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स्ववित्तपोषित शिक्षकों का उत्पीड़न अब नही कर पाएंगे प्रबन्धक,कुलपति ने जारी किया आदेश

 


कुलपति ने स्ववित्तपोषित शिक्षकों के हित मे लिया निर्णय, शिक्षकों में दौड़ी खुशी की लहर

 डॉ सुनील कुमार ओझा 

आजमगढ़ ।। आज़मगढ़ व मऊ जनपद के महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित शिक्षकों के पक्ष में, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आज़मगढ़ के कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार शर्मा ने 21 जून को एक उल्लेखनीय निर्णय पारित किया।

 कुलपति के निर्देश पर कुलसचिव ने समस्त महाविद्यालयों के प्रबन्धक/प्राचार्य को पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि दिनाँक 13 मार्च 2020 के शासनादेश का कड़ाई से अनुपालन करते हुए, किसी भी स्ववित्तपोषित शिक्षक को अब संविदा विस्तरण की आवश्यकता नहीं होगी अपितु सम्बंधित पाठ्यक्रम के चलते रहने तक अथवा संतोषजनक सेवा के आधार पर उनकी सेवायें अनवरत जारी रहेंगी।साथ ही किसी भी शिक्षक के विरुद्ध किसी भी कार्यवाही से पूर्व नैसर्गिक न्याय का पालन करते हुए  कुलपति  के पूर्वानुमोदन लिया जाना आवश्यक होगा ,अर्थात बिना  कुलपति के अनुमोदन के कोई भी प्रबन्धक या प्राचार्य किसी भी शिक्षक के विरूद्ध कोई कार्यवाही अपने स्तर पर नही कर सकता।





पत्र में यह भी निर्देशित किया गया है कि समस्त सम्बन्धित महाविद्यालय इस निर्देश का कठोरता से पालन करें अन्यथा शासनादेश या विश्वविद्यालय के परिनियम के उल्लंघन होने की स्थिति में पीड़ित शिक्षक  कुलपति  को इस आशय का आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकता है जिस पर उचित कार्यवाही की जाएगी।

स्ववित्तपोषित शिक्षकों में इस आदेश से हर्ष व्याप्त हो गया है।उन्होंने प्राकृतिक न्याय और शासनादेश के कठोरतम पालन से जुड़े इस आदेश के लिए कुलपति  को साधुवाद दिया है जो उन्हें शोषण से बचाएगा। इसकी सूचना महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आज़मगढ़ के मीडिया प्रभारी डॉ पंकज सिंह ने दी है।