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विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर हुआ आयोजन : आज कलम पर भारी पड़ रहा है कालम : भगवान प्रसाद उपाध्याय




भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस को परिचर्चा कर धूम धाम से मनाया

प्रयागराज ।। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ प्रयागराज के तत्वावधान में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (3 मई) का आयोजन सिविल लाइंस कॉफी अड्डा प्रयागराज में परिचर्चा के साथ संपन्न हुआ । जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण व नगर क्षेत्र के पत्रकार ,छायाकार, साहित्यकार आदि शामिल रहे । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर  जे एन यादव पूर्व जिला सूचना अधिकारी , विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय राष्ट्रीय संयोजक महासंघ ,अमरनाथ झा वरिष्ठ पत्रकार ,सच्चिदानंद मिश्र प्रदेश प्रभारी उत्तर प्रदेश महासंघ आदि मंच पर उपस्थित रहे ।अध्यक्षता मुनेश्वर मिश्र राष्ट्रीय अध्यक्ष महासंघ व संचालन श्याम सुंदर सिंह पटेल राष्ट्रीय महासचिव कार्यालय महासंघ ने किया ।







 कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती व गणेश वंदना के साथ हुई । मां सरस्वती की जय ,भारत माता की जय, पत्रकार महासंघ जिंदाबाद ,विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस जिंदाबाद के नारों के तत्पश्चात अतिथियों व आए हुए सभी भाई बहनों का स्वागत करते हुए विषय प्रवर्तन श्याम सुंदर सिंह पटेल ने किया । कहा कि महासंघ की ओर से आप सभी का स्वागत एवं अभिनंदन है । ज्ञातव्य हो कि 3 मई 1997 को इस दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासंघ ने किया था ,जो नांबिया में स्वतंत्रता एवं बहुलतावादी अफ्रीकी प्रेस को बढ़ावा देने के लिए सेमिनार में विंडहाक घोषणा पत्र जारी किया गया जो स्वतंत्रता ,बहुलतावादी प्रेस की स्थापना उसकी रक्षा एवं प्रोत्साहन की वकालत करता है । इसीलिए इस दिन पूरे विश्व में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है । 

घोषणापत्र के 19वें अनुच्छेद में यह कहा गया है कि हर व्यक्ति को विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है इसमें बिना किसी हस्तक्षेप के अपनी बात कहने एवं सीमाएं बाधाओं से बेपरवाह किसी भी मीडिया से सूचना पाने व देने का अधिकार शामिल है । यह आदेश प्रेस की आजादी को बढ़ावा देने, उसका मूल्यांकन करने, लोगों में इस हेतु जागरूकता पैदा करने ,प्रेस की स्वतंत्रता के लिए जान गवाने वाले पत्रकारों को याद करने, सरकारों को प्रेस की स्वतंत्रता व सम्मान की याद दिलाने व पत्रकारों के बीच प्रेस की आजादी एवं पेशेवर नैतिकता की बहस को बढ़ावा देने वाला दिन के रूप में याद किया जाता है। जिसे हमें जोर शोर से मनाना चाहिए तथा समाचार पत्रों के माध्यम से जन-जन को यह जानकारी देना चाहिए जिससे सभी को इसके महत्व की जानकारी हो इसीलिए आज यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है ।




कार्यक्रम में उपस्थित सभी पत्रकारों ने  अपने अपने विचार रखे व कहा कि हमें संगठित होना चाहिए व प्रेस की आजादी के लिए कार्य करना चाहिए ,खासकर कलम और कॉलम की आजादी पर भी जोर देना चाहिए तभी इसकी सार्थकता होगी ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि जे एन यादव पूर्व जिला सूचना अधिकारी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मैं आप सबका आभारी हूं जो आप लोगों ने मुझे यहां बुलाया यह विषय बहुत महत्वपूर्ण है आजादी सभी को मिलनी चाहिए विशेष रूप से पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत जरूरी है जब तक पत्रकार स्वतंत्र नहीं रहेगा जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है तो हम सब व देश कमजोर हो जाएगा सच को सच साबित करने के लिए  पत्रकार संघर्ष करते हुए अपनी जान की बाजी लगा देता है इसलिए विश्व में इसे जरूरी समझा तो उसे बरकरार रखना चाहिए व मीडिया को हर प्रकार की स्वतंत्रता के साथ-साथ सुरक्षा ,संरक्षा, स्वास्थ्य, बीमा ,उचित सम्मान व आर्थिक मदद होनी चाहिए तभी सब की स्वतंत्रता व खुशहाली बरकरार रहेगी मैं सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं व आप सबको सरकार व प्रशासन हर प्रकार की सुविधाएं व सहायता तथा सुरक्षा प्रदान करें यही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि हमारे देश में पत्रकारिता तो 1826 से शुरू हुई । पत्रकारो ने देश की स्वतंत्रता में 1852 से मिशन की तरह कार्य किया जिसके परिणाम स्वरूप देश 1947 में आजाद हुआ । सच कहे तो उस समय पत्रकारिता प्रथम स्तंभ के रूप में थी, आजादी के बाद व्यवस्थाएं बदली और आज इसे चौथा स्तंभ कहा जाने लगा व मीडिया की आजादी बाधित हुई ।आज के परिवेश में मीडिया मिशन नहीं पैसा कमाने का जरिया बनती जा रही है । आज का पत्रकार बड़े दबाव और तनाव में कार्य कर रहा है । वह असुरक्षित महसूस करने लगा है ।आलम यह है कि कलम उसके हाथ में है कालम प्रेस वालों  के हाथ में है । उसे उचित मूल्य नहीं मिल रहा, आर्थिक तंगी से परेशान है, ऐसे में  पत्रकार को आजादी, उसका सम्मान व उसे उचित मूल्य मिलना चाहिए । जिसके लिए 3 मई 1997 को इसकी जरूरत समझी गई व विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित हुआ । इसे कायम रखने के लिए हम सभी एकजुट व संगठित होकर स्वतंत्रता के लिए कार्य करते रहे जो जनहित और राष्ट्रहित में होगा ।

अध्यक्षता कर रहे श्री मुनेश्वर मिश्र ने कहा की इस स्वतंत्रता को हर स्तर पर पहुंचाने के लिए सभी पत्रकार एकजुट हो तथा पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकारें व प्रेस मलिकान ध्यान दें । पत्रकारों को सभी सुविधाएं व उनके जीवन के लिए आर्थिक व्यवस्था व मदद अधिक से अधिक हो तभी सबका साथ ,सबका विकास एवं सबका विश्वास कायम होगा और देश आगे बढ़ेगा , सभी का धन्यवाद ज्ञापित कर इस अवसर की अपनी शुभकामनाएं दी ।


कार्यक्रम में अपने विचार रखने वाले प्रमुख लोगों में  जे यन यादव, मुनेश्वर मिश्रा,डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय ,सच्चिदानंद मिश्र अमरनाथ झा ,श्याम सुंदर सिंह पटेल, सुधीर सिन्हा ,डॉ रश्मि शुक्ला, विशाखा मिश्रा ,आंचल ओझा, एन के शुक्ला ,कुलदीप शुक्ला ,डॉ राम लखन चौरसिया ,योगेंद्र मिश्र ,सूर्यांश श्रीवास्तव ,अशोक कुमार निषाद, पंकज गुप्ता ,ईश्वर चंद्र शुक्ला , प्रदीप सिंह आदि कई लोग शामिल रहे कार्यक्रम जलपान ,काफी,नाश्ता के साथ बड़े ही खुशनुमा माहौल में संपन्न हुआ