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फर्जी शिकायतकर्ताओं की शिकायत के आधार पर जांच के आदेश से शिक्षक परेशान,बीएसए कार्यालय की संलिप्तता का लगाया आरोप



बलिया ।। एक साल में तीसरी जांच का आदेश होने के बाद प्राथमिक शिक्षक अजय सिंह (प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय भरतपुर मुंडेरा रसड़ा बलिया ) ने व्यथित होते हुए इसको मानसिक यातना, मान सम्मान का हनन बताते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को शिकायती पत्र लिख कर फर्जी शिकायतकर्ता, बीएसए कार्यालय में शिकायतकर्ता से संलिप्त व्यक्ति की जांच कर ,और एक पत्रकार के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही की मांग की है । कहा है कि मेरे खिलाफ की गई सभी शिकायते फर्जी पायी गयी है और यहां तक कि शिकायतकर्ता भी फर्जी पाये गये है । वावजूद इसके आपके द्वारा खण्ड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट, और मेरे अभिकथन को झूठा मानते हुए फर्जी शिकायतकर्ताओं की शिकायतों को ही सही मानकर बार बार जांच टीम गठित कर दी जा रही है जो मानसिक रूप से यातना देनी प्रतीत हो रही है ।



श्री सिंह ने आरोप लगाते हुए बीएसए बलिया से कहा है कि इन शिकायतों का मास्टर माइंड आपके ही कार्यालय का कोई बाबू है और इसका इस्तेमाल एक पत्रकार के द्वारा किया जा रहा है । कहा कि मेरी जितनी भी जांच करानी हो करा लीजिये ,इसके बाद भी अगर कोई शिकायत आती है तो उसके शिकायतकर्ता की पहले जांच हो । कहा कि आपके द्वारा एक साल में मेरी 3 बार जांच कराने का आदेश बिना पिछली जांच रिपोर्टो को देखे ही देना,जहां साजिश का हिस्सा लग रही है , तो वही इस बार बार के आदेश ने मेरे मान सम्मान को गहरा ठेस पहुंचाया है और ऐसा लगता है कि मुझे जानबूझ कर मानसिक यातना देने के लिये किया जा रहा है और इसकी मंशा कुछ और है।




कहा है कि बिना शिकायत कर्ताओं की जांच कराएं ही किसी भी अध्यापक की जांच का आदेश देने का जो प्रचलन आपके कार्यालय द्वारा शुरू किया गया है, वह रुकना चाहिये । क्योंकि जांच में अध्यापक जब सही पाये जा रहे है तो शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिये लेकिन वो शिकायतकर्ता ही फर्जी निकल रहे है । ऐसे में यह प्रतीत हो रहा है कि आपके कार्यालय में कोई एक ऐसा रैकेट है जो एक पत्रकार के साथ मिलकर आर्थिक दोहन के लिये यह कृत्य करा रहा है,जो रुकना चाहिये । साथ ही ऐसे बाबू को चिन्हित करके और इसके साथ मिले हुए पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराना चाहिये । साथ ही यह भी कहा कि रसड़ा के उस पत्रकार के खिलाफ नोटिस भेज दी गयी है और जबाब मिलते ही माननीय न्यायालय में मानहानि का वाद दाखिल कर दिया जायेगा ।