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काश नरही क्षेत्र के सफेद बालू के डंपिंग जोन को भी देख लेती डीएम

 





मधुसूदन सिंह

बलिया ।। जिस तरह सिकन्दरपुर क्षेत्र में घाघरा नदी के आसपास के क्षेत्रों में बिना आदेश के सफेद बालू के डंपिंग पर जिलाधिकारी बलिया सौम्या अग्रवाल ने जिस तरह से खनन अधिकारी और पट्टाधारक की क्लास लगाई ,उसको देखने के बाद एक सवाल कौंध रहा है कि काश,जिलाधिकारी नरही क्षेत्र के सफेद बालू के डंपिंग क्षेत्रो को भी देख लेती ?


बता दे कि नरही क्षेत्र गंगा के किनारे से सफेद बालू अवैध रूप से निकालने का सबसे बड़ी एरिया के रूप में चर्चित है । इस क्षेत्र के नारायणपुर,अमांव बघौना, पलियाखास, थमनपुरा आदि जगहों पर अवैध रूप से निकासी करके भंडारण किये जाने की सूचना है लेकिन खनन विभाग हो या प्रशासनिक अमला अबतक किसी ने कार्यवाही करने की जहमत न जाने किस दबाव में नही उठाया है ।

इस क्षेत्र से प्रतिदिन बिहार सैकड़ो ट्राली बालू अवैध तरीके से जा रहा है । इसका वीडियो साक्ष्यों के साथ कई समाचार चैनलों/अखबारों में समाचार चला भी, लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपापोती ही हुई है । ऐसे मे जिलाधिकारी बलिया से यह उम्मीद जगी है कि वो इस क्षेत्र के सबसे बड़े अवैध कारोबार पर रोक लगा सकती है । अब कब इस क्षेत्र का निरीक्षण इनके द्वारा होता है,यह देखने वाली बात है ।





महावीर घाट के क्षेत्र में भी अवैध खनन जोरो पर

बलिया शहर मुख्यालय के दक्षिणी छोर पर स्थित महावीर घाट एरिया मे अवैध रूप से मिट्टी और सफेद बालू का खनन जोरो पर है । यह कार्य रात 11 बजे के बाद और 4 बजे सुबह तक धड़ल्ले से हो रहा है । लेकिन इसको रोकने वाला कोई नही है । बता दे कि इस अवैध खनन के चलते शहर की तरफ कटान का खतरा हमेशा बना रह रहा है । इसके अलावा इसी क्षेत्र से ग्रीन एक्सप्रेस वे के भी निकलने से इस अवैध खनन को रोकना और जरूरी हो गया है । अगर जिलाधिकारी इस क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर ले तो ट्रैक्टरों के पहियों के निशान,जेसीबी के निशान के साथ ही ताजे खोदे गये गड्ढों को देखने के बाद इस अवैध खनन का राज अपने आप खुल जायेगा । लेकिन यह भी तभी हो सकता है जब डीएम साहिबा खुद निरीक्षण करें ।