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26 अगस्त 1942 : अंग्रेजी फौज का चला दमन चक्र, घरों को लूटा,5 लोग हुए शहीद



मधुसूदन सिंह

बलिया।। अंग्रेज अधिकारी जल्द से जल्द बलिया पर कब्जा करने के लिये लोगो मे दहशत फैला रहे थे। राहगीरों को बिना दोष के मारने पीटने की घटनाये आम थी। गांवो मे घुस कर घरों को लूटना, जलाना यह जैसे उनके नित्य कर्म हो गये थे। अंग्रेजों का इरादा था कि इतनी दहशत फैला दी जाय, कि भविष्य मे कोई भी फिर से बगावत न कर सके।

चरौवा में फौजी दमन : घरों को लूटा, चार हुए शहीद 

आस-पास के गाँवों में फौजी दमन जोरों पर था । 26 ता० को ही चरौवा गांव में सैनिकों ने एक चौकीदार को गाँव के मुखिया को बुलाने के लिए भेजा। गाँव वालों ने चौकीदार को वहीं बाँध दिया और फौज से लड़ने की तैयारी कर ली । सैनिकों को जब पता चला कि चौकीदार गिरफ्तार कर लिया गया है तो उन्होंने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। श्री शिवशंकर सिंह, श्री खर बियार, मंगला सिंह और श्रीमती जमुना माली को गोली लगी। जिससे वे शहीद हो गए। फौजी गांव में पहुँच कर श्री लालचन्द भगत के घर के सभी सामानों को लूट लिए। रामदेनी भगत के जेवरात और नगद रुपये भी उठा लिए। श्री रामसेवक तिवारी के घर के भी गहने और कपड़े ले लिए। श्री कन्हैया सिंह के मकान पर भगत सिंह का चित्र टंगा था उसे गोली से उड़ा दिये, साथ ही घर के अनाज और कपड़े तथा कुछ रुपये लेकर उनके मकान में आग लगा दी ।

गड़वार थाने पर फौज का कब्जा, गांवो मे की गयी लूटपाट 

गड़वार थाने के दरोगा ठाकुर बंशगोपाल सिंह सेना के साथ थाने पर पहुंचे। फौज गांव में गई और श्री शिवपूजन सिंह, हरी और खेदू का मकान लूटी तथा आग लगा दी। थाने पर पुनः अधिकार कर लिया ।

मिश्रौली गाँव में फौज श्री पारस नाथ मिश्र के मकान पर हमला करके गल्ला व कीमती सामानों को निकाल कर गाड़ी पर लादे और मकान में तेल छिड़क कर आग लगा दी।

सिकंदपुर मे जमुना राय हुए शहीद 

सिकन्दरपुर के थानेदार फौज के साथ किशोर गांव में पहुंचे। वहाँ श्री जमुना राय को देखते ही गोली मार दी। जमुनाराय वहीं शहीद हो गये। इसके बाद सिकन्दरपुर के श्री राम नगीना राय के मकान पर जाकर उनके मकान में आग लगा दी गई।




रेवती बाजार को फौज ने लूटा 

रेवती में फौज मार्श स्मिथ और नेदर सोल के साथ पहुंची । जो लोग सामने पड़ गए उन्हें बुरी तरह पीटा गया और जेल में ले जाकर बन्द कर दिया गया। रेवती का बाजार फौजियों द्वारा लूट लिया गया और बहुत से मकानों में आग लगा दी गयी । बृज बिहारी सिंह का मकान भी लूट-फूंक से न बच सका ।


फौज की एक टुकड़ी हल्दी गांव में पहुँची, फौज ने बाबू देवेन्द्र सिंह के मकान का ताला तोड़ा और उनके घर के सामान जिसमें गल्ला कपड़ा था उठा लाए और उनके पर में आग लगा दी ।

बांसडीह मे नेदर सोल ने किया अत्याचार 

बाँसडीह तहसील तथा थाने की इमारत को जला हुआ देखकर नेदर सोल जल उठा। आस-पास जो भी मिला उसको पकड़ कर पीटना शुरू किया। सर्व श्री शिव जी मिश्र, डिग्री उपाध्याय, रघुबीर सिंह, राम कृष्ण मलहोंरी तथा नागेश्वर सिंह को उसने बुरी तरह पीटा ।

हनुमानगंज मे शिव प्रसाद की कोठी को फौज ने लूटा 

फौज की टुकड़ी श्री शिव प्रसाद जी की हनुमानगंज कोठी पर पहुंची तथा सामानों को लूटने के बाद कोठी में आग लगाने की तैयारी की। इतने में श्री महादेव प्रसाद बाहर निकले और कहे कि सरकार मैं सरकारी आदमी हूँ और इस इमारत से सटे मेरी भी इमारत है, यदि इसमें आग लगा दी गई तो मेरी भी इमारत जलकर राख हो जायेगी ।नेदर सोल ने आग नहीं लगाया किन्तु बैलगाड़ियों पर उनका सामान बलिया लाया ।बरमाइन निवासी श्री राधाकृष्ण के मकान पर फौज वाले हमला करके उनके सभी सामान लूट लिए और घर में आग लगा दिये ।


खरौनी के श्री शमशेर बहादुर सिंह घोड़े पर चढ़कर बलिया आ रहे थे । पचखोरा के पास इन्हें मि० पियर्स, मि० कक्कड़, डिप्टी कलक्टर से भेट हो गई । पियर्स ने पूछा आप कौन हैं । श्री शमशेर बहादुर ने अपना परिचय दिया। कार में बैठे हुए एक सज्जन ने कहा कि ये सरकार के खैरख्वाह हैं। मि० पियर्स ने इनको छोड़ दिया । किन्तु मि० कक्कड़ के कहने पर कि इनके भाई श्री राधा गोविन्द सिंह काँग्रेस मैन हैं वह श्री शमशेर बहादुर को पकड़ लिया और घोड़े को भगा दिया। श्री शमशेर सिंह को बलिया कोतवाली में लाकर खुलेआम मारा गया। मार्श स्मिथ ने बूट की ठोकरों से मारा और गोली मारने का हुक्म दिया। डाक बंगले के सामने इन्हें गोली मारने की तैयारी की गई। इतने में मि० निगम आ गए। उन्होंने कहा कि फायर मत करो। यह आदमी हजारों रुपयों का मालगुजार है। मि० निगम के कहने पर उन्हें गोली नहीं मारी गयी। लेकिन कोतवाली में लाकर वे बन्द कर दिए गए। डिप्टी कलक्टर श्री ओयस ने उन्हें इस शर्त पर छोड़ा कि वे सरकार के खारख्वाह रहेंगे।