Breaking News

जब अंग्रेजो से नेता जी ने कहा -मैं स्वतंत्रता भीख में नही ,हासिल करके लूंगा :पीएम मोदी



मधुसूदन सिंह

नईदिल्ली ।। नेताजी सुभाष चंद्र बोस  की 125वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने रविवार को इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया । इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत मां के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जन्म जयंती पर मैं पूरे देश की तरफ से कोटि-कोटि नमन करता हूं । ये दिन ऐतिहासिक है, ये कालखंड भी ऐतिहासिक है और ये स्थान जहां हम सब एकीकृत हैं ये भी ऐतिहासिक है ।उन्होंने कहा कि जल्द ही इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा भी लगेगी । 


पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी, जिन्होंने हमें स्वाधीन और समप्रभु भारत का विश्वास दिलाया था, जिन्होंने बड़े गर्व, आत्मविश्वास और साहस के साथ अंग्रेजों के सामने कहा था कि मैं स्वतंत्रता की भीख नहीं लूंगा, मैं इसे हासिल करूंगा ।उन्होंने कहा कि ये प्रतिमा आजादी के महानायक को कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि है ।नेताजी सुभाष की ये प्रतिमा हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को, हमारी पीढ़ियों को राष्ट्रीय कर्तव्य का बोध कराएगी । आने वाली और वर्तमान पीढ़ी को निरंतर प्रेरणा देती रहेगी ।


पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछले साल से देश ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है । आज इस अवसर पर सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार भी दिए गए हैं । नेताजी के जीवन से प्रेरणा लेकर ही इन पुरस्कारों को देने की घोषणा की गई थी । पीएम मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि पिछले वर्ष, आज के ही दिन मुझे कोलकाता में नेताजी के पैतृक आवास भी जाने का अवसर मिला था । जिस कार से वो कोलकाता से निकले थे, जिस कमरे में बैठकर वो पढ़ते थे, उनके घर की सीढ़ियां, उनके घर की दीवारें, उनके दर्शन करना, वो अनुभव, शब्दों से परे है ।









प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं 21 अक्टूबर 2018 का वो दिन भी नहीं भूल सकता, जब आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष हुए थे ।लाल किले में हुए विशेष समारोह में मैंने आजाद हिंद फौज की कैप पहनकर तिरंगा फहराया था ,वो पल अद्भुत है, अविस्मरणीय है । इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि हमने  राहत, बचाव व पुनर्वास  पर जोर देने के साथ ही सुधार पर भी बल दिया है । हमने एनडीआरएफ को मजबूत किया, उसका आधुनिकीकरण किया, देश भर में उसका विस्तार किया । टेक्नोलॉजी से लेकर प्लानिंग और मैनेजमेंट तक, सर्वोच्च सम्भव अभ्यास को अपनाया गया ।


इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पहले एक-एक साइक्लोन में सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो जाती थी, लेकिन पिछले दिनों आए साइक्लोन में ऐसा नहीं हुआ ।देश ने हर चुनौती का जवाब एक नई ताकत से दिया ।इन आपदाओं में हम ज्यादा से ज्यादा जीवन बचाने में सफल रहे । प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भूकंप, बाढ़ या साइक्लोन का खतरा ज्यादा रहता है, वहां पर पीएम आवास योजना के तहत बन रहे घरों में भी आपदा प्रबंधन का ध्यान रखा जाता है । उत्तराखंड में चारधाम महा परियोजना में भी आपदा प्रबंधन का ध्यान रखा गया है ।


उन्होंने कहा कि हमारे सामने आजादी के सौंवे साल से पहले नए भारत के निर्माण का लक्ष्य है ।नेताजी को देश पर विश्वास था, उनके ही भावों के कारण मैं कह सकता हूं कि दुनिया की कोई भी ताकत नहीं है जो भारत को इस लक्ष्य तक पहुंचने से रोक सके ।पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का संकल्प है कि भारत अपनी पहचान और प्रेरणाओं को पुनर्जीवित करेगा । ये दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया गया ।