दिया। 


सेनानी व उनके आश्रितों को किया सम्मानित


मुख्यमंत्री जी ने बलिया के छह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उनके आश्रितों को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि महान सेनानियों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। हम सबका सौभाग्य है कि आजादी के योद्धाओं का दर्शन हो रहा है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बलिया में मेडिकल काॅलेज तीन वर्ष पूर्व बन जाना चाहिए था, परन्तु जमीन नहीं मिलने के कारण नहीं बन पाया है। मेडिकल काॅलेज के साथ यहां की मुलभूत सुविधाओं को बढ़ाने में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए ही मुख्य सचिव को साथ लेकर आया हूं।






मेडिकल कालेज की दी सौगात पर बताया नही मिल रही है बलिया मे जमीन

जन सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 साल से मै बलिया मे मेडिकल कालेज खोलने के लिए जमीन मांग रहा हूं, जो 3 साल पहले ही बन जाना चाहिये था, लेकिन आज तक नही मिल पायी है। लेकिन आज मै अपने साथ बलिया मे ही पढ़े अपने मुख्य सचिव दुर्गा प्रसाद मिश्र को लेकर आया हूं जो शाम तक रुक कर इसको फाइनल करेंगे।

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से बलिया को मिल रही है लिंक एक्सप्रेस वे

मुख्यमंत्री श्री योगी ने कहा कि बलिया का विकास बहुत पहले हो जाना चाहिये था, जो नही हो पाया है। अब बलिया के विकास के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से एक लिंक एक्सप्रेस वे की शुरुआत की जा रही है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

सीएम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि संयोग से परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह बलिया के ही हैं, इसलिए बलिया परिवहन के क्षेत्र में और अच्छा होना चाहिए। यहां बेहतर कनेक्टिविटी होनी चाहिए। दयाशंकर सिंह को भी जिम्मेदारी देते हुए कहा कि बलिया का बस स्टेशन अच्छा हो। यहां इलेक्ट्रिक बसें चलवाएं। बलिया नगर का दायरा बढ़ाने के साथ चहुंमुखी विकास के लिए सभी जनप्रतिनिधि आगे बढ़कर काम करें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि हमारी ओर से जहां भी सहयोग की आवश्यकता होगी, तत्परता से खड़ा रहूंगा। बलिया से लखनऊ जाने में और कम समय लगे, इसके लिए लिंक एक्सप्रेस-वे से बलिया को जोड़ा जा रहा है। 




जेल होगा शहर से बाहर शिफ्ट, पुराना जेल बनेगा स्मारक

सीएम योगी ने अपने सम्बोधन मे कहा कि बलिया को जल जमाव से जहां मुक्ति दिलायी जायेगी तो वही पुरानी जेल को शहर से बाहर शिफ्ट कर पुरानी जेल को भव्य स्मारक बनाने की भी घोषणा कर जनपद वासियो की तालियां बटोरी।

एयरपोर्ट की तर्ज पर बनेगा रोडवेज

सीएम योगी ने जनपद वासियो को भव्य रोडवेज की सौगात दी। सीएम योगी ने परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को निर्देश दिया कि बलिया का बस अड्डा एयरपोर्ट की तर्ज पर जल्द से जल्द बनाया जाय।

बलिया का इतिहास लिखने के लिए लोगो को किया प्रेरित




सीएम योगी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी की प्रेरणा से देश आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। प्रदेश का संस्कृति विभाग प्रदेश के सभी 75 जिलों मे वहां की क्रान्तिकारी इतिहास को पुस्तकों के रूप मे प्रकाशित कराने की एक योजना चला रखी है। आप सभी लोगो, शिक्षकों से मै अनुरोध कर रहा हूं कि जो भी लोग इतिहास से संबंधित पुस्तक लिखना चाहते है लिखें, छपवाने की जिम्मेदारी सरकार की है। इसी कड़ी मे शिव कुमार कौशिकेय द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया।

किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के जनपद मे जमीन का टोटा

किसान मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के जनपद मे मेडिकल कालेज के लिए जमीन न मिलना लोगो मे चर्चा का विषय बन गया है। लोगो ने कहना शुरू कर दिया है कि अभी तो मेडिकल कालेज के लिए जमीन की तलाश हो रही है, तो जेल के लिए कब मिलेगी यह सोचनीय बात है। लोगो ने कहा है कि सांसद जी अगर मन बना ले तो बलिया मे मेडिकल कालेज और जेल दोनों के लिए जमीन जल्द मिल जायेगी।

स्कूली छात्रों से पटा रहा पांडाल






सीएम योगी की जन सभा मे स्कूली छात्र छात्राओं की संख्या दो तिहाई से भी अधिक रही है। सुबह 9 बजे की जन सभा मे भीड़ जुटने की आशंका को सीएम योगी ने मंच से ही कह कर बताया कि हमारे परिवहन मंत्री ने कहा था कि बलिया रात को सोता नही है, भीड़ पहुंच जायेगी। लेकिन अगर स्कूली बच्चें नही होते तो पांडाल का भरना मुश्किल था।

दयाशंकर सिंह व दानिश आजाद ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह से किया सम्मानित




जन सभा के मंच पर पहुंचने पर सीएम योगी का प्रदेश सरकार के मंत्री द्वय दया शंकर सिंह व दानिश आजाद अंसारी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

महान सेनानियों का हो रहा अब असली सम्मान: दयाशंकर

जनसभा में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए बलिया बलिदान दिवस के ऐतिहासिक मौके पर उपस्थिति दर्ज कराने के लिए आभार प्रकट किया। हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री जी का आगमन हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे महान सेनानियों को जो सम्मान 75 वर्षों में नहीं मिला, वह सम्मान मोदी व योगी की सरकार कर रही है। इससे पहले हेलीपैड पर उन्होंने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

 मंच पर दोनों मंत्रियो के अलावा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, सांसद रविन्द्र कुशवाहा, सांसद नीरज शेखर, पूर्व सांसद भरत सिंह, विधायक केतकी सिंह, विधान परिषद सदस्य रवि शंकर सिंह पप्पू , जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू, पूर्व मंत्री द्वय उपेंद्र तिवारी व आनंद स्वरुप शुक्ला, पूर्व विधायक संजय यादव, छट्ठू राम मौजूद रहे।