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पेपर लीक मामले में भ्रष्ट अधिकारियों को बचा रही है सरकार :राम इकबाल सिंह



बलिया।। पेपर लीक मामले में फर्जी तरीके से गिरफ्तार किए गए तीन पत्रकारों की रिहाई की मांग को लेकर संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के बैनर तले डीएम कार्यालय परिसर में पत्रकारों का चल रहा क्रमिक अनशन बुधवार को सातवें दिन भी जारी रहा। बुधवार पूर्व विधायक रामइकबाल सिंह ने क्रमिक स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को धार दिया। वहीं निर्दोष पत्रकारों की रिहाई की मांग करते हुए भ्रष्ट अफसरों के निलंबन की मांग की।



पूर्व विधायक ने कहा कि पत्रकारों का मामला पूरा देश जान गया है। मैं बधाई दे रहा हूं तीनों पत्रकार साथियों को, जिन्होंने सरकार द्वारा परीक्षा की शुचिता का दावा करने का कलई खोलकर रख दिया है। पत्रकारों को पुरस्कार देने के बजाय उल्टे ही जेल में डाल दिया गया है। जबकि भ्रष्ट अधिकारियों को सरकार बचाने का काम कर रही है। सरकार के इशारे पर अधिकारी जेल में बंद पत्रकारों पर दमन नीति अपना रही है। कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ करोड़ों लोगों की आंख की रोशनी है,यह आत्मा है। जिसे गोली , बंदूक के बल पर दबाया जा रहा है। 




इसके अलावा सरकार द्वारा बूल्डोजर चलाया जा रहा है जो सामाजिक रूप से उचित नहीं है। कहीं ऐसा न हो कि 2024 में यह बूल्डोजर उल्टे ही घूम जाय। पत्रकारों की इस लड़ाई में सभी विपक्ष दल साथ खड़े है। कहाकि हम बधाई दे रहे अमर उजाला को जिसने शराब, पशु तस्करी, बालू व मिट्टी खनन के प्रमुख रूप से प्रकाशित किया है। इस खेल के असली नायक सरकार के अधिकारी है। 

पत्रकार आसिफ जैदी ने कहा कि सच को उजागर करने वाले चौथे स्तम्भ को कुचलने का काम किया जा रहा है तो आमजन को न्याय क्या मिलेगा। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता ‌है। इस बागी बलिया से निकली ‌चिंगारी प्रदेश ही नहीं, पूरे देश में ज्वालामुखी के रूप में फैल चुकी है। पत्रकार मनोज चतुर्वेदी ने कहा कि संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के द्वारा एक पखवाड़े से आंदोलन चलाया जा रहा है। जिसके समर्थन में बलिया ही नहीं पूरा प्रदेश व देश खड़ा हो गया है। हर वर्ग और हर तबका पत्रकारों के साथ खड़ा है। ग्रापए के जिलाध्यक्ष शशिकांत मिश्रा ने कहा कि डीएम ने अपनी काली करतुतों को ‌छिपाने के लिए हमारे तीन निर्दोष पत्रकार साथियों को गिरफ्तार कर जेल में डालने का काम किया है। लेकिन हम भी जब तक हमारे निर्दोष पत्रकार साथी बिना शर्त रिहा नहीं हो जाते, तब तक हम चैन से बैठने वाले नहीं है। यह आंदोलन लगातार चलता रहा। आवश्यकता पड़ी तो पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन भी किया जाएगा। इसलिए अभी भी समय है प्रशासन चेत जाय और तीनों पत्रकारों को बाइज्जत रिहा करें। 

 इस मौके पर अजय भारती, करूणा सिंधु सिंह, अखिलानंद तिवारी, रणजीत मिश्रा, मधुसूदन सिंह, संजय तिवारी, अखिलेश यादव, मनोज चतुर्वेदी, मुकेश मिश्रा, अनिल अकेला, धनंजय सिंह, दिनेश गुप्ता, रवि सिन्हा, राजू दुबे, सन्नी, सनंदन उपाध्याय, विक्की गुप्ता, जितेंद्र उपाध्याय, कैलासपति मिश्रा, प्रभात पांडेय, धनंजय तिवारी, कृष्णकांत पांडेय, हसन खां, कंचन सिंह, विवेक जायसवाल, राजकुमार यादव, रोशन जायसवाल, रत्नेश सिंह, अमित कुमार, सुनील दादा, आलोक कुमार, जयराम अनुरागी, उपेंद्र, संजय सिंह, श्याम प्रकाश शर्मा, दिनेश गुप्ता, आसिफ जैदी, मुशीर जैदी समेत सैकड़ों पत्रकार, अधिवक्ता, व्यापारी, छात्रनेता आदि मौजूद रहे।