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मोदी योगी युग मे भी दाने दाने को मोहताज एक परिवार,कफ़न के भी नही है पैसे,कहां गयी योजनाएं,क्या डीएम साहब देंगे जबाब

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। जनपद के प्रत्येक पात्र तक सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पहुंचे इसकी पूरी जिम्मेदारी जिलाधिकारी की होती है । बावजूद इसके अगर कोई परिवार ऐसा मिलता है तो यह जिला प्रशासन की सरकारी नीतियों को जनता तक पहुंचाने में विफलता के रूप में देखी जाएगी । आज मुफ्त में राशन सरकार दे रही है फिर भी यह परिवार और इनके मासूम भूखों सोने को मजबूर क्यो है,इसका जबाब कौन देगा ?










बड़ी बड़ी योजनाएं,लाखो करोड़ो को इससे सहायता भी मिला है, लेकिन शत प्रतिशत पात्रों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है,इसको कहना सत्य नही है । आज भी आपको ऐसे परिवार मिल जाएंगे जिनके पास प्रधान, सेक्रेटरी को चढ़ावा देने की कूबत न होने के कारण योजनाओं के लाभ से वंचित है । आज भी ऐसा गांव नही मिलेगा, जिस गांव के प्रत्येक गरीब तक सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है ।

एक तरफ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री गरीबो को रोजगार,आवास,शौचालय देने का दावा कर रहे ,वही दूसरी तरफ हमारी टीम को एक ऐसा परिवार मिलता है जिसके मुखिया की मौत के बाद परिवार वालो के पास खाने का छोड़िये कफ़न का पैसा भी नही है। मामला दुबहड़ क्षेत्र के शिवपुर बस्ती का है जहां एक अतिदुर्बल परिवार में गरीबी अभिशाप बन कर आयी है और पूरा परिवार भोजन से लेकर कफ़न तक के लिए मोहताज है। पुराने जर्जर मिट्टी के घर मे एक ही जगह रह रहे पीड़ित परिवार की बुजुर्ग महिला ने बताया कि पति घिसियावन की एक दिन पूर्व मौत हो गयी है ,खाने को छोड़िये हमारे पास कफ़न का पैसा भी नही है । 




 इस समय इस पूरे परिवार पर दुखो का पहाड़ टूट पड़ा है । महिला की माने तो बेटे सुनील कुमार पासवान का एक्सीडेंट में पैर टूट गया है जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा और इलाज के लिए भी पैसे नही है। वही ग्रामीणों की माने तो किसी भी तरह बस्ती के लोगो ने मृतक बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया। हालांकि इस मामले पर परिवार वालो की माने तो मदद के लिए गांव के प्रधान के पास भी गए थे लेकिन वहां से कोई मदद नही मिली। दाने-दाने को मोहताज अब पूरा परिवार किसी फ़रिश्ते से मदद के लिए टकटकी लगाए बैठा है वरना भूखे सोने को मजबूर है।