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तीनो जांबाज पत्रकारों का कलेक्ट्रेट पर होगा भव्य स्वागत,पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर भी रहेंगे मौजूद

 










मधुसूदन सिंह

बलिया ।। विगत 30 मार्च से फर्जी तरीके से जेल में बन्द तीनो पत्रकारों दिग्विजय सिंह अजित ओझा व मनोज गुप्ता झब्बू की आज आजमगढ़ जेल से रिहाई होने से पूरे पत्रकारों में खुशी की लहर दौड़ गयी है । बता दे कि इनकी गिरफ्तारी के खिलाफ 30 मार्च से ही चल रहे धरना प्रदर्शन जिला बन्द के बाद 11 अप्रैल से चल रहे क्रमिक अनशन और पूरे देश मे हो रहे इन पत्रकारों के समर्थन में प्रदर्शनों की देन है कि जिला प्रशासन ने इन लोगो के ऊपर लगी सभी आईपीसी की गंभीर धाराओं को हटा लिया,जिसके चलते इन लोगो को सोमवार को माननीय जिला व सत्र न्यायालय से जमानत मिल गयी (दिग्विजय सिंह व झब्बू की 5 दिन पहले ही जमानत हो चुकी थी ) । अब ये साथी दिन के बारह बजे बलिया के कलेक्ट्रेट पर चल रहे क्रमिक अनशन स्थल पर पहुंचेंगे,जहां इनका भव्य स्वागत किया जायेगा ।

बता दे कि पत्रकारों द्वारा चलाये जा रहे क्रमिक अनशन को समर्थन देने के लिये पूर्व मंत्री और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी आज 12 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचने वाले है । सूच्य हो कि इनके पहले पूर्व मंत्री रामगोविंद चौधरी के साथ ही समाजवादी पार्टी के दर्जन भर बड़े नेताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपना समर्थन देने का ऐलान किया है ।

इसके साथ ही कांग्रेस, आप,भाकपा(माले) के नेताओ ने भी पत्रकारों के इस आंदोलन को अपना अपना समर्थन दिया है । इसके साथ ही व्यापार मंडल के सभी संगठनों,देश विदेश के सुप्रसिद्ध मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय,पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी अपना अपना समर्थन देकर आंदोलन में सहयोग प्रदान किया है ।

विभिन्न तरीकों से भी हुआ प्रदर्शन


प्रशासन की आंखों को खोलने और बेगुनाह पत्रकारों की रिहाई के लिये जनपद के पत्रकारों ने संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के बैनर तले कई तरह से प्रदर्शन किया है । सबसे पहले पत्रकारों ने विशाल जुलूस निकाल कर और पूरे शहर में भ्रमण करने के बाद कलेक्ट्रेट पर धरना देकर राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर गिरफ्तार तीनो बेगुनाह पत्रकारों की बाइज्जत रिहाई और डीएम एसपी के निलंबन की मांग की ।

इसके बाद भी जब जिला प्रशासन के रुख में बदलाव नही हुआ तो थाली ताली बजाते हुए पूरे शहर का भ्रमण करते हुए एक जुलूस निकाला और सांकेतिक रूप से डीएम एसपी को बलिया के लिये कोरोना महामारी जैसा बताने का काम किया ।







फिर भी जब डीएम एसपी की बुद्धि शुद्ध नही हुई तो पहले पूरे जनपद में कैंडिल मार्च निकाला गया और इसके अगले दिन बुद्धि शुद्धि यज्ञ करके विरोध जताया गया । जब इससे भी बात नही बनी तो पूरे बलिया जनपद में ऐतिहासिक बंदी प्रशासन के विरोध के बावजूद की गई । इस बंदी में व्यापारियों व आमजनों के सहयोग ने साबित किया कि पत्रकारों को गलत तरीके से जेल भेजा गया है ।

बंदी के बाद भी जब जिला प्रशासन पत्रकारों को कोई ढील देता नही नजर आया तो  11 अप्रैल से क्रमिक अनशन कलेक्ट्रेट परिसर में शुरू किया गया है जो अनवरत जारी है । वही आगामी 30 अप्रैल को देश व प्रदेश भर से पत्रकार जेल भरो आंदोलन में शामिल होने के लिये आ रहे है ।

सूप बजाकर और खून से खत लिख कर भी हुआ है प्रदर्शन

यही नही अपने गिरफ्तार साथियो की रिहाई के लिये स्थानीय पत्रकारों ने कई घरेलू टोटकों का भी प्रयोग किया है । सबसे पहले पत्रकारों ने सुप बजाते हुए कलेक्ट्रेट का उस समय परिक्रमा की जब दोनों अधिकारी कलेक्ट्रेट में मीटिंग कर रहे थे ।"ईशर पइसे दलिदर भागे " कहते हुए पत्रकारों ने जमकर सुप बजाया । सुप की आवाज सुनकर दोनों अधिकारी अपनी अपनी गाड़ियों में बैठकर रफ्फूचक्कर हो गये ।

 









वही संदीप पांडेय और पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह की उपस्थिति में भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के प्रांतीय मुख्य महासचिव मधुसूदन सिंह ने अपने खून से पीएम मोदी को खत लिखकर तीनो गिरफ्तार पत्रकारों की रिहाई व डीएम एसपी के निलंबन की मांग करके इस आंदोलन को राष्ट्र व्यापी बनाने का काम किया ।